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ये हैं उत्तराखंड का छुपा हुआ खजाना....घूमने जरुर जाएँ

इस बार गर्मियों की छुट्टियों में पहुंच जाये धारचूला..और अपनी छुट्टियों को मनाये यादगार साथ में रोमांचक भी..जाने क्या क्या घूम घूम सकते हैं धारचूला में

By Goldi

अब जैसे की गर्मियों ने दस्तक दे दी है..यकीनन आपने भी इन छुट्टियों कहीं ना कहीं घूमने का प्लान बना रहें होंगे। लेकिन बात अटक जाती है आखिर कहां जाए..जहां सुकून के दो पलों को ढंग से बिताया जा सके। तो बिना देरी किये हम आपको बताने जा रहें हैं उत्तराखंड के बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन धारचूला के बारे में।

भारत में रहकर इनके चक्कर में नहीं पड़े तो...आपने जीवन में कुछ नहीं कियाभारत में रहकर इनके चक्कर में नहीं पड़े तो...आपने जीवन में कुछ नहीं किया

धारचूला उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भारत - नेपाल सीमा पर स्थित है। इस जगह का नाम हिन्‍दी भाषा के दो शब्‍दों धार और चूला से मिलकर बना हुआ है जिनका अर्थ होता है धार यानि चोटी और चूला यानि स्‍टोव। यह शहर एक
पहाड़ी क्षेत्र है जिसका आकार स्‍टोव के जैसा दिखता है इसी कारण इस शहर को धारचूला कहते हैं।

ना आपको समुद्री किनारा पसंद है ना पहाड़...तो फिर कहां मनायेंगे हनीमूनना आपको समुद्री किनारा पसंद है ना पहाड़...तो फिर कहां मनायेंगे हनीमून

पिथौरागढ़ से 90 किमी की दूरी पर स्थित धारचूला पहाड़ों से घिरा हुआ बेहद ही खूबसूरत शहर है। पर्यटन की दृष्टि से इस शहर को देखें तो मानस झील या मनासा सरोवर इस शहर का सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं। तो आइये जानें कि यदि आप धारचूला में हों तो वहां आपको क्या क्या अवश्य देखना चाहिए।

ओम पर्वत

ओम पर्वत

ओम पर्वत, 6191 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय पर्वत श्रृंखला के पहाड़ों में से एक है। इस पहाड़ को लिटिल कैलाश, आदि कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग के नाम से भी जाना जाता है। इस पहाड़ी की एक
खासियत ये है की यहाँ बर्फ के बीच आपको 'ओम' या 'ओम्' शब्द का पैटर्न मिलेगा कहा जाता है कि इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा।PC:Aryarakshak

जौलजिबी

जौलजिबी

धारचूला से सिर्फ 23 किमी की दूरी पर बसा जौलजिबी गोरी और काली नदियों का संगम स्थल है। यह जगह नेपालियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।हर साल नवंबर में यहां कुमाउंनी और नेपालियों द्वारा एक अन्तर्राष्ट्रीय मेले का आयोजन किया जाता है।PC:A. J. T. Johnsingh

काली नदी

काली नदी

काली नदी, कालापानी के ग्रेटर हिमालय से निकलती है। यह जगह पिथौरागढ़ जिले में समुद्र स्‍तर से 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां एक मंदिर भी है जिसका नाम नदी के नाम पर ही रखा गया है - काली मंदिर। वास्‍तव में यह नदी भारत और नेपाल के बीच प्राकृतिक बॉर्डर का काम करती है। वैसे यह नदी भारत के दो राज्‍यों उत्‍तराखंड और उत्‍तरप्रदेश की सीमा पर भी बहती है, उत्‍तरप्रदेश में इस नदी का नाम शारदा नदी है। पर्यटक यहांआकर काली नदी के विभिन्‍न चुनौतीपूर्ण ट्रैक्‍स पर राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं।

एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य

एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य

पिथौरागढ़ से 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य की स्थापना कस्तूरी हिरन (वैज्ञानिक नाम- मास्कस ल्युकागस्टर)
के संरक्षण के लिए की गई थी।PC: Shaun Ferguson

चिरकिला बांध

चिरकिला बांध

चिरकिला बांध एक हाइड्रो पॉवर प्‍लांट है जो धारचूला से 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह बांध काली नदी पर बनाया गया है जो 1500 किलोवॉट बिजली उत्‍पन्‍न करता है। पर्यटक यहां आकर एक खूबसूरत झील
भी देख सकते हैं जो बांध से जुड़ी हुई है।

कब जाएं

कब जाएं

धारचूला यूं तो कभी भी जाया जा सकता है. पर यहां मार्च-जून और सितंबर-दिसंबर के बीच जाना सही रहेगा। गर्मियों के मौसम में यहां ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती और सर्दियों के मौसम में बर्फबारी भी होती है।
PC: Bheinskitang

कैसे पहुंचे?

कैसे पहुंचे?

हवाई यात्रा : धारचुला का सबसे सबसे नजदीकी ऐयरपोर्ट पंतनगर है।पर्यटक एयरपोर्ट से टैक्सी द्वारा धारचूला पहुंच सकते हैं।

रेल यात्रा : धाराचूला का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है।यह पिथौड़ागढ़ से तकरीबन 150 किमी की दूरी पर है। यहां से धारचूला के लिए बसें आसानी से मिल जाती हैं।

सड़क यात्रा : धारचूला रेलवे लाइनों से भले जुड़ा न हो, पर सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा है अलमोड़ा, पिथौड़ागढ़, काठगोदाम, टनकपुर आदि से बस या टैक्सी से धारचूला पहुंच सकते हैं।
PC:Bheinskitang

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