अगर आप कला या कलाकृतियों से प्रेम करते हैं, कलात्मक चीज़ें या स्थल आपकी कमज़ोरी हैं तो बिना कुछ सोचे हुए आप ओडिशा के पुरी में स्थित एक गाँव रघुराजपुर की सैर के लिए निकल पढ़िए। क्यूंकि यहाँ आप ना सिर्फ अपने शौख को पूरा कर सकेंगे बल्कि बहुत कुछ कलात्मक कला सीखने का मौका भी मिलेगा।
पत्ता चित्र कला जिसमे गणेश को बखूबी दर्शाया गया है
Photo Courtesy: Shakti
ओडिशा का यह छोटा सा गांव कला और दस्ताकारी का खुला संग्रहालय है। जहाँ गाँव का एक व्यक्ति छोड़ दूसरा व्यक्ति इस कलात्मक शिल्प और दस्तलकारी से जुड़ा हुआ है। यहाँ के कलाकार अपने कुशल हाथों से शिल्पीक कपड़े, कागज और ताड़ के पत्तों पर जादू कर देते हैं। साथ ही यहाँ के लोग पत्ता नक्काशी, पत्थर की नक्काशी के रूप में हस्तशिल्प की विभिन्न किस्मों में भी माहिर हैं।
रघुराजपुर कलाकारों द्वारा सुपारी पर अद्भुत कला
Photo Courtesy: Revanthv552
गांव का हर व्यक्ति अपने पूर्वजों से इस कला को हासिल किये हुए है। आज ओडिशा में रघुराजपुर की अपनी अलग पहचान है जो है तो एक छोटा सा गांव लेकिन कारनामों में अच्छे अच्छे धुनंदरों को भी पछाड़े हुए है। यहाँ आकर आप हर घर की बाहरी दीवारों पर चित्रित भित्ति चित्र देख सकते हैं। आपको बतादें की भगवान जगन्नाथ के सिंहासन के नीचे और पुरी में जगन्नाथ मंदिर में सालाना रथ यात्रा उत्सव के दौरान तीन रथों में पत्ता की पारम्परिक सजावट इसी गाँव द्वारा की जाती है। यहाँ ग्रामीणों को कलाकारों के रूप में जाना जाता है।
घरों के बाहर बेमिसाल नक्काशी रघुराजपुर की पहचान है
Photo Courtesy: Revanthv552
रघुराजपुर अपनी कलात्मक शैली, चित्र, कला, और ख़ास कर 'पत्ता चित्र' के लिए लोगों के बीच लोकप्रिय है। इसे हाथ हाथ से बनी पट्टी पर बनाया जाता है जो एक के ऊपर एक कई परतों से बनी होती है। साथ ही इस पट्टी पर कलाकार जो रंग लगाते हैं वो भी हाथ से बने रंग होते हैं। इस वेकेशन आप इस गांव की सैर कर सकते हैं यहाँ मेहमानों की मेहमाननवाज़ी भी बड़ी हर्षो उल्लास से की जाती है। तो दोस्तों इस बार इस आलीशान विरासत वाले कलाकारों के गांव की सैर की जाए।
गाँव के आस-पास खूबसूरत दृश्य बनाते यह नारियल के वृक्ष
Photo Courtesy: Carla.antonini
कैसे पहुंचे रघुराजपुर गांव
इस गाँव तक पहुँचने के लिए पर्यटकों को पुरी और भुवनेश्वर से पहुंचना होगा जो कि भुवनेश्वर और पुरी को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 203 से गुज़ारना होगा। यहाँ से आप चंदनपुर पहुंचें फिर चंदनपुर से आप रिक्शा करके इस गांव की और पहुँच सकते हैं। चंदनपुर से इस गांव का रास्ता तक़रीबन 15 मिनट का होगा।