मुंबई का नाम सुनते ही आपके ज़हन में सबसे पहले सपनों का वो शहर आता है जो आप रोज़ की बॉलीवुड फिल्मों और टी.वी सीरियल्स में देखते हैं, उँचीं उँचीं बिल्डिंग्स, कभी ना रुकने वाली गाड़ियाँ, भागते हुए लोग। क्या कभी आपने सोचा है कि, मुंबई जैसा आधुनिक शहर भी आपको पुराने ज़माने के काल में ले जा सकता है।
जी हाँ! कंक्रीट के इस शहर में, हज़ारों साल पहले के काल से आपको जोड़ती ऐसी ही एक गुफा मौजूद है। चारों ओर कंक्रीट के जंगलों के बीच मुंबई के अंधेरी उपनगर में स्थित है यह गुफा। कहा जाता है कि, यह वही गुफा है जिसने संघर्ष के दिनों में विश्व विख्यात लेखक और गीतकार जावेद अख्तर को जगह दी थी। कई रात अख्तर साहब ने यहीं बिताई है।
महाकाली गुफा
Image Courtesy: Jeevan Balwant
महाकाली गुफा मुंबई शहर में स्थित दो गुफ़ाओं में से एक है जो लगभग 2000 साल पुरानी है।
अंधेरी पूर्व में स्थित यह गुफा एक बौद्धिक मठ हुआ करता था। इस गुफा में एक दिन की यात्रा जहाँ पत्थरों को काट कर बनाए गयी रचना आपके दिन को उत्साही बना देगी। ठोस काले बसॉल्ट चट्टानों से बनी यह संरचना आपको हज़ारों साल पुराने काल की यात्रा में ले जाएगी।
महाकाली गुफा को किसी समय में कोन्दीवित की गुफ़ाएँ भी कहा जाता था। यह एक बौद्धिक मठ होने के साथ-साथ कई बौद्ध भिक्षुओं का वास भी हुआ करता था। हालाँकि यह गुफा अजंता एलोरा की तरह उतना विशाल नहीं हैं पर पर्यटकों के बीच ये एक अलग ही आकर्षण का केंद्र है।
महाकाली गुफा
Image Courtesy: Himanshu Sarpotdar
यहाँ की वास्तुकला और शैलियाँ
बौद्धिक पौराणिक कथाओं को यहाँ खुदे हुए शैलियों से जाना जा सकता है। गुफ़ा के अंदर प्रार्थना घर और कक्ष हैं जहाँ बौद्ध भिक्षु रहा करते थे। महाकाली गुफा, 19 गुफ़ाओं से मिलकर बनाई गयी है और इसका निर्माण लगभग 1 शताब्दी से 6 वीं शताब्दी के बीच हुआ है।
महाकाली गुफा के बीचोंबीच एक शिव मन्दिर भी है। यहाँ एक विशाल शिवलिंग हैं। कहा जाता है कि, जो भी इस शिवलिंग में सिक्का चिपका कर मन्नत माँगता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। इस मन्दिर के परिसर की दीवार पर कुछ देवी देवताओं के चित्र भी बने हुए हैं। महाकाली गुफ़ा में 9वीं गुफ़ा सबसे बड़ी है, इस गुफ़ा में बौद्ध की पौराणिक कथा और बुद्ध के सात चित्र बने हुए हैं।
महाकाली गुफा में बौद्ध स्तूप
Image Courtesy: Sainath Parkar
यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि ऐसे आधुनिक और कंक्रीट से भरे पड़े शहर के बीचोबीच हज़ारो साल पुराने निशान अभी भी मौजूद हैं। यह गुफा पुराने ज़माने की कई संस्कृति और परंपराओं की ओर इंगित करता है।
गुफ़ में 9वीं गुफा चैत्या(प्रार्थना घर) और अन्य विहार(बौद्ध भिक्षुओं का वासस्थल) हैं। यह मुंबई का एक यूनीक आकर्षक केंद्र है।
महाकाली गुफा पहुँचें कैसे?
महाकाली गुफा आराम से मुंबई की सड़कों द्वारा पहुँचा जा सकता है क्युंकि यह मुंबई के उपनगर में ही स्थित है।
गुफा के दीवारों पर बनी देवी देवताओं की कृतियाँ
Image Courtesy: Himanshu Sarpotdar
बस द्वारा: महाकाली गुफा के मार्ग से कई सारी बसें गुज़रती हैं। अंधेरी रेलवे स्टेशन जो यहाँ से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है, से 30 मिनट का समय लगता यहाँ पहुँचने के लिए।
ट्रेन द्वारा: अंधेरी रेलवे स्टेशन यहाँ का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।
आप कोई निजी टैक्सी या कैब बुक करके भी यहाँ पहुँच सकते हैं।
ऐसे ही कई पुराने धरोहरों को बस थोड़े ध्यान की ज़रूरत है क्युंकि ये भारत की संस्कृति और परंपराओं को पूर्ण दर्शाते हैं।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
Read in English: A Step in the Olden Times: Mahakali Caves in Mumbai