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भारत की 10 सबसे मशहूर आलीशान मस्जिदें

By Khushnuma

यूँ पर्यटकों के लिए भारत में किसी भी चीज़ की कोई कमी नहीं है चाहे वो हिल स्टेशन हो या फिर ऐतिहासिक इमारतें। सदियों पुरानी इन ऐतिहासिक इमारतों की खूबसूरत नक्काशियां भारत के ऐतिहासिक भूतकाल की एक सुनहरी तस्वीर दर्शाती है। ऐसे ही हैं ये आलीशान मशहूर ऐतिहासिक मस्जिदें जिनको देख आँखें एक पल भी झपकने को राज़ी नहीं होतीं।
जी हाँ दोस्तों आज हम आपको सैर कराएँगे भारत की मशहूर आलीशान ऐतिहासिक मस्जिदों की जिनके पीछे छिपीं कहानियां किसी रोमांचक कहानियों से कम नहीं। भारत एक ऐसा देश है जहाँ सभी मज़हबों के लोग आज़ादी से अपने अपने मज़हब का पालन करते हैं। इसीलिए भारत को विविधता से भरा देश भी कहते हैं जहाँ कई तरह की ज़ुबान बोली जाती हैं साथ ही हर मज़हब का एहतराम भी किया जाता है। यह किसी भी देश में शायद ही होता हो। तो क्यों न इस वेकेशन इन आलीशान मस्जिदों की सैर की जाये।
पढ़ें: 5 सबसे मशहूर धार्मिक स्थल जहाँ पहुंचकर आप पा सकते हैं सुकून के पल

1- चेरमन जुमा मस्जिद, कोडुन्गल्लुर

1- चेरमन जुमा मस्जिद, कोडुन्गल्लुर

चेरमन जामा मस्जिद कोडुन्गल्लुर की सबसे खूबसूरत और मशहूर मस्जिदों में से एक है साथ ही यह कोडुन्गल्लुर के धार्मिक स्थलों में बे-मिसाल है। इस मस्जिद की तामील 629 में मलिक बिन दीनार ने करवाई थी। यह मस्जिद पूरी दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में दूसरे नंबर पर है। सभी धर्मों के लोग बड़ी आस्था सी इस मस्जिद का दीदार करने आते हैं साथ ही इस मस्जिद के सभी कानों का एहतराम करते हैं। तो इस वेकेशन आप इस विश्व की दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद में अपनी हाज़िरी लगा सकते हैं।
Image Courtesy:Magnus Manske

चेरमन जुमा मस्जिद, कोडुन्गल्लुर कैसे जाएँ

चेरमन जुमा मस्जिद, कोडुन्गल्लुर कैसे जाएँ

कोडुन्गल्लुर कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
कोडुन्गल्लुर का निकटतम हवाई अड्डा कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कोच्चि हवाई अड्डा भारत के सभी प्रमुख शहरों जैसे चेन्नई, बैंगलोर, दिल्ली और हैदराबाद से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वो पर्यटक जो हवाई मार्ग द्वारा आते हैं उनके लिए हवाई अड्डे से टैक्सियां उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग द्वारा
कोडुन्गल्लुर का निकटतम स्टेशन इरिगालाकुदा (16 किमी.) है। इरिगालाकुदा से केरल के विभिन्न भागों के लिए नियमित रेलसेवा उपलब्ध है। इस स्टेशन से कोडुन्गल्लुर शहर के लिए टैक्सी सेवा उपलब्ध है। बस और ऑटो रिक्शा भी उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
कोडुन्गल्लुर रास्ते द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। केरल राज्य सड़क परिवहन (केएसआरटीसी) की और निजी परिवहन की नियमित बसें उपलब्ध हैं। पर्यटक कोच्चि (35 किमी.), त्रिशूर (38 किमी.) और गुरुवायूर (45 किमी.) से यहाँ पहुँच सकते हैं। दक्षिण भारत के अन्य प्रमुख शहरों से भी बस उपलब्ध हैं।
Image Courtesy:Magnus Manske

2- दरगाह शरीफ, अजमेर

2- दरगाह शरीफ, अजमेर

हजरत ख्वाजा मोईनुद्‍दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह एक ऐसा पाक शफ्फाक नाम है जिसे मात्र सुनने से ही रूह को सुकून मिलता है। अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोईनुद्‍दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह की मजार की जियारत कर दरूर-ओ-फातेहा पढ़ने की चाहत हर ख्वाजा के चाहने वालों की होती है। वो एक बार इस दरबार में अपनी हाज़िरी लगाने अवश्य आना चाहते हैं। यहाँ आने वाले जायरीन चाहे वे किसी भी मजहब के क्यों न हों ख्वाजा के दर पर दस्तक देने के बाद उनके जहन में सिर्फ अकीदा और लबों पर शांति अमन का पैगाम ही बाकी रहता है।
Image Courtesy:Zakir Naqvi

