कोलकाता शहर भारत के प्रमुख शहरों में एक, अद्वितीय केंद्र भी है। यहाँ की जीवंत संस्कृति, औपनिवेशिक प्रभाव वाली आकर्षक विरासतें इस जगह को और दिलचस्प बनाती हैं। और इन सबसे ऊपर, हूगली नदी इस ऐतिहासिक शहर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हावड़ा ब्रिज, विक्टोरिया मेमोरियल, ईडन गार्डन, सेंट पॉल कैथेड्रल आदि जैसी प्रसिद्ध स्मारकें तो आपने बहुत ही देखी होंगी पर क्या आपने कभी कोलकाता के घाटों को जाना है, जिन्हें इस शहर से बाहर या राज्य से बाहर बहुत कम ही लोग जानते होंगे।
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जी हाँ, कोलकाता में स्थित नदी के घाट भी शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। बिल्कुल वैसे ही जैसे वाराणसी में गंगा नदी के घाट हैं, उसी तरह कोलकाता के ये घाट हूगली नदी के किनारे स्थित हैं।
बाबू घाट
बाबू घाट
बाबू घाट कोलकाता के सबसे पुराने घाटों में से एक है। इसका यह नाम बाबू राज चंद्र के नाम पर पड़ा , जो औपनिवेशिक समय के जमींदार और एक बहुत ही धनी व्यक्ति हुआ करते थे। यह घाट बाबू राज चंद्र दास की याद में उनकी पत्नी रानी रासमोनी द्वारा बनवाया गया था। जैसा कि यह औपनिवेशिक समय से यहाँ पर है, घाट का प्रवेश द्वारा डोरिक-ग्रीक आर्किटेक्चर में बना हुआ है। आज बाबू घाट में लोगों और पर्यटकों का ताँता लगा ही रहता है। दुकानदार, यात्री आदि जो हूगली भी नदी पर आते हैं हावड़ा स्टेशन पर पहुँचने के लिए, उन लोगों से घाट में पूरे दिन-रात चहल-पहल मची रहती है।
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प्रिन्सेप घाट
Image Courtesy: BuntySourav
प्रिन्सेप घाट
प्रिन्सेप घाट, जेम्स प्रिन्सेप(ब्रिटिश विद्वान) की याद में बनवाया गया। प्रिन्सेप घाट में एक स्मारक है जो ग्रीक और गॉथिक वास्तुशैली में बना हुआ है। कई सालों से, प्रिन्सेप घाट कोलकाता के सैरगाह के रूप में बदल गया है। घाट से विद्या सागर सेतु पुल और हूगली नदी का नज़ारा पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को भी रोज़ अपनी आकर्षित करता है।
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आर्मेनियन घाट
ऐसा कहा जाता है कि, वे आर्मीनियाई ही थे जो कोलकाता में बसने वाले सबसे पहले विदेशी थे। यहाँ तक कि यह घाट भी एक आर्मीनियाई द्वारा ही बनवाया गया था, इसलिए यह आर्मेनियन घाट के नाम से जाना जाने लगा। दिलचस्प बात यह है कि यह घाट मुख्यतः फूलों के बाज़ार और एक आकर्षक पर्यावरण के लिए जाना जाता है। इस घाट पर भी दिन भर दुकानदारों और यात्रियों का मज़मा लगा ही रहता है।
आर्मेनियन घाट
Image Courtesy: Soumen Ray
चांदपाल घाट
चांदपाल घाट कोलकाता के पर्यटन आकर्षणों में से एक है। घाट की दिलचस्प बात यह है कि घाट का नाम एक दुकानदार के नाम पर रखा गया है, जो इसी घाट पर अपनी दुकान लगाते थे। यह कोलकाता का एक और अन्य लोकप्रिय घाट है। माना जाता है कि यहाँ के दुकानदार जिनका नाम चंद्रनाथ पॉल था उन्हीं के नाम पर यह चांदपाल घाट नाम पड़ा।
चांदपाल घाट
जगन्नाथ घाट
जगन्नाथ घाट में भी कुछ-कुछ यूरोपियन झलक देखने को मिलता है जो हर बार पर्यटकों को अपनी ओर आने के लिए आकर्षित करता है। और यहाँ स्थित फूलों का बाजार भी इस हूगली नदी के किनारे को और आकर्षक और जीवंत बनाता है। पहले जगन्नाथ घाट का नाम शोभाराम बसक घाट था।
ये नदी के घाट कोलकाता पर्यटन के महत्वपूर्ण अंग हैं। आज यहाँ लोग कुछ सुकून भरे पल बिताने, फूलों की खरीददारी करने और कुछ दुकानदारी करने भी आते हैं। हर नदी के घाट के निर्माण की एक अलग कहानी है जो इनकी महत्ता को दर्शाते हैं। और सबसे बड़ी बात है कि आप इन घाटों पर बैठ हूगली नदी के सबसे खूबसूरत नज़ारों को अपनी आँखों में कैद करते हैं।
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