भारत के दक्षिण में स्थित तमिलनाडु की सैर एक पर्यटक के लिए हर तरीके से अनोखी और खास है, यहां की संस्कृति, धर्म, सहजता और सुंदरता पर्यटकों का मन मोह लेती है। यहां ऐसा बहुत कुछ है जिसकी सुन्दरता को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता, इस सुन्दरता को केवल वहां जाकर महसूस किया जा सकता है। तमिलनाडु की संस्कृति और सभ्यता कुछ ऐसी है कि ये लोगों को अपनी ओर खींचती है शायद यही कारण है कि ये राज्य हर साल देश के अलावा दुनिया के लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको अवगत करा रहे हैं तमिलनाडु के एक ऐसे खूबसूरत हिल स्टेशन से जो अपनी सुन्दरता के कारण पहाड़ों की रानी के रूप में जाना जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के खूबसूरत हिल स्टेशन ऊटी की । ऊटी नीलगिरी की सुंदर पहाड़ियों में स्थित एक सुंदर शहर है। इस शहर का आधिकारिक नाम उटकमंड है तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए इसे ऊटी का संक्षिप्त नाम दिया गया है।
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भारत के दक्षिण में स्थित इस हिल स्टेशन में कई पर्यटक आते हैं। यह शहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले का एक भाग है। ऊटी शहर के चारों ओर स्थित नीलगिरी पहाड़ियों के कारण इसकी सुंदरता बढ़ जाती है। इन पहाड़ियों को ब्लू माउन्टेन भी कहा जाता है। इसी क्रम में आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं ऊटी के उन अनछुए अट्रैक्शनों के बारे में जिनकी यात्रा आपको ऊटी जाने पर अवश्य करनी चाहिए।
तो आइये जाने क्या क्या ख़ास और अलग है ऊटी में आपके लिए।
टोडा हिल्स
यदि आप भारत में एक बिलकुल नए तरह के कल्चर को महसूस करना चाहते हैं तो आप टोडा हिल्स की यात्रा अवश्य करें। हरी भरी ढलानों के बीच टोडा समुदाय का घर टोडा हिल्स अपनी खूबसूरती और अपने अनोखे टोडा कल्चर के लिए जाना जाता है। आपको बता दें कि टोडा समुदाय के लोग अपने विशेष घरों जिन्हें " डोगल" कहा जाता है के लिए जाने जाते हैं साथ ही ये लोग पारम्परिक कढ़ाई के काम में भी अपनी ख़ास पहचान रखते हैं।
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ऊटी माउंटेन रेलवे
इस रेलवे लाइन का भारत की सबसे पुरानी रेलवे लाइनों में है जिसका निर्माण अंग्रेज़ों ने कराया था। ज्ञात हो कि ऊटी माउंटेन रेलवे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है जिसकी यात्रा एक न भूलने वाला अनुभव है।
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डोडाबेट्टा
डोडाबेट्टा भारत के पश्चिमी घाट की पर्वतमाला का एक पर्वत है। यह चोटी समुद्र तल से 2623 मीटर ऊपर है। यह जिले की सबसे ऊंची चोटी मानी जाती है। यह चोटी ऊटी से केवल 10 किमी. दूर है इसलिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से घाटी का नजारा अदभूत दिखाई पड़ता है।
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पयकारा झील
पयकारा झील प्रकृति की उत्कृष्टता का शानदार उदाहरण है तथा यह मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 30 किमी. की दूरी पर स्थित है। झील का दृश्य अद्भुत और नयनाभिराम है तथा इसका पानी हरे रंग का है। यह नीलगिरी जिले की सबसे बड़ी झील है तथा तोड़ा लोग इसे पवित्र मानते हैं। वेनलॉक डाउंस एक बड़ा हरा घास का मैदान है जो एक पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थल है तथा यह पयकारा झील के पास स्थित है।
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पोरथिमुंड झील
ये झील भी ऊटी का एक प्रमुख आकर्षण है। आपको बता दें कि बॉलीवुड फिल्म रोजा की भी शूटिंग इसी स्थान पर हुई थी और तब से ये स्थान पर्यटकों के बीच और भी अधिक पॉपुलर हो गया है। ये स्थान एक फारेस्ट रिजर्व है और यहां आने के लिए आपको फारेस्ट डिपार्टमेंट से अनुमति लेनी होगी।
फोटो कर्टसी : Ambigapathy
मुकुर्थी नेशनल पार्क
यह भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिजर्व है जिसका निर्माण दक्षिण भारत के जंगलों में वास करने वाले प्रमुख वन्य जीव नीलगिरि तहर की रक्षा के लिए किया गया था। हो सकता कि जल्द ही ये स्थान यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में बदल जाये।
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पारसंस वैली
ऊटी में स्थित ये स्थान किसी छुपे हुए ख़ज़ाने से कम नहीं है। इस स्थान से ऊटी को पानी प्राप्त होता है। हालांकि ये स्थान एक जंगल रिजर्व है लेकिन आप वन विभाग से आज्ञा लेने के बाद इस स्थान का भ्रमण कर सकते हैं। यदि आप प्रकृति को उसके सर्वोत्तम रूप में देखना चाहते हैं तो इस स्थान की यात्रा अवश्य करें।
फोटो कर्टसी : Ambigapathy
एमरल्ड झील
ऊटी की इस सुंदरता देखने लायक है, आपको बता दें कि यहां मौजूद पानी किसी आभूषण से कम नहीं है। दोनों तरफ से घने जंगलों से घिरी इस झील की सुंदरता का वर्णन किसी शब्द या वाक्य में नहीं किया जा सकता। इसकी असली सुंदरता आप तभी महसूस कर सकते हैं जब आपने इसकी यात्रा की हो। हमारा सुझाव है अपनी ऊटी यात्रा पर इस स्थान को देखना बिलकुल न भूलें।
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एवलेंच झील
एवलेंच झील नीलगिरी की पहाड़ियों में स्थित है तथा ऊटी शहर से लगभग 28 किमी. की दूरी पर स्थित है। 19 वीं शताब्दी में यहाँ बर्फ की चट्टान के सरकने के कारण यह झील बनी थी। इसी आधार पर इसका नाम रखा गया है। यह झील पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों में समान रूप से लोकप्रिय है। झील के आसपास का क्षेत्र जादुई है। झील के आसपास की पहाड़ियां वर्ष में अधिकाँश समय मैग्नोलिया (सफ़ेद या गुलाबी रंग के फूल), बुरुंश और ऑर्किड के फूलों से ढंकी रहती हैं तथा यहाँ के दृश्य को अलौकिक बनाती हैं।
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अपर भवानी
एक बंद सीमा आरक्षित वन में स्थित इस खूबसूरत झील की यात्रा के लिए आपको वन अधिकारियों से विशेष अनुमति की आवश्यकता हो सकती है।
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