ख्वाज़ा मोईनुद्‍दीन चिश्ती की दरगाह, अजमेर कैसे जाएँ

ख्वाज़ा मोईनुद्‍दीन चिश्ती की दरगाह, अजमेर कैसे जाएँ

ख्वाज़ा मोईनुद्‍दीन चिश्ती की दरगाह कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
जयपुर में स्थित सांगानेर हवाई अड्डा अजमेर का निकटतम हवाई अड्डा है जो 132 किमी. की दूरी पर स्थित है। शहर तक पहुँचने के लिए हवाई अड्डे से किराये की टैक्सी ली जा सकती है। यह हवाई अड्डा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नियमित उड़ानों द्वारा जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग द्वारा
अजमेर जंक्शन अजमेर का निकटतम रेल्वे स्टेशन है। क्योंकि यह राज्य का प्रमुख रेल्वे स्टेशन है, यहाँ से भारत के सभी प्रमुख शहरों के लिए रेल उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
अजमेर शहर दिल्ली और मुंबई के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्वर्णिम चतुर्भुज पर स्थित है। इसके अलावा, अजमेर राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर और भरतपुर जैसे सभी प्रमुख शहरों से सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राज्य संचालित बसों के अलावा कई पर्यटक बसों की सेवा भी उपलब्ध है।
Image Courtesy:Shmunmun

3- हाजी अली मस्जिद, मुंबई

3- हाजी अली मस्जिद, मुंबई

'पिया हाजी अली पिया हाजी अली, तू दो आलम के वली पिया हाजी अली' यह कव्वाली तो आपने सुनी ही होगी और आप इससे भी अछूते नहीं रहे होंगे कि जब भी आपके दरमियान मायानगरी की बात हो और आपके ज़हन में हाजी अली की तिजारत का ख्याल ना आया हो। तो चलिए इस वेकेशन मुंबई की सैर के साथ साथ हाजी अली की दरगाह में हाज़िरी भी लगा आते हैं। क्यूंकि इस मस्जिद का अद्भुत नज़ारा देख श्रद्धालु कुदरत के करिश्मे पर से अपना यक़ीदा नहीं खो सकते। यह दरगाह समुद्र के बीच में बनी है और यहाँ श्रद्धालु अपनी मनोकामना को लेकर हाजी अली के दरबार में में अवश्य आना चाहते हैं।
Image Courtesy:Nichalp

हाजी अली मस्जिद, मुंबई कैसे जाएँ

हाजी अली मस्जिद, मुंबई कैसे जाएँ

हाजी अली मस्जिद, दरगाह कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
आजकल मुंबई में घरेलू उड़ान संचालन सुबह 5 बजे शुरू होता है और आखिरी उड़ान रात को 2 बजे खत्म होती है। अत: लगभग पूरे समय उड़ान उपलब्ध रहती हैं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों हवाई अड्डे उन्नत यात्री प्रबंधन और विश्राम/ पारगमन लाउंज सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
रेल मार्ग द्वारा
परिवहन का सबसे पसंदीदा साधन रेल है। मुंबई में दो प्रमुख लाइन हैं जो गंतव्यों को उत्तर और पूर्व से जोड़ती हैं जिन्हें वेस्टर्न और सेंट्रल लाइन कहा जाता है। सभी प्रमुख जंक्शन और टर्मिनस स्टेशन प्रतीक्षालयों और फ़ूड कोर्ट से सुसज्जित हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
मुंबई उत्तर से आगरा रोड़ द्वारा जुड़ा हुआ है जिसे एलबीएस मार्ग कहा जाता है जो आगरा की ओर जाता है तथा विभिन्न राज्यों से होकर गुज़रता है। ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस हायवे उत्तर पूर्व में इंदौर को और उत्तर में अहमदाबाद को जोड़ते हैं। एक्सप्रेस वे से पुणे जाने के लिये मात्र डेढ़ घंटे का समय लगता है। गोवा से नेशनल हायवे 7 द्वारा भी इस शहर तक पहुँचा जा सकता है। यहाँ से मुंबई रास्ते द्वारा लगभग 9 घंटे में पहुँचा जा सकता है।
Image Courtesy:Karan Shah

