हर किसी की तरह इस साल मैने खुद से वादा किया कि, इस साल मै जमकर नयी नयी जगह देखूंगी और उन्हें जानूंगी।जिसके चलते मैने साल के पहले ही वीकेंड अपने दोस्तों के साथ यरकोड जाने का
फैसला किया। यरकोड तमिलनाडु की शेवारॉय पहाड़ियों में स्थित है।यरकोड जाने के लिए हमने तीन दिन की ट्रिप प्लान की है ।
हमारी बैंगलोर से यरकोड की ट्रिप की शुरुआत हुई 1 जनवरी 2017 को। बैंगलोर से से यरकोड जाने के तीन रास्ते हैं।
रूट नंबर 1
बैंगलोर-इलेक्ट्रॉनिक सिटी-कृष्णागिरी-कवेरिपत्तिनाम-धर्मपुरी-नालाम्पल्ली-देवात्तिपत्ति-दानिशपेट-बोम्मिदी रोड-कंवाईपुदुर-यरकोड। अगर आप पहला रूट फॉलो करते हैं तो आप बैंगलोर से यारकोड 4 घंटे 16 मिनट में पहुंच जायेंगे।
रूट नम्बर 2
बैंगलोर-कनकपुरा, हुनासनहल्ली रोड-धर्मपुरी-होगनेक्कल रोड-NH44से देवात्तिपत्ति-दानिशपेट-बोम्मिदी रोड-कंवाईपुदुर-यरकोड। अगर आप पहला रूट फॉलो करते हैं तो आप बैंगलोर से यारकोड 6 घंटे 38 मिनट में पहुंच जायेंगे।
रूट 3
बैंगलोर-कोलार-कम्मसांद्रा-कुप्पम-कृष्णागिरी-कवेरिपत्तिनाम-धर्मपुरी-नालाम्पल्ली-देवात्तिपत्ति-दानिशपेट-बोम्मिदी रोड-कंवाईपुदुर-यारकोड। अगर आप पहला रूट फॉलो करते हैं तो आप बैंगलोर से यरकोड 6 घंटे 26मिनट में पहुंच जायेंगे।
यरकोड जाने के लिए हमने रूट नम्बर 1 को चुना। बैंगलोर से यरकोड जाने के लिए हम सुबह ही 6 बजे उठ गये और नाश्ता करके निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर। हम बैंगलोर से यरकोड जाने के लिए सुबह 6:30 बजे निकले।
हमने पहले रूट का चुनाव किया था जिसके चलते हम दोपहर तक यारकोड पहुंच गये थे।
कृष्णागिरी
यरकोड जाने वाले दिन हमने अपना पहला स्टॉप कृष्णागिरी में लिया। बैंगलोर से कृष्णागिरी तक पहुंचते हुए हमने काफी कॉफ़ी के बागानों को देखा और अपने राइड का जमकर आनन्द भी लिया। जैसे जैसे हम अपनी मंजिल के करीब थे वैसे वैसे ही भूख हमारे उपर हावी हो रही थी। फिर हम एक रेस्तरां श्री सर्वना भावना पर रुके। वहां मेने और मेरी दोस्त ने जमकर साउथ इंडियन खाने का मजा लिया।अगर आप भी यरकोड जा रहे हैं तो श्री सर्वना जाना बिल्कुल भी ना भूले। यहां आप[कोअच्छा खाना काफी वाजिब दामों पर मिलेगा साथ ही पार्किंग की सुविधा भी।
भूख मिटाने के बाद हम एक बार फिर निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर। एक बार फिर
खाली सड़को पर अपनी कार को दौड़ाते हुए आग बढ़ रहे थे।
सेलम
मंजिल की ओर बढ़ने से पहले हमने एक टी ब्रेक लिया।टी ब्रेक लेने के बाद हम 10:40 पर सेलम पहुंच गये। जिसके बाद खाली सड़को पर गाड़ी दौड़ाते हुए हम 11:40 पर यारकोड पहुंचे।
झील
