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जाने! बिहार की सांस्कृतिक राजधानी दरभंगा को

उत्तर भारत में स्थित बिहार में स्थित दरभंगा एक बेहद ही खूबसूरत और प्राचीन शहर है।

By Goldi

उत्तर भारत </a></strong>में स्थित <strong><a href=बिहार" title="उत्तर भारत में स्थित बिहार" loading="lazy" width="100" height="56" />उत्तर भारत में स्थित बिहार

लोधी गार्डन- इतिहास और प्रकृति का संगमलोधी गार्डन- इतिहास और प्रकृति का संगम

नेपाल से 50 किमी की दूरी पर स्थित दरभंगा को बिहार की सांस्कृतिक राजधानी है। यह शहर सदियों से समृद्ध संगीत कला के क्षेत्र में, लोक कला और परंपरा के रूप में, उत्कृष्टता रखता है। दरभंगा यात्रा पर्यटन गाइड वास्तुकला के चमत्कार और धार्मिक स्थलों पर प्रकाश डालता है, यह इसकी सीमाओं के बारे में भी बताता है। यह जिला लोक कला शैली की समृद्ध परंपरा, मिथिला पेंटिंग के लिए जाना जाता है।

दरभंगा का इतिहास
दरभंगा शहर के बहुविध एवं आधुनिक स्वरुप का विकास सोलहवीं सदी में मुग़ल व्यापारियों तथा ओईनवार शासकों द्वारा विकसित किया गया। दरभंगा 16वीं सदी में स्थापित दरभंगा राज की राजधानी था।

मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक लोक नाट्य शैलियां भी काफी लोकप्रिय है। इनमें सबसे प्रमुख हैं, नटुआ नौटंकी, नटुआ नाच और सामा चकेवा, मधुश्रावनी। आइये जानते हैं स्लाइड्स में दरभंगा में घूमने की जगहों के बारे

दरभंगा राज परिसर एवं किला

दरभंगा राज परिसर एवं किला

दरभंगा के महाराजाओं को कला, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षकों में गिना जाता है। स्वर्गीय महेश ठाकुर द्वारा स्थापित दरभंगा राज किला-परिसर अब एक आधुनिक स्थल एवं शिक्षा केंद्र बन चुका है। भव्य एवं योजनाबद्ध तरीके से अभिकल्पित महलों, मंदिरों एवं पुराने प्रतीकों को अब भी देखा जा सकता है। अलग-अलग महाराजाओं द्वारा बनबाए गए महलों में नरगौना महल, आनंदबाग महल एवं बेला महल प्रमुख हैं। राज पुस्तकालय भवन ललितनारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा एवं अन्य कई भवन संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा उपयोग में लाए जा रहे हैं।PC:Pravinjha

श्यामा मंदिर

श्यामा मंदिर

दरभंगा स्टेशन से `1किलोमीटर की दूरी पर मिथिला विश्वविद्यालय के परिसर में दरभंगा राज द्वारा 1933 में बनवाया गया काली मंदिर बहुत सुंदर है। स्थानीय लोगों में इस मंदिर की बड़ी प्रतिष्ठा है और लोगों में ऐसा विश्वास है कि यहाँ पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता है।PC:Pravinjha

होली रोजरी चर्च

होली रोजरी चर्च

दरभंगा रेलवे स्टेशन से1 किलोमीटर उत्तर स्थित 18 9 1 में बना कैथोलिक चर्च इसाई पादरियों के प्रशिक्षण के लिए बना था।18 9 7 में भूकंप से हुए नुकसान के बाद चर्च में 25दिसम्बर 1 99 1 से पुन: प्रार्थना शुरु हुई। चर्च के बाहर ईसा मसीह का एक प्रतिमा बना है।

देवकुली धाम

देवकुली धाम

बिरौल प्रखंड के देवकुली गाँव में शिव का प्राचीन मंदिर है जहाँ प्रत्येक रविवार को पुजा हेतु भीड होती है। शिवरात्रि के दिन यहाँ मेला भी लगता है।

अहिल्या आस्थान

अहिल्या आस्थान

अहिल्या आस्थान, गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या को समर्पित एक प्रसिद्ध एतिहासिक मंदिर है, जोकि कमतौल रेलवे स्टेशन से तीन किमी की दूरी पर स्थित है। यह प्रसिद्द मंदिर अहिल्या ग्राम भी कहलाता है। रामायण के अनुसार जब भगवान राम जनकपुरी जा रहे थे तब रास्ते में उनका पैर एक पत्थर से टकरा गया जिससे अहिल्या उत्पन्न हुई, उसके पहले उनके पति गौतम ऋषि के श्राप से वे पत्थर में बदल गयी थीं। हर साल राम नवमीं के अवसर पर यहाँ बड़ा मेला लगता है। इसके अलावा कई मंदिर और मस्जिद भी इस शहर में हैं।

कुशेश्वरस्थान शिवमंदिर एवं पक्षी विहार

कुशेश्वरस्थान शिवमंदिर एवं पक्षी विहार

समस्तीपुर-खगडिया रेललाईन पर हसनपुर रोड से 22 किलोमीटर दूर कुशेश्वर स्थान में रामायण काल का शिव मंदिर है। यह स्थान अति पवित्र माना जाता है। कुशेश्वर स्थान, घनश्यामपुर एवं बेरौल प्रखंड में 7019 एकड जलप्लावित क्षेत्र को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया है। विशेष पारिस्थिकी वाले इस भूक्षेत्र में स्थानीय, साईबेरियाई तथा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से आनेवाले पक्षियों की अच्छी तादाद दिखाई देती है। ललसर, दिघौच, माइल, नकटा, गैरी, गगन, अधानी, हरियल, चाहा, करन, रतवा, गैबर जैसे पक्षी यहाँ देखे जा सकते हैं।

कैसे आयें

कैसे आयें

सड़क मार्ग:
दरभंगा बिहार के सभी मुख्य शहरों से राजमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है।पर्यटक सड़क द्वारा आसानी से दरभंगा पहुंच सकते हैं।

रेल मार्गः
दरभंगा भारतीय रेल के नक्शे का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है जो पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र के समस्तीपुर मंडल में पड़ता है। अमान परिवर्तन के बाद यहाँ से दिल्ली, मुम्बई, पुणे, कोलकाता, अमृतसर, गुवाहाटी तथा अन्य महत्वपूर्ण शहरों के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध है।

वायु मार्गः
दरभंगा से10किलोमीटर की दूरी पर बना हवाई अडडा भारतीय वायु सेना के उपयोग में है। निकटस्थ नागरिक हवाई अड्डा130किलोमीटर दूर पटना में स्थित है। लोकनायक जयप्रकाश हवाई क्षेत्र पटना (IATA कोड- PAT) से अंतर्देशीय तथा सीमित अन्तर्राष्ट्रीय उड़ाने उपलब्ध है। इंडियन, किंगफिशर, जेट एयर, स्पाइस जेट तथा इंडिगो की उडानें दिल्ली, कोलकाता और राँची के लिए उपलब्ध हैं।PC: Kumar saket

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