4- जामा मस्जिद, दिल्ली

4- जामा मस्जिद, दिल्ली

जामा मस्जिद मुगलकाल की बेहतरीन कला व नक्काशी का बेजोड़ नमूना है जिसे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया था। जामा मस्जिद पूरे भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी मस्जिदों में एक है। इस मस्जिद की खासियत यह है कि यहाँ हर किस्म का पत्थर लगा हुआ है। बताया जाता है कि जब यह मस्जिद बनी थी तब इसकी लागत 10 लाख रू. की थी जिसमे इस लागत में यहाँ लगे पत्थरों की कीमत मौजूद शामिल नहीं है। सादुल्ला खान और फज़ल खान की देख रेख में इस मस्जिद का निर्माण हुआ था।
Image Courtesy:Travis Wise

जामा मस्जिद की एक छोटी सी कहानी जो इसकी खूबसूरती और महत्व को दर्शाती है

जामा मस्जिद की एक छोटी सी कहानी जो इसकी खूबसूरती और महत्व को दर्शाती है

जामा मस्जिद ज़मीन से तक़रीबन 30 फुट की ऊंचाई पर एक लाल रंग के चबूतरे पर बनाई गई है। कहा जाता है कि जब जामा मस्जिद बनकर तैयार हुई तब ईद का त्यौहार करीब था। बादशाह ने सोचा की अगर इसकी सफाई कराई जाए तो ईद की नमाज़ इस मस्जिद में अदा नहीं हो पाएगी क्यूंकि तब तक यह साफ़ नहीं हो पायेगी इसलिए उन्होंने हुक्म दिया मीर इमारत को की यह पैगाम आवाम में फैला दिया जाए कि जिसको जो भी सामान चाहिए वो यहाँ से मुफ्त में उठकर ले जा सकता है। ऐसा करने से देखते देखते जामा मस्जिद पूरी साफ़ हो गई और ईद की नमाज़ यहीं अदा की गई।
Image Courtesy:nborun

जामा मस्जिद की आकर्षण का केंद्र

जामा मस्जिद की आकर्षण का केंद्र

जामा मस्जिद में 3 आलीशान दरवाज़े हैं और तीनों में बड़ी लम्बी, चौड़ी सीढियाँ हैं। इसके उत्तर की ओर जो दरवाज़ा है उसमे 39 सीढियाँ हैं जिनसे गुज़रकर पर्यटक जामा मस्जिद में प्रवेश कर पाते हैं। कहा जाता है कि इस मस्जिद का नक़्क़शा अरब और कुस्तुनतुनिया की मस्जिदों की तर्ज पर है। इसकी लम्बाई 261 फुट और चौड़ाई 90 फुट है। मस्जिद में 3 विशाल गुम्बद हैं जो कमरखनुमा लगते हैं जिनकी एक पट्टी संगमूसा और एक पट्टी संगमरमर का है और ऊपरी हिस्सा सुनहरा है।
Image Courtesy:Koshy Koshy

जामा मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ

जामा मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ

जामा मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल है जहाँ से बंगलौर, पुणे, मुंबई जैसे प्रमुख शहरों से, आदि नियमित उड़ानें पुनः दिल्ली के लिए उपलब्ध है। हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है, जो दुनिया भर के सभी प्रमुख स्थलों से जुड़ा है।
रेल मार्ग द्वारा
भारत में ट्रेन से दिल्ली पहुचना साधारण कार्य है क्यूंकि लगभग हर जगह से दिल्ली के लिए गाड़ियों है। दिल्ली में कई रेलवे स्टेशन हैं जहां से देश के विभिन्न भागों में ट्रेने संचालित की जाती है। स्थानीय यात्रा के लिए दिल्ली मेट्रो के एक आसान विकल्प के रूप में है क्यूंकि यह सुविधाजनक है और सड़क परिवहन की तुलना में बहुत तेज है।
सड़क मार्ग द्वारा
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल है जहाँ से बंगलौर, पुणे, मुंबई जैसे प्रमुख शहरों से, आदि नियमित उड़ानें पुनः दिल्ली के लिए उपलब्ध है। हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है, जो दुनिया भर के सभी प्रमुख स्थलों से जुड़ा है।
Image Courtesy:Dan Searle

