महाराष्ट्र स्थित नासिक एक प्राचीन और धार्मिक शहर है जोकि सपनो की नगरी मुंबई से करीबन 165 किमी की दूरी पर स्थित है। नासिक पवित्र गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 565 मीटर है। गोदावरी नदी के तट पर बहुत से सुंदर घाट स्थित है।
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नासिक में हर 12 साल पर कुम्भ मेले का आयोजन होता है, जहां देश विदेश से हजारो श्रद्धालु गोदावरी नदी में डुबकी लगाने पहुंचते हैं। बताया जाता है, जब असुरु और देवतायों के बीच जब समुंद्र मंथन हुआ था,तब उसमे से अमृत निकला था, जिसे पाने के देव और असुरु के बीच काफी लड़ाई हुई तभी भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धरकार अमृत को अपने पास रख लिया लेकिन जैसे ही इस बात की भनक राक्षसों को लगी..तो वह अमृत के मटके के लिए लड़ने लगे..इस दौरान अमृत का मटका लेकर भागने के दौरान मटके से अमृत की बूंदें भारत की चार नदियों में जा गिरी...उसी की एक बूंद नासिक की गोदावरी में भी गिरी.जिस कारण यहां हर 12 साल पर एक बड़े कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है।इस मेले में आए लाखों श्रद्धालु गोदावरी नदी में स्नान करते हैं। यह माना जाता है कि इस पवित्र नदी में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है।
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नासिक आस्था का शहर है। यहां आपको बहुत से सुंदर मंदिर और घाट देखने को मिलेगें। यहां विभिन्न त्योहारों को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यहां ज्यादातर भगवान के प्रति आस्था रखने वाले पर्यटक अधिक संख्या में आर्कषित होते है। आइये स्लाइड्स में जानते हैं नासिक में घूमने के प्रमुख स्थलों के बारे में.....
त्रिम्बाकेश्वर
महाराष्ट्र के नाशिक जिले के पास स्थित त्रिम्बाकेश्वर तीर्थस्थल एक और महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग है। इसकी खासियत यह है कि यहां के लिंग में तीन देवता भगवान ब्राह्मा, भगवान विष्णु और भगवान रूद्र देखने को मिलते हैं।ऐसा माना जाता है कि अगर व्यक्ति त्रिम्बकेश्वर जाये तो उसे मोक्ष कि प्राप्ति हो जाती है।PC: Nilesh.shintre
मुक्तिधाम
मुक्तिधाम मंदिर नासिक शहर से 8 किमी दूर के आसपास स्थित है। मंदिर खूबसूरती से शुद्ध सफेद रूप में बनाया गया है। यह श्री जयराम भाई बाईटको द्वारा निर्मित किया गया है।पवित्र मंदिर की वास्तुकला अलग और अपरंपरागत है। इसकी दीवारों पर भगवद गीता के 18 अध्याय है। यह मंदिर भारत में बारह ज्योतिर्लिंगों की सटीक प्रतिलिपि है।
PC:Mahi29
इगतपुरी
इगतपुरी स्ह्याद्री पर्वतमाला से घिरा हुआ एक नासिक जिले में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत हिलस्टेशन है।1,900 फीट की उँचाई पर, निर्मल झरनों और घने जंगलों के कारण इस जगह की खूबसूरती देखते ही बनती है। शहरीकरण न होने के कारण इस जगह की वायु बहुत निर्मल है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यहां अनेक प्रकार के पेड़-पौधें और पक्षियों की प्रजातिया हैं। इस जगह पर ट्रैकिंग के लिए भी बहुत सारे स्थल हैं।इगतपुरी अपने प्राचीन और स्थानीय मंदिरों के लिए जाना जाता है। इगतपुरी आने पर घाटनदेवी मंदिर ज़रूर देखना चाहिए। घाटों की रक्षक घाटनदेवी को समर्पित इस मंदिर से नीचे की घाटी और स्ह्याद्री पर्वतमाला के खूबसूरत नज़ारे देखे जा सकते हैं।PC: Kashif Pathan
माहुली किला
माहुली किला आसनगांव से लगभग 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, माहुली ट्रेकर्स और चट्टान पर्वतारोही के लिए एक स्वर्ग है, यहां ट्रेकर्स चोटी पर स्थित माहुली किले पर ट्रैकिंग का मजा ले सकते हैं।
PC: Elroy Serrao
सुंदरनारायण मंदिर
यह मंदिर नाशिक में अहिल्याबाई होल्कर सेतु के किनारे स्थित है। इस मंदिर की स्थापना गंगाधर यशवंत चंद्रचूड ने 1756 में की थी। इस मंदिर में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। भगवान विष्णु को सुंदरनारायण के नाम से भी जाना जाता है।PC:Mahi29
कालाराम मंदिर
नाशिक में पंचवटी स्थित कालाराम मंदिर वहां के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण गोपिकाबाई पेशवा ने1794में करवाया था। हेमाडपंती शैली में बने इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही खूबसूरत है। इस मंदिर की वास्तुकला त्र्यंबकेश्वर मंदिर के ही सामान है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह मंदिर काले पत्थरों से बनाया गया है।
PC: World8115
सीता गुम्फा
गुम्फा का शब्दिक अर्थ गुफा होता है। सीता गुम्फा पंचवटी में पांच बरगद के पेड़ के समीप स्थित है। यह नाशिक का एक अन्य प्रमुख आकर्षण जगह है। इस गुफा में प्रवेश करने के लिए संकरी सीढ़ियों से गुजरना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने सीताहरण इसी जगह से किया था।PC:Akshatha Inamdar
पंचवटी
पंचवटी नाशिक के उत्तरी भाग में स्थित है। माना जाता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ कुछ समय के लिए पंचवटी में रहे थे। इस कारण भी पंचवटी प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में पंचवटी में जिस जगह से सीता का अपहरण किया गया था वह जगह पांच बरगद के पेडों के समीप है।