कर्नाटक के एतिहासिक शहर मैसूर में स्थित मैसूर पैलेस की भव्यता सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस पैलेस को अंबा पैलेस के नाम से जाना जाता है। इस महल में इंडो-सारासेनिक, द्रविडियन, रोमन और ओरिएंटल शैली का वास्तुशिल्प देखने को मिलता है।
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मैसूर पैलेस पर्यटकों के लिए हफ्ते में सातों दिन खुला रहता है। रविवार के दिन इस महल में शाम 7 बजे से 7:30 बजे तक लाइट्स जलाई जाती है, जिसके बाद इस महल की सुन्दरता वाकई देखते ही बनती है।
मैसूर पैलेस
इस महल में इंडो-सारासेनिक, द्रविडियन, रोमन और ओरिएंटल शैली का वास्तुशिल्प देखने को मिलता है। इस तीन तल्ले महल के निर्माण में निर्माण के लिए भूरे ग्रेनाइट, जिसमें तीन गुलाबी संगमरमर के गुंबद होते हैं, का सहारा लियागया है। महल के साथ-साथ यहां 44.2 मीटर ऊंचा एक पांच तल्ला टावर भी है, जिसके गुंबद को सोने से बनाया गया है।
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मैसूर पैलेस
भारतीय - सारसैनिक शैली में गुम्बदों, प्राचीरों, आर्च तथा कोलोनेड के साथ निर्मित यह महल अपनी भव्यता के कारण ब्रिटेन के बकिंघम पैलेस के साथ तुलना में शुमार किया जाता है। मद्रास राज्य के ब्रिटिश परामर्श दाता वास्तुकार हेनरी इरविन ने इसे डिजाइन किया।
मैसूर पैलेस
इस महल का निर्माण पुराने लकड़ी के महल के स्थान पर 1912 में वोडेयार के 24वें राजा द्वारा कराया गया था, जो वर्ष 1897 में टूट गया था।
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मैसूर पैलेस
शाही हाथी का सोने का हौज़, दरबार हॉल और कल्याण मंडप यहां के मुख्य आकर्षण हैं। महल में प्रवेश का रास्ता एक सुंदर दीर्घा से होकर गुजरता है जिसमें भारतीय तथा यूरोपीय शिल्पकला और सजावटी वस्तुएं हैं।
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मैसूर पैलेस
अब इस महल को संग्रहालय में बदल दिया गया है, जिसमें स्मृति चिन्ह, तस्वीरें, आभूषण, शाही परिधान और अन्य सामान रखे गए हैं, एक समय जो वोडेयार शासकों के पास होते थे। ऐसा कहा जाता है कि महल में सोने के आभूषणों का सबसे बड़ा संग्रह प्रदर्शित किया गया है।
PC:Ashwin Kumar
मैसूर पैलेस
महल का हॉल अपने आप में अत्यंत भव्य है और इसमें विशाल झूमरों और कई रंगों वाले कांच को मोर के आकार में सजाकर बनाए गए डिज़ाइन से सजाया गया है।PC:Marc Dalmulder
मैसूर पैलेस
महल की उपरी छत से चामुंडी पहाड़ी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है, जो शहर के ऊपर है और यहां शाही परिवार की संरक्षक देवी, चामुंडेश्वरी देवी को समर्पित एक मंदिर है।PC:amandaecking
मैसूर पैलेस
हर वर्ष दशहरे में इसे रंगीन लाइटों से बहुत ही खुबसूरती के साथ सजाया जाता है। जिसे देखने के लिए लाखों की तादाद में लोग मैसूर आते हैं।
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कब जाएं
यूं तो मैसूर को कभी घूमा जा सकता है लेकिन दशहरे के समय यहां दस दिनों तक उत्सव रहता है।PC:Ashwin Kumar
क्या खरीदें
यहां आकर चंदन व मेसूर सिल्क साडि़यां खरीदना न भूलें। अगर आप खाने के शौकीन हैं तो यहां मसाला डोला और शुद्ध घी में डूबा मैसूर पाक आपको बेहद पंसद आएगा। इनका स्वाद यकीनन आप लंबे समय तक याद रखेंगे।PC:Ramesh NG
कैसे जाएं
हवाईमार्ग
बैंगलूर, बैलारी, हैदराबाद तथा तिरूपति से मैसूर तक छोटे विमान आते-जाते हैं। निकटतम हवाई अड्डा बैंगलूर है 140 किमी।
रेलमार्ग
आप चाहें तो रेल मार्ग द्वारा भी यहां पहुंच सकते हैं। बैंगलूर व हासन से मैसूर तक रेल संपर्क है।
सड़क मार्ग
यह सभी आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थलों से सड़क मार्ग द्वारा भी जुड़ा हुआ है।PC:Imagenesis Photographers