ओड़िशा राज्य का बेहद लोकप्रिय शहर पुरी में 2015 की जगन्नाथ मंदिर रथ यात्रा शुरू होने वाली है। जिसकी तैयारियों में पूरा ओड़िशा, पुरी शहर और भगवान जगन्नाथ के भक्त बड़ी श्रद्धा से जुड़े हुए हैं। हर साल की तरह इस साल भी 18 जुलाई से यह महान विशाल रथ यात्रा शुरू होने वाली है।
यूँ तो यह रथ यात्रा अपने आपमें बेहद ख़ास है लेकिन इस साल इस रथ यात्रा में बहुत कुछ ख़ास होने वाला है। क्यों कि इस साल भगवान जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा के भगवान बदल दिए जाएंगे।
पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा
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जी हाँ दोस्तों पुरी के जगन्नाथ मंदिर की यह परंपरा है कि हर 14/15 सालों में भगवान की मूर्तियों को बदलकल नई मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है, एक तरफ जगन्नाथ मंदिर अपने आश्चर्यजनक कार्यों के कारण भक्तों के बीच श्रद्धा का अटूट रिश्ता कायम किये हुए है ऊपर से इसकी परम्पराएँ इसे पूरे विश्व में लोकप्रिये बनाती हैं।
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बहुत कुछ ख़ास है रथ यात्रा में
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जगन्नाथ मंदिर की सदियों से चली आ रही परंपरा
यहाँ नई मूर्तियां स्थापित करने वाली परंपरा की भी अपनी अलग विशेषतायें हैं। यह मूर्तियां अलग अलग पेड़ की बनी हुई होती हैं। जिनको बनाने में पवित्रता का खासा ध्यान रखा जाता है।
यह मूर्तियां जिन पेड़ों की बनी होती हैं वह कोई आम पेड़ नहीं होता। उन्हीं पेड़ों को इन मूर्तियों के लिए चयन किया जाता है जिसमे भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन के चिन्ह बने होते हैं।
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साथ ही साथ जिस पेड़ का चयन किया जाता है वह पूरी तरह पवित्र हो, उसपर कभी कोई चढ़ा न हो, जीव-जंतु और कोई कीड़ा भी कभी उस पेड़ तक न पहुंचा हो और उन पेड़ के नीचे सर्प (सांप) निगरानी के लिए बैठा हो।
इसके साथ ही जब साथ ही इस पेड़ के बारे में किसी को स्वप्न आता है कि किस जगह पर कितनी दूरी पर कौन सा पेड़ मूर्तियों के लिए पवित्र है तभी उस पेड़ का चयन किया जाता है, और इन पेड़ों की अच्छी तरह से तहकीकात करने के बाद तब ऐसे पेड़ को इन मूर्तियों के लिए चुना जाता है।
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जगन्नाथ मंदिर के आश्चर्यों में से एक यह आश्चर्य
जगन्नाथ मंदिर अपने आश्चर्यों के लिए भी दुनिया भर में मशहूर है। ऐसे ही इस मंदिर का सबसे आकर्षक आश्चर्य है 56 भोग (पकवान)। जिसके बारे में कहा जाता है कि 56 अलग अलग तरह के भोग एक दुसरे के ऊपर रखके, जहाँ देवी सुभद्रा निवास करती हैं उस कमरे मे बंद कर दिया जाता है, तो खाना अपने आप पाक जाता है।
इसमें सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि सबसे ऊपर का खाना सबसे पहले पकता है। कहा जाता है कि देवी सुभद्रा इसे पका देती हैं, जिसे प्रसाद के रूप में लोगों में बांटा जाता है।
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पुरी का जगन्नाथ मंदिर न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिध्द है, जहाँ भगवान के दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते हैं, और अपनी आस्था की भक्ति में डूब के सराबोर हो जाते हैं। तो दोस्तों इस बार की रथ यात्रा में आप भी पुरी की सैर कर सकते हैं।