देश की प्राचीन राजधानी और 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से जाने वाला शहर कोलकाता, इतिहास के कई चिन्हों को अब तक अपने में समेटे हुए है। आज भी यहाँ प्राचीन संस्कृतियों और परम्पराओं की झलक साफ़ दिखाई देती है। पुराने हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे और ट्राम्स जैसे पुराने यातायात के साधन आज भी आप यहाँ सड़कों में दौड़ते भागते हुए देख पाएंगे।
इतिहास और पुरानी परम्पराओं के साथ कोलकाता ने आधुनिकता को भी बखूबी स्वीकारा है। ब्रिटिश शासन के दौरान जब कोलकाता एकीकृत भारत की राजधानी थी, कोलकाता को लंदन के बाद ब्रिटिश साम्राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर माना जाता था। इस शहर की पहचान महलों का शहर, पूरब का मोती इत्यादि के रूप में थी। महलों के इसी शहर में कई सारी रचनाएँ, स्मारक और महलों का निर्माण किया गया जो आज भी अपनी चमक और आकर्षण से दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
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कोलकाता के इन्हीं महान निर्माणों में से एक है यहाँ का मार्बल पैलेस। मार्बल पैलेस का मतलब संगमरमर का महल, 19वीं शताब्दी में बनाया गया यह विशाल महल उत्तरी कोलकाता की शान है। यह 19वीं सदी के कैलकटा की सबसे सर्वश्रेष्ठ संरक्षित, खूबसूरत आकर्षक कोठियों में से एक है। कोलकाता के मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट में स्थापित यह भव्य रचना आपको कोलकाता के 19 वीं सदी के समय में रिहायशी इलाकों के जीवन के सैर पर ले जाएगी।
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चलिए आज हम इसी आकर्षक मार्बल पैलेस की सैर पर चलते हैं उसकी कुछ समृद्ध तस्वीरों के साथ।
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मार्बल पैलेस
अगर आप कोलकाता शहर में नये हैं तो आपको इस महल को ढूंढने में थोड़ी मुश्किल होगी जैसा कि यह कोलकाता के भीड़ भरे इलाके, मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट में स्थापित है इसलिए।
Image Courtesy:Mjanich
मार्बल पैलेस
जब आप यहाँ पहुँचेंगे तो पहले पहल महल के चारों ओर का परिवेश आपको संशय की दृष्टि से भर देगा पर जैसे ही आप महल के परिसर की ओर प्रवेश करेंगे, एक अलग ही दुनिया आपका बांह पसारे स्वागत करेगी जो आपको सीधे कोलकाता के शाही और भव्य इतिहास में ले जाएगी।
Image Courtesy:Debnathsonu1996
मार्बल पैलेस
महल का निर्माण राजा राजेन्द्रो मल्लिक के निवास स्थल के रूप में हुआ था जो उस समय के धनी मकान मालिक और व्यापारी हुआ करते थे। यह महल भारत की सबसे अच्छी तरह से संरक्षित की गई रचनाओं की सूचि में शामिल है।
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मार्बल पैलेस
महल के अंदर प्रवेश करने के लिए आपको सबसे पहले पश्चिम बंगाल के पर्यटन विभाग से बकायदा अनुमति लेनी होगी। एक बार प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद आप जब अंदर की ओर प्रवेश करेंगे, प्रवेश द्वार आपको बड़े से परिसर के विशाल बगीचे में ले जायेगा जहाँ संगमरमर की शानदार रचना अपने भव्य आकर्षण के साथ केंद्र में स्थापित है। महल का यह नाम इसके मार्बल के फर्श और दीवारों के होने की वजह से पड़ा।
Image Courtesy:Ishan ghosh90
मार्बल पैलेस
बगीचे में कई आकर्षक मूर्तियां स्थापित हैं, जिनमें शेर, क्रिस्टोफर कोलंबस, वर्जिन मेरी, जीसस क्राइस्ट आदि जैसी आकृतियां सम्मिलित हैं। एक बड़ा से पानी का तालाब भी है जो कई सुन्दर और अलग -अलग प्रकार की जाति के पक्षियों का वास है।
Image Courtesy:Swarnasubarna26
मार्बल पैलेस
महल के अंदर कई खूबसूरत चित्र जो दुनिया भर के अलग-अलग महान कलाकारों द्वारा बनाये गए हैं, बड़े-बड़े शीशे, महल की छतों पर लटके हुए चमकदार झूमर, कई प्रतिमाएं और पूर्वी अलंकृत कलश अपने भव्य आकर्षण से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
Image Courtesy:Swarnasubarna26
मार्बल पैलेस
पश्चिमी मूर्तियों, यूनिक चित्रों और विक्टोरियन फर्नीचर की प्रभावशाली श्रृंखला आपको कोलकाता की गौरवशाली अतीत में ले जाती हैं जहाँ आप बंगाली व्यपारियों के जीवन शैली के बारे में सोच में पड़ जायेंगे।
Image Courtesy:Ishan ghosh90
मार्बल पैलेस
महल के परिसर में एक छोटा सा चिड़ियाघर भी है, जहाँ आपको हॉर्नबिल, मोर, सारस और बगुले जैसे पक्षी देखने को मिलेंगे। कहा जाता है कि यह भारत में खुलने वाला सबसे पहला चिड़ियाघर था।
Image Courtesy:Debnathsonu1996
कोलकाता में स्थित अन्य आकर्षण
पैलेस महल के साथ-साथ यहाँ के अन्य आकर्षण हैं जहाँ आप अपनी कोलकाता की यात्रा में ज़रूर जाएँ, विक्टोरिया मेमोरियल, ईडन गार्डन, इंडियन म्यूज़ियम, हावड़ा पुल, सेंट पॉल'स कैथेड्रल और रबिन्द्र सरोवर आदि।
Image Courtesy:Shahnoor Habib Munmun