अभी तक आपने शिव के कई मन्दिरों के सुना या पढ़ा होगा लेकिन महादेव का ऐसा भी मंदिर है जिसे पहाड़ों के बीच से काटकर बनाया गया है।इतना ही नहीं यह मंदिर करीबन 1000 साल पुराना है।
जी हां हम बात कर रहें हैं मंदिर पातालेश्वर की। जोकि पुणे के शिवाजीनगर रोड पर स्थित है। इस मंदिर को 8 वी. सदी में बनवाया गया था। इस मंदिर की गुफाएं एलीफेन्टा और एलोरा गुफाओं से काफी मिलती जुलती है।
पातालेश्वर मंदिर शिवजी नगर में जंगली महाराज रोड पर नदी के पार स्थित है। पर्यटक इस मंदिर भगवान शिव और नंदी को देख सकते हैं। मंदिर अपने सभी आगंतुकों के लिए एक शांतिपूर्ण और आनंदमय ऐतिहासिक और शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है।
पातालेश्वर गुफा मंदिर
पातालेश्वर गुफा मंदिर एक आदर्श उदाहरण रॉक कट वास्तुकला का उदाहरण है। यह मंदिर एक चट्टान को काटकर के बनाया गया है। गुफा का मुख्य आकर्षण भगवान शिव और नंदी बुल का मंदिर है।मंदिर में छोटे कमरों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए बैठने की व्यवस्था भी है गुफा में अधिकांश चट्टानें 700 -800 ईस्वी की हैं। गुफा मंदिर में संग्रहालय भी है, जिसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सूचीबद्ध किया गया है। संग्रहालय का मुख्य आकर्षण चावल का अनाज है, जिस
पर लगभग 5000 अक्षर अंकित हैं।
पातालेश्वर गुफा मंदिर
पातालेश्वर गुफा मंदिर उन लोगो के लिए एकदम परफेक्ट है, जिन्हें फोटोग्राफी का बेहद शौक है....गहरी गुफाएं और आसपास फैली हरियाली यहां आने पर्यटकों का मन मोह लेती है। इस मंदिर में दर्शन हेतु सुबह 8 से शाम 5 बजे तक जाया जा सकता है।
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जंगली महाराज मंदिर
पातालेश्वर गुफा मंदिर के बिल्कुल नजदीक ही स्थित है।जंगली महाराज मंदिर शिवाजी नगर में जंगली महाराज रोड पर स्थित है। बताया जाता है कि इस जगह पर जंगली बाबा समाधि में लीन हुए थे..इसी रास्ते के जरिये पर्यटक पातालेश्वर गुफा मंदिर की ओर प्रस्थान कर सकते हैं।
शनिवार वाडा
शनिवार वाडा पुणे की एतिहासिक इमारत है जिसका निर्माण बाजीराव ने 1730 में कराया था।उस दौरान यह वाडा पेशवाओं का हेडक्वाटर हुआ करता था। शनिवार वाडा के अंदर पर्यटक उन समय की शैली को बखूबी निहार सकते हैं।PC: wikimedia.org
सारस बाग़
पातालेश्वर गुफा मंदिर में दर्शन करने के बाद पर्यटक सारस बाग़ की ओर भी रुख कर सकते हैं...यह एक बेहद ही खूबसूरत बगीचा है। इस बाग़ में पास में भगवान गणेश का मंदिर है..कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश से जो भी मांगो वह पूरा होता है।
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आगा खान महल
आगा खान महल का निर्माण सुल्तान मुहम्मद शाह आगा खान द्वारा वर्ष 1892 में कराया गया था। यह एक एतिहासिक महल है जो इतिहास में अपनी पहचान रखता है। बता दें, यह वही पैलेस है, जहाँ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गाँधी और उनके सेक्रेटरी महादेव भाई को कारवास की सजा भगतनी पड़ी थी।
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शिवनेरी किला
शिवनेरी किला पुणे से 92 किमी की दूरी पर स्थित है। इतिहास में पुणे में मराठा शासको का राज रहा है।PC: wikimedia.org
लाल महल
लाल महल पुणे की एतिहासिक इमारत है...लाल महल का निर्माण शाहजी महाराज द्वारा किया गया था। इस पूरे किले का निर्माण लाल पत्थर से हुआ है जिस कारण इस किले को लाल महल से जाना जाता है।
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भूलेश्वर मंदिर
भूलेश्वर मंदिर को पांडव काल के दौरान बनवाया गया था जोकि लगभग 800 साल पुराना मंदिर है। यह मंदिर एक घने जंगल में होने के कारण भूलेश्वर कहलाया। इस मंदिर में भगवान शिव और उनके पांच लिंगों की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्ति भी इस मंदिर में लगी हुई है। PC: wikimedia.org
कटराज नाग पार्क
इस पार्क में सरीसृपों की 160 से ज्यादा प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी। इस पार्क का निर्माण 1986 में करवाया गया था। यहां सापों के अलावा अन्य जीव-जन्तु भी पाले गए है। यहां पर 9 फुट लम्बा कोबरा आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। नागपंचमी का त्यौहार यहां धूमधाम से मनाया जाता है और लोगों को सापों के बारे में जागरूक किया जाता है ताकि जनता सापों को नुकसान न पहुचाएं।
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जनजातीय संग्रहालय
जनजातीय संग्रहालय पुणे जिले में कोरेगांव रोड से पुणे के पूर्व में बना हुआ है। यहां आदिवासियों के जीवन और संस्कृति पर प्रकाश ड़ाला गया है। यहां जनजातीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान भी है।
इस संग्रहालय में विभिन्न हथियारों और कलाकृतियों के प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। यह म्यूजियम रविवार के अलावा सभी दिन खुला रहता है। इसको देखने के लिए सुबह 10 से शाम 5 के बीच जा सकते है।PC: wikimedia.org
कैसे जायें पातालेश्वर गुफा मंदिर
हवाई मार्ग
लोहेगांव एयरपोर्ट। इंडियन एयरलाइंस और जेट एयरवेज की विमान पुणे-दिल्ली, पुणे-चेन्नई, पुणे-बैंगलोर के बीच चलती है। एयरपोर्ट से पुणे शहर की दूरी बारह किलोमीटर है।
रेल मार्ग
पर्यटक पुणे ट्रेन द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। यह स्टेशन देश के सभी शहरों से बखूबी जुड़ा हुआ है ।
बस मार्ग
पुणे सभी राजमार्ग से जुड़ा हुआ है..यहां बस द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
कब आयें
यहां साल में कभी भी आया जा सकता है..लेकिन यहां आने का उत्तम वक्त दिसम्बर से अप्रैल है...PC: wikimedia.org