रमजान स्पेशल: रमजान में जामा मस्जिद जरुर जायें...
रमजान के मौके पर हर शहर के बाजार,गलियां लजीजदार कबाबों और स्ट्रीट फुड्स से सजी होती हैं। जब बात रमजान के पाक महीने की हो तो भला कोई लखनऊ को कैसे भूल सकता है। रमजान के मौके पर लखनऊ के बाजारों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है।
रमज़ान स्पेशल:दिल्ली में बेहतरीन कबाबों के दुकान!
लखनऊ में आपको विभिन्न तरह की बिरयानियां, कबाब, कोरमा, नाहरी कुल्चे, शीरमाल, ज़र्दा, रुमाली रोटी और ऐसे ही हजारों किसम की वैराइटियां मिल जाएंगी। तो अगर आप पहली बार अपने खास लोगो के साथ लखनऊ ईद मनाने जा रहें है..तो लखनऊ की इन खास नॉन वेजिटेरियन डिशेस को चखना ना भूले.
टुंडे कबाब
लखनऊ आए और टुण्डे कबाब नहीं खाया तो क्या खाया आपने। टुण्डे का मतलब है विकलांग। यानी जिस व्यक्ति ने इस कबाब को पहले बनाया था वह एक विकलांग व्यक्ति था। टुंडे कबाब बनाने के लिये लगभग 100 प्रकार के मसालों का प्रयोग किया जाता है। यह इतने मुलायम होते हैं कि मुंह में जाते ही घुल जाते हैं। आज टुंडे कबाब इतना फेमस हो चुका है कि बैंगलोर में भी इसकी एक शाखा खोल दी गई है।
बोटी कबाब
यह एक प्रसिद्द मुगलई डिश है, जोकि मटन से बनती है। मटन के पीस को लगातार आंच पर पकाने के बाद इस जाकेदार कबाब को तैयार किया जाता है।यकीन मानिए इसे खाने के बाद आप उंगलियां चाटते रह जाएंगे।
गिलौटी कबाब
अगर अप लखनऊ आये और गिलौटी कबाबनहीं खाए तो आप बहुत कुछ मिस कर देंगे। इसका आविष्कार उस समय किया गया जब नवाबों को लगने लगा कि अब उनके दांत कमजोर हो चुके हैं और अब वह किसी भी कठोर मांस के टुकड़े को चबा पाने में असमर्थ हैं। तब उन्होनें अपने खास शाही बावर्ची को निर्देश दिया कि वह उनके लिये कोई ऐसी चीज़ बनाए जो मुंह में डालते ही गल जाए। तभी इस गिलौटी कबाब का निजात हुआ और इसका नाम पड़ा गिलौटी कबाब। यह कबाब मुंह में डालते ही घुल जाता है।
मटन सीख-कबाब
मटन सीख कबाब देखने में काफी सिंपल होते हैं मगर इनका टेस्ट काफी लाजवाब हेाता है। आपको यहां मटन और चिकन दोनों के ही कबाब मिल जाएंगे।अमीनाबाद और चौंक की छोटी छोटी दुकानों पर आपको मटन के सीख कबाब बिकते हुए मिल जाएंगे।
तंदूरी चिकन
क्या आपका चिकन पढ़कर ही मुंह में पानी अ गया..चिकन है ही ऐसा..और अगर कहीं तंदूरी चिकन की बात हो जाए तो वाह भाई वाह कहने ही क्या। इस पर लगा दही, क्रीम, मसाले और नींबू का पेस्ट मानों इसमें और जान छिड़क देते हैं। लखनऊ की गलियों में आपको तंदूरी चिकन बिकता हुआ आसानी से दिख जाएगा। इसे स्टार्टर के रूप में खाया जाना पसंद किया जाता है।
हांडी चिकन
जैसा की नाम से पता लगता है कि, इस एक मिट्टी के बर्तन में पकाया जाता होगा। इसका स्वाद तब और चोखा हो जाता है जब आप इसे शीरमल के साथ खायेंगे । वैसे तो यह डिश आजमगढ़ से फेमस हुई थी मगर वही स्वाद आपको लखनऊ के गोमती नगर और बादशाह नगर के इलाके में भी मिल जाएगा। कोयले की धीमी आंच पर पकाया हुआ चिकन आप शीरमाल के साथ खा सकते हैं।
शीरमाल
इस रोटी को केसर, दूध, मैदे और घी से तैयार किया जाता है। नारंगी कलर की दिखने वाली शीरमाल अपने बनाने और दिखने के ढंग से काफी प्रचलित है।
काकोरी कबाब
लखनऊ की डिनर पार्टियों में काकोरी कबाब को विशेष स्थान प्राप्त है। पिसे हुए मटन को लोहे की क्षणों में डाल कर ऊप से गुलाबी की पंखुडियों का पावडर और अन्य मसाले लगा कर आग में ग्रिल्ल कर के पकाया जाता है।
पाया की निहारी
लखनऊ के पाया की निहारी एक ऐसी जबरदस्त डिश है जिसे रात में 6 से 7 घंटों तक धीरे-धीरे धीमी आंच पर पकाया जाता है। नाहर एक उर्दू शब्द है जिसका अर्थ होता है सुबह और इसीलिए ये डिश सुबह-सुबह लखनऊ में धड़ल्ले से बिकता है। निहारी को कुल्चे के साथ खाया जाता है।
लखनवी बिरयानी
मटन बिरयानी यहां के रग-रग में बसती है। मसलों के साथ पहले पके हुए चावल को जब पहले से मैरीनेट किये मटन में मिक्स किया जाता है, तब जा कर तैयार होती है लखनवी बिरयानी। बिरयानी पकाने का अंदाज यहां पर सबसे जुदा माना जाता है। यकीन मानिए अगर इस बिरयानी का स्वाद अगर एक बार आपने मुंह पर चढ़ गया फिर आपको कहीं और कि बिरयानी पसंद ही नहीं आएगी।
चिकन शामी कबाब
चिकन तथा चना दाल को पीस कर यह कबाब तैयार किया जाता है। इसमें ढेर सारे सुगन्धित मसाले और अंडा भी डाला जाता है, जिससे यह क्रिस्पी और टेस्टी बन जाता है। इसे लच्छेदार प्याज और रोटी के साथ खाया जाता है।
ज़र्दा पुलाव
ज़र्दा शब्द उर्दू शब्द जर्द से लिया गया है, जिसका नाम होता है पीला। इसलिये यह पुलाव पीले रंग का होता है। यह मीठा पुलाव बासमती चावल, शक्कर, मेवे और केसर को डाल कर बनाया जाता है। शादियों में यह एक पॉपुलर डेजर्ट के रूप में खाया जाता है।
प्रकाश की कुल्फी
बिरयानी, कबाब खाने के बाद अब बारी आती है मीठे की..तो फिर प्रकाश की कुल्फी जरुर ट्राई करें,इसे खाने के बाद आप सारी थकान भूल जाएंगे। प्रकाश की कुल्फी पूरे लखनऊ में प्रसिद्ध है। यह फालूदा कुल्फी आपको बिल्कुल ठंडी सर्व की जाएगी जिसके अनेक फ्लेवर होते हैं।
मलाई गिलोरी
यह मिठाई बेहद स्वादिष्ट और मखमल की तरह मुलायम है, जिसे मुंह में डालते ही घुल जाएगी। लखनऊ में यह छप्पन भोग, राम आसरे या राधे लाल की मिठाई की दुकान पर मिल जाएगी।
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