भले ही सारे पर्व दुनिया भर में प्रसिद्द ना हों पर कुछ ऐसे पर्व हैं जो दुनिया भर के लोगों को अपने जश्न में शामिल होने के लिए आकर्षित करते हैं और ऐसा ही एक पर्व है भारत में आयोजित होने वाला पशु मेला। बिहार के सोनपुर में मनाया जाने वाला यह अपना ही एक अलग तरह का मेला है जिसे हर साल नवम्बर या दिसम्बर के महीने में मनाया जाता है।
Image Courtesy: Abhifrm.masaurhi
पूरे देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से जानवर प्रेमी इस मेले में हिस्सा लेने के लिए आते हैं। मेले में कुत्ते, भैंस,टट्टू,फ़ारसी घोड़े,ऊंट आदि जैसे जानवरों की प्रदर्शनी लगती है। इन सबके अलावा पर्यटक मेले में चीज़ों की खरीददारी करके भी मेले का आनंद लेते हैं। मेले में कई सारी चीज़ें जैसे कपड़े, गहने,बर्तन,खिलौने आदि जैसी चीजों के दुकान सजते हैं। कई लोग मेले में करतब और खेल दिखा कर भी मेले में आए लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन लोगों में कई अलग-अलग देश जैसे इटली, फ्रांस, पुर्तगाल, जापान और स्विट्ज़रलैंड के लोग शामिल होते हैं।
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यह अद्वितीय पर्व कार्तिक पूर्णिमा के समय प्रारम्भ होता है और महीने के दो सप्ताह तक चलता है। जैसा की सोनपुर दो नदियों, गंगा और गंडक नदी का संगम स्थल है, मेले के अलावा कई भक्त यहाँ इस समय गंगा नदी में डुबकी लगा ईश्वर की आराधना करने के लिए भी जमा होते हैं। इस मेले को 'हरिहरक्षेत्र मेला' के नाम से भी जाना जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे 'छत्तर मेला' पुकारते हैं।
इस मेले के पीछे का इतिहास है कि यह मेला पहले हाजीपुर में आयोजित होता था। सिर्फ हरिहर नाथ की पूजा सोनपुर में होती थी लेकिन बाद में मुगल बादशाह औरंगज़ेब के आदेश से मेला भी सोनपुर में ही लगने लगा। आज भी इसे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है।
सोनपुर के आस-पास ही बसे अन्य पर्यटक स्थल
सोनपुर हाजीपुर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो बिहार के सबसे प्रगतिशील क्षेत्रों में से एक है। हाजीपुर में कई आकर्षक पर्यटक स्थल स्थित हैं जैसे कौन हारा घाट, नेपाली मंदिर, महात्मा गाँधी सेतु, पातालेश्वर मंदिर और रामचौरा मंदिर।
बिहार में पशु मेले की ही तरह कई अन्य अद्वितीय पर्व हैं जो हर साल यहाँ मनाये जाते हैं जैसे छठ पूजा, समा चकेवा, बिहुला और मधुश्रावणी।
सोनपुर पहुँचें कैसे?
सोनपुर सड़क मार्ग और रेलमार्ग द्वारा आराम से पहुंचा जा सकता है। बिहार की राजधानी पटना से यह सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो हवाईमार्ग, रेलमार्ग और सड़कमार्ग से आसानी से जुड़ा हुआ है। अगर आप हाजीपुर पहुँच रहे हैं तो वहां कोई भी लोकल टैक्सी या ऑटो रिक्शा बुक कर आराम से सोनपुर पहुँच सकते हैं।
इस नवम्बर तैयार हो जाइये एशिया के सबसे बड़े पशु मेले का साक्षी बनने के लिए और दुनिया के बिल्कुल अलग रंगों और संस्कृति का अनुभव करने के लिए।
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