कई लोगों के लिए प्लेन से कूदना अंतिम चीज़ होगी जो वो एडवेंचर के तौर पर करना चाहेंगे, पर दो साल से स्काई डाइविंग भारत में एक प्रमुख स्पोर्टिंग एक्टिविटी बन कर उभरा है। खुले आसमान के नीचे, बादल तले जब आप नीचे देखते हैं तो आपको हलचल और गतिविधि दिखती है और हर उस इंसान को एक अपनापन दिखता है जिसे जोखिम भरा कार्य करने में मज़ा आता हो।
संध्या और प्रातः काल का पीछा कर और हलके बैंगनी क्षितिज की ख़ूबसूरती में खो जाना आपको एक दिव्य निवास स्थान की खोज में जाने के लिए प्रेरित करता है। स्काई डाइविंग आँखों को स्फूर्ति देने वाला हवाई स्पोर्ट है और यह भारत में जोखिम भरा कार्य करने में आनंद प्राप्त करने वाले लोगों के बीच एक प्रमुख एक्टिविटी बन कर उभर रहा है। पर इस एडवेंचर स्पोर्ट में हिस्सा लेने से पहले प्रशिक्षण और अपने बचाव का आकलन करने की ज़रुरत है।
स्काई डाइविंग के लिए जाने के लिए आप बरसात को छोड़ कर किसी भी मौसम में जा सकते हैं। हालांकि, स्काई डाइविंग के लिए महीने से ज़्यादा ज़रूरी है वह समय जब आप इस स्पोर्ट के लिए जाना चाहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि किसी भी साफ दिन आप स्काई डाइविंग के लिए जा सकते हैं। आप सुबह 8 बजे से 10 बजे तक जा सकते हैं या दोपहर 4 से 5 बजे तक भी जा सकते हैं। इन समय पर सबसे अच्छी रौशनी रहती है और सूरज की किरण भी सीधे सर पर नहीं पड़ती। अगर बचपन में कभी आपने किसी चिड़िया की तरह उड़ने का सपना देखा था तो अब आपके पास ऐसा करने का एक सुनहरा मौका है।
चलिए देखते हैं कि भारत में स्काई डाइविंग के लिए सबसे उचित जगह कौन से हैं।
धाना, मध्य प्रदेश
भारत के केंद्र में बसा और भोपाल से 186 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मध्य प्रदेश का धाना। इस जगह पर एडवेंचर पसंद लोगों के लिए कई स्काई डाइविंग शिविर लगते हैं। 4000 फीट जम्प में आपको ज़यादा फ्री फॉल टाइम नहीं मिलता पर उस विशाल खालीपन को देखने का अनुभव बिना सहायता की उड़ान वाले अनुभव से कम नहीं है।
यहाँ पर सहभागी दो तरह के जम्प के बीच चुनाव कर सकते हैं- स्टैटिक लाइन जम्प और टैंडम जम्प। पहले जम्प में सहभागी 4000 फीट की ऊंचाई से अकेले कूदता है और हवाई जहाज से जुड़े स्टैटिक लाइन की मदद से पैराशूट अपने आप खुल जाता है। जिन पर्यटकों को मध्य प्रदेश में जोखिम भरा कार्य करना है उनके लिए स्काई डाइविंग सबसे उचित विकल्प है।
दीसा, गुजरात
गुजरात खेल प्राधिकारी पहली ऐसी खेल सम्बन्धी संस्था थी जिसने स्काई डाइविंग को एडवेंचर स्पोर्ट की तरह देखा। इसकी मदद से गुजरात भारत का पहला ऐसा राज्य बना और दीसा में प्रमाणित ड्रॉप ज़ोन बनाया गया। इस झील के किनारे बसे शहर ने कई स्काई डाइविंग टूर और शिविर का आयोजन किया है जिसे भारतीय पैराशूटिंग संघ ने 2012 में चालू किया था। इस साल और भी शिविर के आयोजन की योजना है। दीसा टाउन और उसके आस पास के लोग यहाँ जुटकर पैराशूट स्काई डाइवर्स को आसमान से छलांग लगाते देखते हैं।
एम्बी वैली, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र का एम्बी वैली पुणे से काफी नज़दीक है और यह भारत का सबसे अच्छा स्काई डाइविंग स्पॉट माना जाता है। अगर आप एम्बी वैली से छलांग लगाते हैं तो यह आपके जीवन का सबसे यादगार जम्प होगा। आजकल एम्बी वैली में केवल 10,000 फीट टैंडम जम्प लिया जा सकता है। जब स्काई डाइविंग के दौरान इंस्ट्रक्टर से एक हार्नेस बंधा होता है तो टैंडम जम्प कहते हैं। जो पर्यटक एम्बी वैली में स्काई डाइविंग करना चाहते हैं उनके लिए स्काई डाइविंग एक अच्छा विकल्प है।
मैसूर, कर्णाटक
बंगलुरु से कुछ दूरी पर चामुंडी हिल्स के तल में स्थित मैसूर ने भी पहले कई स्काई डाइविंग शिविर का आयोजन किया है और कुछ शिविर फरवरी 2013 में भी आयोजित किये गए थे। एक दिल्ली की कंपनी ड्रॉप जोन, काकिनी इंटरप्राइजेज दद्वारा आयोजित इन शिविर में पर्यटक भूदृश्य का अद्भुत नज़ारा देखते हुए स्टैटिक जम्प, टैंडम जम्प और त्वरित फ्री फॉल का मज़ा ले सकते हैं।
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