मैसूर से तक़रीबन 150 किलोमीटर की दूरी पर हालेबिडु दक्षिण भारत के एक सदियों पुराने हिन्दू राजवंश होयसलाये वंश के गौरव का एक बचा हुआ टुकड़ा है यहाँ का इतिहास तो काफी लंबा है ही साथ ही यहाँ की कहानियां भी कई हैं।
होयसलाये वंश के राज्य काल के दौरान बहुत सारे मंदिरों का निर्माण हुआ लेकिन इन 1500 बनाये हुए मंदिरों में आज केवल 40 मंदिर बचे हुए हैं। आज भी यह सवाल गूंजता है कि इतने सफल, ताकतवर और साहसी राजाओं का साम्राज्य ख़त्म कैसे हुआ इसका जवाब केवल हैलेबिडु जाकर ही मिल सकता है तो क्यों न इस वेकेशन सैर की जाए एक ऐतिहासिक विशाल साम्राज्य हैलेबिडु की।
जहाँ आप कलात्मक शैली की अद्भुत नक्काशियों को करीब से महसूस कर सकेंगे। जहाँ की हर दीवार पर एक आलीशान इबारत लिखी हुई है।
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होयसलेश्वर मंदिर हालेबिडु,कर्नाटक
हैलेबिडु,कार्नाटक का विशाल भूतकाल साम्राज्य
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होयसल मूर्तिकला शैली,हालेबिडु
वास्तविक वास्तुयोजना के हिसाब से होयसल मंदिर केशव मन्दिर और हलेबिड के मन्दिर सोमनाथपुर और अन्य दूसरों से भिन्न हैं।
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होयसल मंदिर
ऐसा कहा जा सकता है कि होयसल कला का आरंभ ऐहोल, बादामी और पट्टदकल के प्रारंभिक चालुक्य कालीन मंदिरों में हुआ
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होयसलेश्वर मन्दिर, कर्नाटक
होयसलों की राजधानी हलेबिड में सबसे प्रमुख भवन होयसलेश्वर मन्दिर है। शिव को समर्पित है।
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केशव मन्दिर,हालेबिडु
वास्तविक वास्तुयोजना के हिसाब से होयसल मंदिर केशव मन्दिर और हलेबिड के मन्दिर सोमनाथपुर और अन्य दूसरों से भिन्न हैं।
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होयसल मंदिर के सामने का दृश्य
स्तम्भ वाले कक्ष सहित अंतर्गृह के स्थान पर इसमें बीचों बीच स्थित स्तंभ वाले कक्ष के चारों तरफ बने अनेक मंदिर हैं, जो तारे की शक्ल में बने हैं।
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होयसल मूर्तिकला शैली
कई मंदिरों में दोहरी संरचना पायी जाती है। इसके प्रमुख अंग दो हैं और नियोजन में प्राय: तीन चार और यहाँ तक कि पांच भी हैं।
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हालेबिडु मंदिरों की नक्काशी
अपनी प्रसिद्धि के चरमकाल में इस शैली की एक प्रमुख विशेषता स्थापत्य की योजना और सामान्य व्यवस्थापन से जुड़ी है।
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हालेबिडु की अद्भुत नक्काशियां
इसमें बलुई पत्थर के स्थान पर पटलित या स्तारित चट्टान का प्रयोग किया गया क्योंकि इस पर तक्षण कार्य अच्छी तरह से किया जा सकता है।
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नंदी मन्दिर, हालेबिडु की अद्भुत नक्काशियां
यह अलंकृत शैली में बना एक वैष्णव मंदिर है।
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केशव मन्दिर, हालेबिडु की अद्भुत नक्काशियां
मंडप के हर स्तंभ पर ख़ूबसूरत नक़्क़ाशी की गई है।
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शिव-पार्वती , हालेबिडु की अद्भुत नक्काशियां
शिव को समर्पित है। इसे अलंकृत निर्माण शैली का एक श्रेष्ठ उदाहरण माना जा सकता है।
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सोमनाथपुर का मंदिर, हालेबिडु की अद्भुत नक्काशियां
नरसिंह तृतीय द्वारा निर्मित मंदिरों में सोमनाथपुर का प्रसिद्ध केशव मंदिर है
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हालेबिडु गार्डन, हालेबिडु की अद्भुत नक्काशियां
शिल्पकारों द्वारा एकाश्मक अखंडित चट्टान को बड़ी लेथ पर घुमाकर इच्छित आकार देने की क्रिया के चलते स्तंभों को विशिष्ट रूप मिलाया जाता था।
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