यारकोड पहुंचते ही हमारी नजर एक झील पर पड़ी।झील के पास ही हमारा होटल था। हमने पहले होटल में रुककर आराम करने का निश्चय किया। हमारे होटल से यारकोड का अद्भुत नजारा बिल्कुल साफ़ दिखाई दे रहा था। होटल का स्टाफ काफी शालीन था, साथ ही होटल भी सभी सुख सुविधायों के साथ था।होटल में चेक इन के बाद हमने एकदम अच्छा सा कॉम्प्लीमेंट्री नाश्ता किया। नाश्ते के बाद हमने यरकोड की कुछ जगह घूमने का फैसला किया।
ग्रेट नेचर ट्रेल्स
होटल में कुछ देर आराम करने के बाद हम पगोड़ा पॉइंट, यह पॉइंट यारकोड का प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस में से एक है।यहां से आप दूर दूर तक फैले हुए हरे भरे पहाड़ों का नजारा ले सकते हैं।साथ ही इस जगह हमने तीर अंदाजी का भी मजा लिया।
लेडी सीट
होटल में कुछ देर आराम करने के बाद हम पगोड़ा पॉइंट, यह पॉइंट यारकोड का प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस में से एक है।यहां से आप दूर दूर तक फैले हुए हरे भरे पहाड़ों का नजारा ले सकते हैं।साथ ही इस जगह हमने तीर अंदाजी का भी मजा लिया।पगोड़ा पॉइंट देखने के बाद हम लेडी सीट पहुंचे। यहां हमने पांच रुपये खर्च करके टेलीस्कोप से वहां के अद्भुत नजारों को देखा। लेडी सीट के बाद हम पहुंचे रोज गार्डन...इस बगीचे में विभिन्न प्रकार के गुलाब के फूलों की प्रजातियां मौजूद थी।
अन्ना पार्क
हालांकि इस दौरान हम थोड़ा सा थक चुके थे लेकिन हमने करदियुर व्यू पॉइंट और अन्ना पार्क जाने का फैसला किया। अन्ना पार्क करदियुर पॉइंट से थोड़ा सा दूर था।अन्ना पार्क छोटे छोटे बच्चो से भरा हुआ था।यहां एक नर्सरी भी है जहां से आपपेड़ पौधे भी खरीद सकते हैं । हमने अपने पहले दिन की ट्रिप को यहीं खत्म करते हुए होटल की ओर रुख किया।
बोटिंग पॉइंट
दूसरे दिन यरकोड घूमने की जल्दी में हम सुबह जल्दी उठ गये और नाश्ता करके हम निकल पड़े अपनी नई मंजिल की ओर।हमने दूसरे दिन सबसे पहले बोटिंग का मजा किया। हम होटल से सीधे पहुंचे बोटिंग पॉइंट, जोकि बेहद ही खूबसूरत था। बोटिंग के बाद हमने यारकोड के कुछ टूरिस्ट जगहों को घूमने का फैसला किया जैसे मोंटफोर्ट स्कूल, सर्वोयान मंदिर, नॉर्टन का बंगला, आदि।हमने दूसरा दिन खत्म होते होते यारकोड की सभी जगहों को अच्छे से घूम लिया था।
आखिरी दिन
तीसरे दिन हमने किलीयुर झरना जाने का फैसला किया। यह झरना 300 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जोकि देखने में बेहद ही खूबसूरत है।वाटरफॉल का मजा लेने के बाद हमने कई और भी जगहें घूमी साथ ही हमने तीसरे दिन जमकर खरीददारी भी की।जिसके बाद हमने यारकोड को अलविदा कहते हुए हम बैंगलोर के लिए रवाना हो लिए।कोई शक नहीं कि यारकोड "दक्षिण का गहना" है।
(बैंगलोर के 10 बेस्ट कैम्पिंग स्थान)