5- शेख सलीम चिश्ती दरगाह, अजमेर

5- शेख सलीम चिश्ती दरगाह, अजमेर

हज़रत सलीम चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह एक बहुत ही बड़ी हस्ती हैं जिनके दरबार में हर फरियादी अपनी फ़रियाद लेकर पहुँचता है। फतेहपुर में महान सूफी संत हज़रत सलीम चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह की समाधि मौजूद है। यह आस्थाओं का एक बहुत बड़ा संगम है। जहाँ पर्यटक आना अवश्य पसंद करते हैं। साथ ही यह मुगलकाल की आलीशान कलात्मक नक्काशियों का बेजोड़ नमूना है। कहा जाता है कि बादशाह अकबर ने अपने बेटे सलीम की पैदाइश की ख़ुशी में सलीम चिश्ती की याद में इस मकबरे को बनवाया था। यहाँ का इतिहास बहुत लम्बा और बेहद रोमांचक है।
Image Courtesy:Manuel Menal

शेख सलीम चिश्ती दरगाह, अजमेर कैसे जाएँ

शेख सलीम चिश्ती दरगाह, अजमेर कैसे जाएँ

शेख सलीम चिश्ती दरगाह, अजमेर कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
यहाँ से 40कि.मी. दूर आगरा में स्थित खेडि़या हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है। आप फतेहपुर सीकरी तक पहुँचने के लिए किराए पर टैक्सी ले सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा
निकटतम रेलवे स्टेशन आगरा कैंट में है जहाँ देश के सभी स्थानों से ट्रेन सेवा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग द्वारा
फतेहपुर सीकरी आगरा और दिल्ली सहित राज्य परिवहन निगम की नियमित बससेवा द्वारा आगरा और पड़ोसी शहरों से जुड़ा है।
Image Courtesy:Sagarkapoor29

6- मोती मस्जिद, भोपाल

6- मोती मस्जिद, भोपाल

मध्यप्रदेश के झीलों के शहर भोपाल में मोती मस्जिद स्थित है। इस मस्जिद को 1860 में 'कदसिया बेगम' की बेटी सिकंदर जहाँ बेगम ने बनवाया था ऐसा अनुमान है कि इस आलीशान मस्जिद की बुनियाद तक़रीबन डेढ़ सौ साल पहले रखी गई थी। यह मस्जिद कलात्मक शैली का अद्भुत नगीना है। इस मस्जिद की दो मीनारें लाल गहरे रंग की हैं साथ ही यह मीनारें ऊपर से नुकीली हैं जो देखने में सोने के सामान हैं।
Image Courtesy:Arian Zwegers

भोपाल, मोती मस्जिद कैसे जाएँ

भोपाल, मोती मस्जिद कैसे जाएँ

मोती मस्जिद कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
भोपाल एयरपोर्ट को राजा भोज एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है जो शहर से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से प्रतिदिन कई राष्‍ट्रीय और अंर्तराष्‍ट्रीय उड़ाने भरी जाती हैं। यहां से मुम्‍बई, दिल्‍ली, इंदौर और ग्‍वालियर के लिए रोजाना उड़ान भरी जाती है। भोपाल एयरपोर्ट से शारजहां और दुबई के लिए नियमित उड़ाने उपलब्‍ध है। कुछ अंर्तराष्‍ट्रीय एयरलाइंस भी इस हवाई अड्डे से जुड़ी हुई है।
रेल मार्ग द्वारा
यह शहर रेल के द्वारा देश के लगभग हिस्‍सों से अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। भोपाल रेलवे स्‍टेशन से दिल्‍ली, मुम्‍बई, कोलकाता और चेन्‍नई के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाती हैं। यहां से दिल्‍ली, ग्‍वालियर और इंदौर के लिए शताब्‍दी एक्‍सप्रेस भी चलती हैं। भोपाल रेलवे स्‍टेशन से कैब या ऑटो की मदद से शहर की सैर पर जाया जा सकता है।
सड़क मार्ग द्वारा
राज्‍य सरकार द्वारा भोपाल में अच्‍छी बस सुविधा मुहैया करवाई गई है। ये बसें आरामदायक होती है। यहां से अन्‍य शहरों तक जाने के लिए एसी बसें भी मिल जाती हैं। भोपाल में बस डिपो, प्री - पेड टैक्‍सी और ऑटो रिक्‍शा की सुविधा भी प्रदान करते है।
Image Courtesy:carol mitchell

