जी हाँ हम यहाँ बात कर रहें हैं एक अद्वितीय पर्व की। आदमी, खास करके युवा लोग कुओं, तालाबों या नदियों में लोगों द्वारा डाले गये तोहफे ढूँढने के लिए इस समय कूदते हैं। इस रिवाज़ से जुड़ी कथा हमें जीसस के जन्म के समय में ले जाती है। ईसाई धर्म के अनुसार कहा जाता है की जब बॅप्टिस्ट जॉन अपनी माँ के कोख में थे तब उन्होंने जीसस के जन्म की बात सुनी, जिसे सुन वे बहुत ही आनंदित हुए।
तालाब में डुबकी लगा तोहफे ढूँढते लोग
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कुछ सालों बाद, जॉर्डन नदी के किनारे पर जीसस क्राइस्ट को संत जॉन, बाप्तिसमा(ईसाई बनने का रिवाज़) दिलाते हैं। कुएँ और तलाब जिसमें लोग डुबकी लगाते हैं वह जॉन की माँ एलिज़ाबेथ की कोख का प्रतीक है। पानी में डुबकी लगा आनंद लेना, बॅप्टिस्ट जॉन की खुशहाली को दर्शाता है जब वे अपनी माँ के कोख में थे।
इस पर्व को गोआ में साओ जोआओ के नाम से जाना जाता है। यह पर्व उन जाने पहचाने पर्वों में से एक है जिसमें, सारे ईसाई धर्म के लोग उत्साह के साथ भाग लेते हैं। इसे 'जॉन द बॅप्टिस्ट' के पर्व के नाम से भी जाना जाता है।
सोकोररो गाँव में साओ जोआओ मानते लोग
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साओ जोआओ मान्सून को आमंत्रित करने और उसका मज़ा लेने का भी पर्व है। असल में लोग यहाँ पर भारी बारिश में खेल कर उसका मज़ा लेते हैं। यह पर्व उन असामान्य पर्वों में से एक है जो लोगों को एक साथ एक दूसरे के पास लाता है।
बस इतना ही नहीं, लोग पानी में कूद कर तोहफे ढूँढते हैं जो पानी में लोगों द्वारा ही डाले जाते हैं। हालाँकि यह पर्व पूरे गोआ में नहीं मनाया जाता है। दक्षिण गोआ में इस पर्व को उतने बड़े पैमाने और हर्षोल्लास के साथ नहीं मनाया जाता है जितना की इसे उत्तर गोआ में मनाया जाता है। उत्तरी गोआ में इस पर्व का सबसे ज़्यादा महत्व है।
बारिश का आनंद लेते लोग
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पानी में कूदकर मज़ा लेने से पहले लोग वहाँ के पेय पदार्थ फेन्नी का आनंद लेते हैं। कार्निवाल के अंत में लज़ीज़ व्यंजनों का आनंद लेने की बारी आती है। लोग अपने मनपसंदीदा लोकल व्यंजनों और पेय पदार्थों का मज़ा लेते हैं।
पर्व के दौरान सॉल्सेट तालुक पर वहाँ के लोक नृत्य को करने का भी रिवाज़ है। बार्डेज़ में रंग बिरंगे पारंपरिक तरीके से सजे नौकाओं की नौका दौड़ की प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।
नौका दौड़ के लिए सजी नाव
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अंत में, साओ जोआओ उत्साहिक, हर्षोल्लास और अड्वेंचर से भरे पर्व का मिश्रण है। यह कार्निवाल लोगों को एक साथ एक दूसरे के करीब लाता है।
साओ जोआओ हर साल 24 जून को मनाया जाता है। तो अगर आप अभी गोआ की यात्रा में हैं या फिर कभी इस मौसम में जाएँ तो इस बड़े पैमाने पर मनाए जाने वाले अद्वितीय पर्व का आनंद लेना ना भूलें
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