भारत विविधताओं और विशेषताओं से भरा एक विशाल देश है। आज भारत का शुमार विश्व के उन देशों में है जहां एक पर्यटक के लिए वो सब कुछ है जिसकी उसे तलाश है। बात यदि भारत में पर्यटन के आयामों पर हो तो पर्यटक चाहे देश का हो या विदेश का वो यहां कहीं भी रुख कर सकता है। ज्ञात हो कि आज जहां एक तरफ भारत में लोकप्रिय डेस्टिनेशनों की भरमार है तो वहीं दूसरी तरफ आज देश में कई ऐसे डेस्टिनेशंस भी है जो गुमनाम हैं और कम ही लोग इनके बारे में जानते हैं। यदि इन डेस्टिनेशनों के गुमनाम होने के कारणों पर एक नज़र डालें तो मिलता है कि या तो इन स्थानों पर सुगमता से नहीं पहुंचा जा सकता साथ ही लोग आज भी इन स्थानों से अपरिचित हैं
तो इसी क्रम में आज हम अपने इस लेख के माध्यम से आपको अवगत कराने जा रहे हैं भारत के उन टॉप 5 रिमोट डेस्टिनेशनों या दूरस्थ स्थलों से जहां बहुत सुगमता से तो नहीं पहुंचा जा सकता लेकिन ये हैं बेहद खूबसूरत और दिलकश। आइये तो अब ज्यादा समय न लेते हुए आपको अवगत कराते है भारत के टॉप 5 रिमोट डेस्टिनेशनों से।
लद्दाख
लद्दाख, उत्तरी भारत के जम्मू और कश्मीर प्रान्त में एक धरातल है, जो उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच में है। यह भारत के सबसे विरल जनसंख्या वाले भागों में से एक है। लद्दाख जिले का क्षेत्रफल 97,776 वर्ग किमी. है। इसके उत्तर में चीन तथा पूर्व में तिब्बत की सीमाएँ हैं। सीमावर्ती स्थिति के कारण सामरिक दृष्टि से इसका बड़ा महत्व है। इसे लास्ट संग्रीला, लिटिल तिब्बत, मून लैंड या ब्रोकन मून आदि के नाम से भी जाना जाता है। बात यदि लद्दाख में पर्यटन की हो तो आपको बताते चलें यहां ऐसा बहुत कुछ है जो किसी भी पर्यटक को आसानी से मोहित कर सकता है।
थार का रेगिस्तान
यदि आप भारत में हैं और आपने थार का रेगिस्तान नहीं देखा और आपने कैमल राइड नहीं ली तो समझिए आपकी यात्रा अधूरी है। आपको बता दें कि थार मरुस्थल भारत के उत्तरपश्चिम में स्थित है। यह अधिकांश तो राजस्थान में स्थित है परन्तु कुछ भाग हरियाणा, पंजाब,गुजरात में भी फैला है। ज्ञात हो कि थार मरुस्थल अद्भुत है। बताया जाता है कि यहां गर्मियों के समय रेत उबलती है। इस मरुभूमि में साठ डिग्री सेल्शियस तक तापमान रिकार्ड किया गया है। जबकिसर्दियों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। यदि आप वाक़ई प्रकृति को उसके सबसे अनोखे रूप में देखना चाहते हैं तो हमारा सुझाव है कि आप थार के रेगिस्तान की यात्रा अवश्य करें।
कच्छ का रण
क्या आप प्रकृति को उसके सबसे दुर्लभ रूप में देखना चाहते हैं ? क्या आप एक बिलकुल नए तरीके से प्राकृतिक सौंदर्य को महसूस करना चाहते हैं ? यदि इन सभी सवालों पर आपका जवाब हां है तो आप कच्छ के रण की यात्रा अवश्य करें। आपको बता दें कि गुजरात प्रांत में कच्छ जिले के उत्तर तथा पूर्व में फैला हुआ एक नमकीन दलदल है। यह लगभग 23,300 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह समुद्र का ही एक सँकरा अंग है। गौरतलब है कि यह स्थान विभिन्न प्रकार जन्तु तथा पौधों की प्रजातियों के लिये घर है। विभिन्नता वाले मौसम के कारण यह कई प्रवासी पक्षियों के आराम करने का स्थान भी है।
पश्चिमी घाट
आपको बता दें कि भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत मालाओं को पश्चिमी घाट कहते है। दक्कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय शृंखला उत्तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्बी है। विश्व में जैविकीय विवधता के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है और इस दृष्टि से विश्व में इसका 8वां स्थान है। यह गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू होती है और महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से होते हुए कन्याकुमारी में समाप्त हो जाती है। 2012 में यूनेस्को ने पश्चिमी घाट क्षेत्र के 39 स्थानों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
शांति मौजमस्ती के लिए अंडमान और निकोबार से बेहतर कुछ नहीं है। यदि आप नेचर को उसके बेस्ट रूप में देखने के इच्छुक हैं तो अंडमान और निकोबार के रिमोट द्वीप आपके ही लिए हैं। ज्ञात हो कि सालों से मनुष्य, एकांता की तलाश में कई समुंद्री तटों की ओर खींचा चला जाता है। चाहे वो ब्राज़ील के अमेज़न हो या फिर इबिज़ के समुंद्री तट, यहाँ के शांत वातावरण में मनुष्य एकांत प्राप्त करता है, जो विश्व के कुछ ही स्थानों में प्राप्त होती है। अगर आप भी, कुछ समय एकांत में बिताना चाहते हैं, तो अंड़मान - निकोबार द्वीप एक सही स्थान है। गौरतलब है कि यहां आपके लिए वो सब है जिसकी आपको तलाश है।