कहते हैं, समय किसी के लिए रुकता नहीं है, थमता नहीं है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आप एक वीकेंड के दौरान गुज़ारे गए समय को अपनी यादों में संजो के रख सकते हैं। जी हां ये सच है यदि आपको समय को रोककर उसकी यादों को अपने पास महफूज रखना है तो आप रंगनाथिट्टू की यात्रा अवश्य करें, ये स्थान श्रीरंगापट्नम के पास में ही स्थित है।
अब आप शायद ये सोच रहे होंगे कि हम क्यों आपको रंगनाथिट्टू की यात्रा का सुझाव दे रहे हैं तो आपको बताते चलें कि धान के संपन्न खेतों, पंक्तियों में लगे नारियल के पेड़ों और प्रचुर मात्रा में भरी नहरों के बाद रंगनाथिट्टू वो स्थान है जो आपकी आंखों को ठंडक और मन को राहत देगा। यहां आकर आप विश्व प्रसिद्ध रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य को निहारना बिलकुल न भूलें।
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श्रीरंगापट्नम के निकट और कावेरी नदी के किनारे स्थित ‘रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य‘, इस क्षेत्र का एक प्रमुख आकर्षण है।6 उपद्वीपों के समूह से बना यह अभयारण्य 67 कि.मी. वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है। ज्ञात हो कि इस स्थान को 1940 में पक्षी अभयारण्य का दर्जा मिला था। घूमने के लिहाज से जून से अक्तूबर के बीचका समय यहां जाने का आदर्ष समय है।
ज्ञात हो कि ये स्थान सारस व हवासील जैसे प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां आने के बाद आपको कुछ अन्य पक्षी जैसे-श्वेत आइबिस, स्पूनबिल, इग्रेट, जलकाग और तीतर भी देखने को मिल जाएंगे। आप इस उपद्वीप पर नौका में सवारी करते हुए बगुलों व खुले बिल वाले सारसों के अलावा मगरमच्छ, घड़ियाल मॉनिटर लिज़र्ड और साँपों को भी देख सकते हैं।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
धान के संपन्न खेतों, पंक्तियों में लगे नारियल के पेड़ों और प्रचुर मात्रा में भरी नहरों के बाद रंगनाथिट्टू वो स्थान है जो आपकी आंखों को ठंडक और मन को राहत देगा।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
यहां आकर आप विश्व प्रसिद्ध रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य को निहारना बिलकुल न भूलें।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
श्रीरंगापट्नम के निकट और कावेरी नदी के किनारे स्थित ‘रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य‘, इस क्षेत्र का एक प्रमुख आकर्षण है।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
अभयारण्य में आप दुर्लभ जीवों जैसे मार्श मगरमच्छ और मॉनिटर लिज़र्ड को भी देख सकते हैं।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
6 उपद्वीपों के समूह से बना यह अभयारण्य 67 कि.मी. वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
ज्ञात हो कि इस स्थान को 1940 में पक्षी अभयारण्य का दर्जा मिला था।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
घूमने के लिहाज से जून से अक्तूबर के बीचका समय यहां जाने का आदर्ष समय है।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
ज्ञात हो कि ये स्थान सारस व हवासील जैसे प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए एक आदर्श स्थान है।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
हां आने के बाद आपको कुछ अन्य पक्षी जैसे-श्वेत आइबिस, स्पूनबिल, इग्रेट, जलकाग और तीतर भी देखने को मिल जाएंगे।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
जाएंगे। आप इस उपद्वीप पर नौका में सवारी करते हुए बगुलों व खुले बिल वाले सारसों के अलावा मगरमच्छ, घड़ियाल मॉनिटर लिज़र्ड और साँपों को भी देख सकते हैं।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
पर्यटकों के लिए अभयारण्य सुबह 9 बजे से शाम 6बजे तक खुला रहता है।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
यहां प्रवेश टिकट शुल्क भारतीयों के लिए 50 रूपए और विदेशियों के लिए 300 रूपए है।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
बंगलौर से 130 किलोमीटर दूर वीकेंड के लिए ये एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। आप यहां जाने के लिए बैंगलोर - मैसूर रोड का चुनाव कर सकते हैं।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
ये रोड बहुत ही आकर्षक है और इस रोड पर आपको ऐसा बहुत कुछ मिलेगा जिसकी कल्पना आपने नहीं की होगी।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य
आपको बता दें कि इस स्थान की यात्रा के लिए एक दिन बहुत है। यदि आप चाहें तो बचे हुए समय में मैसूर की यात्रा कर सकते हैं।
पर्यटकों के लिए अभयारण्य सुबह 9 बजे से शाम 6बजे तक खुला रहता है। प्रवेश टिकट शुल्क भारतीयों के लिए 50 रूपए और विदेशियों के लिए 300 रूपए है।
कैसे जाएं रंगनाथिट्टू
सड़क मार्ग द्वारा
बंगलौर से 130 किलोमीटर दूर वीकेंड के लिए ये एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। आप यहां जाने के लिए बैंगलोर - मैसूर रोड का चुनाव कर सकते हैं। ये रोड बहुत ही आकर्षक है और इस रोड पर आपको ऐसा बहुत कुछ मिलेगा जिसकी कल्पना आपने नहीं की होगी। आपको बता दें कि इस स्थान की यात्रा के लिए एक दिन बहुत है। यदि आप चाहें तो बचे हुए समय में मैसूर की यात्रा कर सकते हैं।