7- अढ़ाई दिन का झोंपड़ा मस्जिद,अजमेर

7- अढ़ाई दिन का झोंपड़ा मस्जिद,अजमेर

अढ़ाई दिन का झोपड़ा की कहानी बेहद रोमांचक है। यह आलीशान मस्जिद मुग़ल काल की कला का अद्भुत नमूना है। ऐसा माना जाता है कि इस मस्जिद को अढ़ाई दिन में बनाया गया था इसलिए इसका नाम अढ़ाई दिन पड़ गया। इस मस्जिद में 7 मेहराब हैं जिनपर कुरान की आयतें लिखी हुई हैं। यह मस्जिद भारतीय मुस्लिम वास्तुकला का एक जीता जागता उदाहरण है।
Image Courtesy:Ramesh Lalwani

अढ़ाई दिन का झोंपड़ा मस्जिद, अजमेर कैसे जाएँ

अढ़ाई दिन का झोंपड़ा मस्जिद, अजमेर कैसे जाएँ

अढ़ाई दिन का झोंपड़ा मस्जिद, अजमेर कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
जयपुर में स्थित सांगानेर हवाई अड्डा अजमेर का निकटतम हवाई अड्डा है जो 132 किमी. की दूरी पर स्थित है। शहर तक पहुँचने के लिए हवाई अड्डे से किराये की टैक्सी ली जा सकती है। यह हवाई अड्डा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नियमित उड़ानों द्वारा जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग द्वारा
अजमेर जंक्शन अजमेर का निकटतम रेल्वे स्टेशन है। क्योंकि यह राज्य का प्रमुख रेल्वे स्टेशन है, यहाँ से भारत के सभी प्रमुख शहरों के लिए रेल उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
अजमेर शहर दिल्ली और मुंबई के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्वर्णिम चतुर्भुज पर स्थित है। इसके अलावा, अजमेर राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर और भरतपुर जैसे सभी प्रमुख शहरों से सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राज्य संचालित बसों के अलावा कई पर्यटक बसों की सेवा भी उपलब्ध है।
Image Courtesy:Arefin.86

8- जमाली कमाली मस्जिद, दिल्ली

8- जमाली कमाली मस्जिद, दिल्ली

अगर आप वेकेशन में कुछ नया अनुभव करने की सोच रहे हैं तो जमाली-कमाली मस्जिद की सैर एक बेहद खूबसूरत एहसास होगा। इस मस्जिद की खासियत यह है कि यह अपनी नक्काशियों कलात्मक शैलियों व खूबसूरती के साथ साथ ऐतिहासिक इमारत भी है। यह मस्ज्दि सिंकदर लोधी के काल में राज कवि सूफी संत जमाली-कमाली के नाम पर व उनको समर्पित है। यह मस्जिद पर्यटक की दृष्टि से बेहद खूबसूरत और आकर्षण है।
Image Courtesy:Ankitkumarsaxena

जमाली कमाली मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ

जमाली कमाली मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ

जमाली कमाली मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल है जहाँ से बंगलौर, पुणे, मुंबई जैसे प्रमुख शहरों से, आदि नियमित उड़ानें पुनः दिल्ली के लिए उपलब्ध है। हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है, जो दुनिया भर के सभी प्रमुख स्थलों से जुड़ा है।
रेल मार्ग द्वारा
भारत में ट्रेन से दिल्ली पहुचना साधारण कार्य है क्यूंकि लगभग हर जगह से दिल्ली के लिए गाड़ियों है। दिल्ली में कई रेलवे स्टेशन हैं जहां से देश के विभिन्न भागों में ट्रेने संचालित की जाती है। स्थानीय यात्रा के लिए दिल्ली मेट्रो के एक आसान विकल्प के रूप में है क्यूंकि यह सुविधाजनक है और सड़क परिवहन की तुलना में बहुत तेज है।
सड़क मार्ग द्वारा
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल है जहाँ से बंगलौर, पुणे, मुंबई जैसे प्रमुख शहरों से, आदि नियमित उड़ानें पुनः दिल्ली के लिए उपलब्ध है। हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है, जो दुनिया भर के सभी प्रमुख स्थलों से जुड़ा है।
Image Courtesy:Flickr upload bot

9- ताज-उल-मस्जिद, भोपाल

9- ताज-उल-मस्जिद, भोपाल

अगर भारत की सबसे ऊँची मस्जिदों का ज़िक्र हो तो ताज-उल-मस्जिद का नाम इसमें शुमार है। इस मस्जिद का सामना गुलाबी रंग का है और इसके गुम्बद सफ़ेद रंग के हैं। इस मस्जिद का नक्शा बेहद खूबसूरत व आकर्षक है। ताज-उल मस्जिद के नाम से ही पता चलता है की 'मस्जिदों का ताज'। ऐसा माना जाता है कि यह मस्जिद आकार में एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। आप इस वेकेशन इस मस्जिद की सैर कर सकते हैं यहाँ कदम रखते है आप सुकून महसूस करेंगे।
Image Courtesy:Pranshu14

