उत्तराखंड के दर्शनीय स्थलों में से एक है चंबा जो अपने मनमोहक मौसम, आकर्षक दृश्यों के लिए पर्यटकों को सदा लुभाता रहा है। चंबा एक ऐसा स्थल है जहाँ एक से एक कलप्रिये, धार्मिक व कृपालु राजाओं ने शासन किया था, तभी तो चंबा फला-फूला नगर है। चारों ओर से घनी बर्फ से ढ़की पहाड़ियों, मंदिरों की बे-जोड़ नक्काशी, भित्तचित्र कला, मूर्तिकला, काष्ठ कला, हरी-भरी पहाड़ियां आदि चंबा को पर्यटक स्थलों में शामिल करते हैं।
चंबा की खूबसूरती को निहारने के लिए हर साल यहाँ हज़ारों पर्यटक आते हैं। जो यहाँ की आम-ओ-हवा को देख चंबा के भक्त हो जाते हैं। चंबा प्रकृति की तमाम अदाओं का साक्षी है और इसकी हर अदा पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। चंबा की घाटियों में जब सूर्य देवता अपनी धूप के रंग बिखरते हैं तो इसका सौंदर्य देखने लायक होता है। जानिए चंबा में क्या क्या है ख़ास बस एक नज़र में-
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भूरीसिंह संग्राहलय
भूरीसिंह संग्राहलय भारत के प्रसिध्द 5 संग्रहलयों में से एक माना जाता है। जिसमे चंबा के प्राचीन से जुडी कई स्मृतियाँ रखीं हैं। आप यहाँ आकर चंबा की 5000 से अधिक कलाकृतियां देख सकते हैं।
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लक्ष्मीनारायण मंदिर
लक्ष्मीनारायण मंदिर चंबा के प्राचीन मंदिरों में से एक है यहाँ भगवान शिव और भगवान विष्णु के कलात्मक शैली में बनी प्रतिमा हैं जिनकी नक्काशी बेजोड़ है।
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भरमौर
भरमौर चंबा के दर्शनीय स्थलों में से एक है यहाँ चौरसिया मंदिर समूह विशेष रूप से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
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सहो
सहो मंदिर आपमें आस्था का अटूट संगम है। यहाँ हर साल भगवान के दर्शन करने पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रहती है। यह स्थल चंद्रशेखर मंदिर के लिए विख्यात है।
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सरोल
सरोल चंबा के पिकनिक स्थलों में से एक है यह रमणीक स्थल अपनी खूबसूरती से और प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
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चौगान
चौगान में होने वाले मेले पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने में हमेशा सफल रहते हैं। अगर आप चंबा आएं तो इस जगह पर अवश्य आएं या कोशिश करें की मेले के समय ही आप यहाँ आएं।
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मणिमहेश
चंबा में सबसे ऊँची चोटियों में मणिमहेश की चोटी विश्व प्रसिद्ध है। यहीं इस चोटी के पास ही एक मणिमहेश झील भी है जो पर्यटकों के आकर्षक का केंद्र बनी हुई है।
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पांगी घाटी
पांगी घाटी अपने प्राकृतिक सौंदर्य, हरे-भरे पेड़, लोक नृत्य आदि के लिए मशहूर है। आप यहाँ आकर ट्रेकिंग भी कर सकते हैं।
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छतराड़ी
छतराड़ी शक्तिदेव मंदिर के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। यहाँ पर्यटक आकर मंदिर के दर्शन अवश्य करते हैं। यहाँ मंदिर पुरातत्व का है। अगर आप भी पुरातत्व से जुड़ा महसूस करना चाहते हैं तो यहाँ अवश्य आएं।
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अखण्डचंडी महल और रंग महल
अखण्डचंडी महल और रंग महल चंबा की प्राचीन और कलात्मक शैली के बने महल हैं। यहाँ आप हस्तकला का भरपूर लुफ्त उठा सकते हैं। यहाँ की हस्तकला, कसीदाकारी, शिल्प आदि आपके मन को लुभाते रहेंगे।
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कैसे जाएँ
वायु मार्ग द्वारा- देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा चंबा के लिए निकटतम हवाई अड्डा है जो कि चंबा से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आप को दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एअरपोर्ट के लिए नियमित उड़ानें मिल जाएँगी। यात्री जॉली ग्रांट से चंबा के लिए टैक्सी किराये पे ले सकते है।
रेल मार्ग द्वारा- ऋषिकेश रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो चंबा से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित है। इस रेलवे स्टेशन को देश के विभिन्न महत्वपूर्ण शहरों से अच्छी तरह से जोड़ा गया है। पर्यटकों को रेलवे स्टेशन पर टैक्सियाँ मिल जाएँगी जिस से वो चंबा तक आराम से पहुच सकते है।
सड़क मार्ग द्वारा- चंबा अच्छी तरह से बसों और टैक्सियों द्वारा कई पास के शहरों के लिए जुड़ा हुआ है। देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, देवप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी और श्रीनगर जैसे स्थानों से कई लक्जरी और सामान्य बसें चंबा के लिए उपलब्ध हैं।
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कब जाएँ
हालांकि यात्रि साल के किसी भी समय चंबा घुमने के लिए जा सकते है, फिर भी ये ही सलाह दी जाती है की जब सर्दियाँ अपने खुमार पर होती है उस समय यहाँ यात्रा नहीं करें। मार्च और जून के बीच की अवधि दर्शनीय स्थलों की यात्रा और अन्य बाहरी गतिविधियों का आनंद लेने के लिए एक दम सही है। इसके अलावा, जुलाई और अक्टूबर के बीच के महीने छोटी यात्राओं के लिए आदर्श माने जाते हैं।
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