गंगटोक सिक्किम की राजधानी होने के साथ साथ राज्य का सबसे सबसे बड़ा शहर भी है। बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बहुत ही खास जगह है। बड़े-बडे पहाड़, बर्फ से ठकी चोटियां और स्पार्कलिंग ऑर्किड लोगों को अपनी ओर खींचती है।
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पूर्वी हिमालय रेंज में शिवालिक पहाड़ियों के ऊपर 1437 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गंगटोक सिक्किम जाने वाले पर्यटकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण है।
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इसकी ताजा हवा, वन, पहाड़, घाटियां और बर्फ से ढकी चोटियां आपके मन को बहुत ही राहत पहुचाएगी। गंगटोक देश के सबसे अच्छे ट्रेकिंग स्पाट के लिए प्रसिद्ध है। गंगटोक को भारत के सुन्दर शहरों में से एक माना जाता है और प्रकृति के वरदान से भरी यह जादुई जगह हिमालय पर्वत क्षेत्र में स्थित है।
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गंगटोक भारत के सिक्किम राज्य का एक बहुत ही आकर्षक शहर है| यह शहर रानीपूल नदी के पश्चिम की ओर बसा है। यहां से कंचनजंघा शिखर की संपूर्ण शृंखला की सुंदर दृश्यावली दिखाई देती है। गंगटोक के प्राचीन मंदिर, महल और मठ आपको सपनों की दुनिया की सैर कराएंगे।
सोमगो झील
यह झील गंगटोक से 40 किमी की दूरी पर है| यह झील चारों ओर से बर्फीली पहाडियों से घिरा हुआ है। यह झील एक किमी लंबा और 50 फीट गहरा है। जाड़े के समय में इस झील में प्रवास के लिए बहुत से विदेशी पक्षी आते हैं। इस झील से आगे केवल एक सड़क जाती है। यही सड़क आगे नाथूला दर्रे तक जाती है। यह सड़क आम लोगों के लिए खुला नहीं है। लेकिन सेना की अनुमति लेकर यहां तक जाया जा सकता है।
PC: wikimedia.org
ताशिलिंग
ताशी लिंग मुख्य शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से कंचनजंघा श्रेणी बहुत सुंदर दिखती है। यह मठ मुख्य रुप से एक पवित्र बर्तन बूमचू के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस बर्तन में पवित्र जल रखा हुआ है। यह जल 300 वर्षों से इसमें रखा हुआ है और अभी तक नहीं सूखा है।
रुमटेक मोनेस्ट्री
गैंगटॉक में कई विश्वप्रसिद्ध मोनेस्ट्रीज हैं।कुछ तो कई सौ साल पुरानी हैं।सबसे पुरानी है रुमटेक मोनेस्ट्री, जिसका निर्माण 1700 में हुआ था और यह पूरे देश का सबसे बड़ा बौद्ध धर्म सीखने का सेंटर है।
PC:Anja Disseldorp
दो द्रूल चोर्टेन
यह गंगटोक के प्रमुख आकर्षणों में एक है। इसे सिक्किम का सबसे महत्वपूर्ण स्तूप माना जाता है। इसकी स्थापना त्रुलुसी रिमपोचे ने 1945 ई. में की थी। त्रुलुसी तिब्बतियन बौद्ध धर्म के नियंगमा सम्प्रदाय के प्रमुख थे। इस मठ का शिखर सोने का बना हुआ है। इस मठ में 108 प्रार्थना चक्र है। इस मठ में गुरु रिमपोचे की दो प्रतिमाएं स्थापित है।PC:Indrajit Das
नाथुला दर्रा
भारत-चीन सीमा पर स्थित नाथुला दर्रा 14,200 फीट की ऊंचाई पर है. नाथुला दर्रा सिक्किम को चीन के तिब्बत स्वशासी क्षेत्र से जोड़ता है। धुंध से ढंकी पहाड़ियां, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, गरजते झरने और यहां के रास्ते बेहद अद्भुत है । यह गंगटोक से करीब 54 किमी पूर्व में स्थित है। गंगटोक में पूर्व अनुमति के साथ केवल भारतीयों को बुधवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार को दर्रा घूमने दिया जाता है।PC:Vaishnav26
पमेयंगसे मोनिस्ट्री
ये सिक्किम की दूसरी सबसे पुरानी मोनिस्ट्री है.है है। इसे 1705 में लामा लहातसुन चैंपो ने डिजाइन किया था। इसके अनूठे शिल्प से लोग इस मोनिस्ट्री को दूर-दूर से देखने आते हैं।
हिमालयन जूलॉजिकल पार्क
हिमालयन जूलॉजिकल पार्क गंगटोक के आगे करीब 8 किमी की दूरी पर स्थित है। 205 एकड़ जमीन में फैले हुए पार्क को, बुलबुले के रूप में भी जाना जाता है और यहाँ खुले बाड़ों में रहने वाले दिलचस्प जंगली जानवरों की एक विस्तृत श्रृंखला भी है।आप पार्क में काकड़, पांडा, पैंथर्स, तिब्बती भेड़िये, कस्तूरी बिल्लियां, हिमालयी काले भालू और भी अधिक कुछ दिलचस्प जानवरों को देख सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ रहने वाले दो बहुत ही दिलचस्प प्राणी हैं। 'कुश' और 'उर्बशी'- राजसी बर्फ के तेंदुए की एक जोड़ी है जो देखने लायक है।PC: Nanda ramesh
एमजी मार्ग
गैंगटॉक के मध्य में स्थित है एमजी मार्ग। यहां आप कई तरह के व्यंजनों का स्वाद उठा सकते हैं। यहां का खाना और खिड़की से पहाड़ों का व्यू देखकर मजा आ जाता है।यहां टेस्ट ऑफ तिब्ब्त, चॉपस्टिक्स, रोल हाउस आदि जा सकते हैं।PC: Indrajit Das
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