ताज-उल-मस्जिद, भोपाल कैसे जाएँ

ताज-उल-मस्जिद, भोपाल कैसे जाएँ

ताज-उल-मस्जिद, भोपाल कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
भोपाल एयरपोर्ट को राजा भोज एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है जो शहर से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से प्रतिदिन कई राष्‍ट्रीय और अंर्तराष्‍ट्रीय उड़ाने भरी जाती हैं। यहां से मुम्‍बई, दिल्‍ली, इंदौर और ग्‍वालियर के लिए रोजाना उड़ान भरी जाती है। भोपाल एयरपोर्ट से शारजहां और दुबई के लिए नियमित उड़ाने उपलब्‍ध है। कुछ अंर्तराष्‍ट्रीय एयरलाइंस भी इस हवाई अड्डे से जुड़ी हुई है।
रेल मार्ग द्वारा
यह शहर रेल के द्वारा देश के लगभग हिस्‍सों से अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। भोपाल रेलवे स्‍टेशन से दिल्‍ली, मुम्‍बई, कोलकाता और चेन्‍नई के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाती हैं। यहां से दिल्‍ली, ग्‍वालियर और इंदौर के लिए शताब्‍दी एक्‍सप्रेस भी चलती हैं। भोपाल रेलवे स्‍टेशन से कैब या ऑटो की मदद से शहर की सैर पर जाया जा सकता है।
सड़क मार्ग द्वारा
राज्‍य सरकार द्वारा भोपाल में अच्‍छी बस सुविधा मुहैया करवाई गई है। ये बसें आरामदायक होती है। यहां से अन्‍य शहरों तक जाने के लिए एसी बसें भी मिल जाती हैं। भोपाल में बस डिपो, प्री - पेड टैक्‍सी और ऑटो रिक्‍शा की सुविधा भी प्रदान करते है।
Image Courtesy:Pearts

10- कुव्‍वत-उल-इस्‍लाम मस्जिद, दिल्ली

10- कुव्‍वत-उल-इस्‍लाम मस्जिद, दिल्ली

कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा इस मस्जिद की शुरुआत हुई हालांकि इसे पूरा इल्तुतमिश ने करवाया था। इस मस्जिद को इस्लामिक कला व इस्लामिक शैली का बे-मिसाल नमूना माना जाता है। यह मस्जिद दिल्ली की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। यहाँ की नक्काशियां, साजसज्जा देखने लायक है हालांकि इसका कुछ हिस्सा यह पहले से खंडहर में तब्दील होता जा रहा पर फिर भी यहाँ आकर पर्यटकों को खूबसूरती की मिसाल देखने को मिलेगी।
Image Courtesy:Jungpionier

कुव्‍वत-उल-इस्‍लाम मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ

कुव्‍वत-उल-इस्‍लाम मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ

कुव्‍वत-उल-इस्‍लाम मस्जिद, दिल्ली कैसे जाएँ इसकी फ्लाइट,ट्रेन,बस और टैक्सी की अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें
वायु मार्ग द्वारा
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल है जहाँ से बंगलौर, पुणे, मुंबई जैसे प्रमुख शहरों से, आदि नियमित उड़ानें पुनः दिल्ली के लिए उपलब्ध है। हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है, जो दुनिया भर के सभी प्रमुख स्थलों से जुड़ा है।
रेल मार्ग द्वारा
भारत में ट्रेन से दिल्ली पहुचना साधारण कार्य है क्यूंकि लगभग हर जगह से दिल्ली के लिए गाड़ियों है। दिल्ली में कई रेलवे स्टेशन हैं जहां से देश के विभिन्न भागों में ट्रेने संचालित की जाती है। स्थानीय यात्रा के लिए दिल्ली मेट्रो के एक आसान विकल्प के रूप में है क्यूंकि यह सुविधाजनक है और सड़क परिवहन की तुलना में बहुत तेज है।
सड़क मार्ग द्वारा
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल है जहाँ से बंगलौर, पुणे, मुंबई जैसे प्रमुख शहरों से, आदि नियमित उड़ानें पुनः दिल्ली के लिए उपलब्ध है। हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है, जो दुनिया भर के सभी प्रमुख स्थलों से जुड़ा है।
Image Courtesy:Flickr upload bot

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