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सिक्किम की वो टॉप 5 झीलें जो प्रकृति के दीवानों को करती हैं अपनी तरफ आकर्षित

By Staff

नार्थ ईस्ट के सबसे सुन्दर राज्यों में शुमार सिक्किम ने हमेशा से ही अपनी अनूठी सभ्यता , संस्कृति और खूबसूरत मठों के चलते प्रकृति के प्रेमियों और हार्डकोर एडवेंचर के शौकीनों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। इस खूबसूरत राज्य में ऐसा बहुत कुछ है जिस कारण आज ये टूरिज्म हब के रूप में जाना जाता है। अपने तीन ओर से नेपाल चीन और भूटान से घिरे नार्थ ईस्ट के राज्य सिक्किम का शुमार भारत के सबसे खूबसूरत डेस्टिनेशनों में होता है।

Read in English: Travel to the 5 Mesmerising Lakes of Sikkim

जैसा कि कहा जाता है किसी भी नए पर्यटन स्थल पर घूमने जाना हमेशा ही एक रोमांचकारी अनुभव होता है और व्यक्ति वहां से लौटते वक़्त अकेला नहीं होता, क्योंकि वहां से लौटते वक़्त आपके साथ ढ़ेर सारी यादें जो होती हैं।

क्यों ख़ास हैं सिक्किम की ये टॉप 5 झीलें

बात चाहे किसी ऐसी जगह पर जाने की हो जहाँ लोग पहले भी जा चुके हैं या फिर ऐसी जगह की जहाँ ज्यादा लोग नहीं गए , दोनों ही स्थिति में आपको कुछ नया देखने और सीखने को मिलता है। तो इसी क्रम में हम आज अपने इस लेख के जरिये आपको अवगत करा रहे हैं सिक्किम में मौजूद कुछ चुनिंदा झीलों से जो लगातार एडवेंचर के शौकीनों और प्रकृति के दीवानों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं। तो अब देर किस बात की आइये जानें सिक्किम में मौजूद इन झीलों के बारे में जरा गहराई से। क्रिसमस सेल : ट्रैवल और होटल बुकिंग पर पाएं 60 % की छूट

लंपोखरी झील

रेनॉक के पास स्थित लंपोखरी झील पहुंचने के लिए गंगटोक से तीन घंटे की ड्राइव करनी पड़ती है। अगर आप सुकून भरी रात बिताना चाहते हैं तो ट्रेकर्स हट या झील के पास उपलब्ध लॉज में रुक सकते हैं। आप चाहें तो पास में ही स्थित लिंगसे मठ और मंगखिम मंदिर भी घूम सकते हैं। अरितार में एक छोटी ट्रेकिंग की जा सकती है। साथ ही यहां से आधे किमी दूर स्थित ब्रिटिश बंगले का भी भ्रमण किया जा सकता है। समुद्र ताल से 4600 फिट की ऊंचाई पर स्थित लंपोखरी झील सिक्किम के पुराने प्राकृतिक झीलों में से एक है। हाल फिलहाल ही इस झील में बोटिंग की सुविधा भी मुहैया कराई गई है। स्थानीय लोग इस झील को अरितार झील भी कहते है। दरअसल यह सिक्किम का एकमात्र ऐसा झील है जो पैडल बोटिंग की सुविधा प्रदान कराता है।

क्यों ख़ास हैं सिक्किम की ये टॉप 5 झीलें

Photo Courtesy: Sikkimonline

गुरडोंगमार झील

लाचेन आये पर्यटकों को यहाँ आने से नहीं चूकना चाहिये। 5210 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह मीठे पानी की झील पूरे विश्व में सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित जलाशयों में से एक है। यह उत्तरी सिक्किम प्रान्त में स्थित है और चीन के दक्षिणी सीमा से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। यह झील कंचनजंगा पहाड़ियों के उत्तर-पूर्व में स्थित है। सर्दियों के महीनों में यह झील पूरी तरह से जम जाती है। इस झील से 5 किमी पहले ही सो लस्मो झील स्थित है। सेना से पूर्व अनुमति के उपरान्त आप गुरडोंगमार झील से सो लस्मो झील तक ट्रेकिंग कर सकते हैं। पवित्र माने जाने वाली गुरडोंगमार झील का नाम सिक्किम के संरक्षक संत गुरू पद्मसम्भव के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने कुछ धार्मिक आयोजन किये थे और इसीलिये झील का यह भाग वर्ष के सबसे ठंडे महीनों में भी नहीं जमता है।

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Photo Courtesy: Sivakumar

सोंगमो या चांगू झील

सोंगमो या चांगू झील पूर्वी सिक्किम में स्थित है, जो गंगटोक से करीब 40 किमी आगे है। सुंदर झील ग्‍लेशियर यानी हिमनदों से युक्‍त है, समुद्र के स्तर से 3780 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सिक्किम में नाथू ला दर्रे के रास्ते पर यह झील पड़ती है। इस प्राचीन झील से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर चीनी सीमा क्रॉसिंग है। इस झील के बारे में एक विशेषता है। भारतीय डाक सेवा ने वर्ष 2006 में इस झील को समर्पित एक टिकट जारी किया था।

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Photo Courtesy: Ravinder Singh Gill

खेचेओपलरी झील

सिक्किम में यह खूबसूरत झील है, जिसे बौद्ध के साथ-साथ हिंदू भी पवित्र जलाशय के रूप में मानते हैं। कहा जाता है कि इसमें मनोकामनाओं को पूर्ण करने की शक्ति है। खेचेओपलरी दो शब्दों खचेओ और पलरी से लिया गया है, जिसका मतलब क्रमशः 'उड़ने वाले फरिश्ते/स्वर्गदूत' और 'महल'। खेचेओपलरी गांव के करीब सुंदर झील, जो खा-चोट-पलरी नाम से भी जानी जाती है खेचोएडपलडरी पहाड़ी से घिरी हुई है, जो पवित्र भी मानी जाती है। हर साल अप्रैल/मई के दौरान एक धार्मिक त्योहार माघे पुर्णें आकर्षण के साथ मनाया जाता है, जिसमें भारत ही नहीं बल्कि नेपाल और भूटान जैसे स्‍थानों से हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा, एक और त्योहार जिसे हम चो-शो कहते हैं, अक्‍टूबर में इलायची वृक्षारोपण की फसल के लिये मनाया जाता है। चूंकि इस स्‍थान का धार्मिक जगह के रूप में होने के साथ-साथ एक पर्यटन स्‍थल के रूप में भी महत्‍व है इसलिये कुछ परिसरों में आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं।

क्यों ख़ास हैं सिक्किम की ये टॉप 5 झीलें

Photo Courtesy: Shankar S

त्सो ल्हामो झील

त्सो ल्हामो झील जिसे चोलामु झील भी कहा जाता है का शुमार विश्व की सबसे ऊंचाई पर स्थित झीलों में है। आपको बताते चलें कि 5330 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये झील उत्तरीय सिक्किम में स्थित है। यदि आप एकांत में रहकर प्रकृति को उसके सर्वोत्तम रूप में निहारना चाहते हैं तो हमारा ये सुझाव है कि आप इस झील की यात्रा अवश्य करें।

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