पूरे भारत में एक से बढ़कर एक भव्य कलात्मक मंदिर हैं। कोई अपने वैभव के कारण प्रसिद्ध है तो कोई भक्तों की आस्था के कारण। ऐसे ही है ये 10 आलीशान विरासत वाले मंदिर जो अपनी नक्काशियों के लिए विश्व-भर में प्रसिद्ध हैं। भारत जहाँ कण कण में भगवान बसते हैं, जहाँ धर्म और आस्था को जीवन माना जाता है। यहाँ पर धार्मिक और तीर्थ स्थलों का यूँ तो अम्बार है और हर स्थल की कोई न कोई मान्यता है।
भारतीयों में आस्था और विश्वास की पकड़ इतनी मजबूत है कि वो इसके सहारे बड़ी से बड़ी बाधा को भी पार कर जाते हैं। भारत में मथुरा, काशी, हरिद्वार, अयोध्या और द्वारका जैसे कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थल तो हैं ही लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनकी अद्भुत नक्काशी उनको अछूता नहीं रखती जहाँ दूर दूर से भक्तों की कतार उमड़ी रहती है। तो चलिए इस वेकेशन सैर की जाये भारत के 10 आलीशान ऐतिहासिक विरासत वाले मंदिरों की।
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1- बृहदेश्वर मन्दिर
तमिलनाडु के तंजौर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर हिन्दुओं का प्रसिद्ध मंदिर है। जिसकी आस्था में लोग कोसो दूर से भी मीलों की दूरी तय करके यहाँ भगवान के दर्शन करने और भगवान के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। इस वेकेशन आप भी अपनी फ़रियाद लेकर भगवान के दरबार के उपस्तिथि दर्ज कराने आ सकते हैं।
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2- हैलेबिडु के होयसालेश्वर मंदिर
कर्नाटक में स्थित हैलेबिडु बेहद खूबसूरत कलात्मक मंदिरों का एक विशाल चक्र समूह है। जिसे देखने पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रहती है। प्राचीन काल में हैलेबिडु होयसाल राजवंशों की राजधानी हुआ करता था। यहाँ कभी 1500 मंदिर हुआ करते थे जो आज महज़ 40 ही बचे हैं। उन मंदिरों में केदारेश्वर मंदिर भी दर्शनीय है जिसकी कलात्मकता को देख पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
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3- चौंसठ योगिनी मंदिर, जबलपुर
चौंसठ योगिनी मंदिर जबलपुर के ऐतिहासिक मंदिरों में एक है जहाँ की नक्काशी और मन मोह लेने वाला दृश्य इस मंदिर को सबसे आलीशान मंदिरों में शुमार करता है। चौंसठ योगिनी मंदिर में संगमरमर चट्टान के पास माँ देवी दुर्गा की 64 अनुषंगिकों की प्रतिमा है जो दर्शनीय है। यह मंदिर एक विशाल परिसर में फैला हुआ है और इसके हर एक कोने से भव्यता झलकती है। बेशक, अगर आप जबलपुर जा रहे हैं तो यह मंदिर जरूर जाएं।
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4- मोढेरा सूर्य मंदिर
मोढेरा सूर्य मंदिर स्थापत्य कला एवं शिल्प का बेजोड़ नमूना प्रस्तुत करता है। इस समय इस मंदिर में पूजा करना मना है। यह मंदिर पुष्पावती नदी के तट पर बसा अहमदाबाद से तक़रीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर होगा जहाँ पर्यटक जाना अपना सौभाग्य समझते हैं।
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5- तुंगनाथ मंदिर
तुंगनाथ मंदिर पंच केदारों में सबसे ऊँचाई पर बसा मंदिर है। यहाँ भगवान शिव की पूजा पंच केदारों में से एक के रूप में की जाती है। कहा जाता है इस मंदिर को पांडवों ने भगवान शिव को खुश करने के लिए बनवाया था। यहाँ का सौंदर्य इतना लुभावना होता है कि पर्यटक यहाँ आकर वापस जाना नहीं चाहते।
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6- बादामी गुफा मंदिर
बादामी मंदिर अपनी सुन्दर आकर्षण नक्काशी और बादामी गुफा के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा है जो तांडव करते हुए है। यहाँ आप महिषासुरमर्दिनी, गणपति, शिवलिंगम और शन्मुख की प्रतिमा भी देख सकते हैं। साथ ही पर्यटक भगवान शिव और पारवती के विवाह के भित्त चित्रों को भी देख सकते हैं।
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7- चेन्नाकेसवा मंदिर, तलकाडू
चेन्नाकेशावा मंदिर अपनी भव्य कलात्मकता और आस्था में विलीन श्रद्धालुओं के लिए प्रसिद्ध है। चेन्नाकेशवा मंदिर को केशव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की दीवारों पर भगवान व देवताओं की छवियों उनकी मूर्तियों व अलंकृतियों, उस समय के संगीतकारों, नृत्य स्त्रियों के नक्काशियों को बा-खूबी से दर्शाया गया है।
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8- शोर टेम्प (समुद्र-तट का मन्दिर)
शोर मंदिर को दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसका संबंध आठवीं सदी से है। यह मंदिर कला व संस्कृति का अद्भुत नमूना है। यहाँ की नक्काशी देख पर्यटक प्राचीन काल की कला व शिल्प शैली को नमन किये बिना नहीं रह पाते हैं।
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9- ओरछा, ओरछा मंदिर
ओरछा अपने मंदिरों, महलों उनमे की गई कलात्मक शैली के कारण विश्व-भर में विख्यात है। यहाँ हर एक जगह हर एक इमारत व उस इमारत का हर कोना किसी न किसी कहानी से जुड़ा हुआ है। यहाँ के मंदिर विश्व विख्यात हैं ख़ास कर के मंदिरों की नक्काशियां व उनकी कलात्मक शैली इन्हें बेहतरीन मंदिरों में शामिल करती है।
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10- श्यामराय मन्दिर, बिष्णुपुर - पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के विष्णुपुर में श्याम मंदिर प्राचीन कला का अद्भुत नमूना है इसकी पांच चोटियां हैं और पांचों एक दुसरे से विपरीत हैं। यहाँ की दीवारों में कला व नक्काशी महाभारत काल और रामायण की कहानियां दर्शाती हैं। यह मंदिर महाराजा रघुवीर सिंह ने बनवाया था। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 16 वीं शताब्दी में करवाया गया था।
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