हर कहानी का सच होना ज़रूरी नहीं है, कहानी का दिलचस्प होना ही काफ़ी होता है। कहानी का जगहों और उसके समय के साथ तालमेल बैठना ही प्रसिद्धि का कारण होता है। इसी तरह आमेर के किले की शीला देवी मंदिर की कहानी भी आपको उसके समय में ज़रूर ही ले जाएगी।
गणेश पोल, अमेर के किले का एक प्रवेश द्वार
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महाराजा मान सिंघ, राजा केदार से युद्ध में हारकर बहुत ही अपमानित हुए थे। इसी बेचैनी की वजह से उन्होंने माँ काली की पूजा करनी शुरू कर दी जिससे की उन्हें दोबारा से युद्ध में लड़ने की ताक़त मिल जाए। एक रात काली माँ उनके सपने में उन्हें आशीर्वाद देने को प्रकट हुईं। युद्ध में जीतने के लिए उन्होंने, राजा को उनके किले में ही एक मंदिर बनाने के लिए कहा। काली माँ ने उन्हें उनकी खोई हुई प्रतिमा जेस्सोर(अब बांग्लादेश में है) के तटीय क्षेत्र से लाने को कहा। मान सिंघ उस प्रतिमा को ढूँढने के लिए वहाँ गये, जहाँ उन्हें पत्थर की पट्टी मिली।
जब वे उस पट्टी को लेकर अपने राज्य लौटे तो उस पट्टी को वहाँ अच्छी तरह से धोया गया जिसमें काली माँ की प्रतिमा दिखाई दी। इसलिए इनका नाम शीला देवी (पत्थर के रूप में देवी) पड़ गया।जैसा की राजा ने वादा किया था उन्होंने शीला देवी के लिए एक मंदिर बनवा दिया।
राजा मान सिंघ के महल का दृश्य
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एक अन्य लोक कथा के अनुसार कहा जाता है कि, यह प्रतिमा दुर्गा माँ की दशभूजा प्रतिमा से मिलती है जो दुर्गापुर(जो अब बांग्लादेश में है) के राजसी परिवार सुसंगा से खो गयी थी।
हालाँकि, कुछ ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार यह प्रतिमा बंगाल से लाई गयी पत्थर की पट्टी से बनाई गयी थी। इसलिए इसे शीला माता का नाम दिया गया।
शिला देवी मंदिर का प्रवेश द्वार
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खैर कुछ भी हो, सारी कथाएँ और इतिहास इस धार्मिक जगह के साथ बिल्कुल सटीक बैठती हैं। 16वीं शताब्दी के इस मंदिर का आकर्षण अभी भी उसी तरह बरकरार है और जो भी यहाँ आता है उन्हें इसके दिव्य दर्शन होते हैं। आमेर के शिला देवी मंदिर में एक बहुत ही खूबसूरत भगवान गणेश जी की प्रतिमा है जिसे मूँगे में खोद कर उभारा गया है।
शिला देवी मंदिर जयपुर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ख़ासकर की नवरात्रि के पावन दिनों में कई श्रद्धालु शिला माता की पूजा करने यहाँ आते हैं।
चाँदी के पैनल में खुदी प्रतिमा
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हमेशा से ही प्रसिद्ध आमेर का किला सिर्फ़ जयपुर का प्रमुख लैंडमार्क होने की ही वजह से प्रसिद्ध नहीं है, यह बॉलीवुड का मनपसंद शूटिंग स्पॉट भी है।
शिला देवी की कथा यह बताती है की आमेर के किले में बहुत कुछ देखने लायक दिलचस्प चीज़ें हैं। यहाँ पर पूजा, शक्त पंथ के अनुसार की जाती है, जिसे ख़ासकर की देवी माता की पूजा करने के लिए बनाया गया है।
यहाँ पहुँचें कैसे?
आमेर का किला या आम्बर का किला जयपुर के छोटे से नगर आमेर में ही है।
क्लिक: जयपुर कैसे पहुँचें?
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