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एडवेंचर्स से है भरपूर-स्टोक कांगड़ी ट्रैकिंग

भारत में ट्रैकिंग के लिए ,लेह सबसे अच्छा विकल्प है और इसलिए यह दुनिया के हर कोने से पर्यटकों को आकर्षित करती है।

By Goldi

स्टोक कांगड़ी पीक लद्दाख 6,000m की ऊंचाई पर स्थित है। लद्दाख भारत के उत्तरी राज्य में स्थित है। लद्दाख की राजधानी समुद्र के स्तर से 3500-3800 टन और ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए सबसे ऊंचाई पर स्थित है लेह। भारत में ट्रैकिंग के लिए ,लेह सबसे अच्छा विकल्प है और इसलिए यह दुनिया के हर कोने से पर्यटकों को आकर्षित करती है।

स्टोक कांगड़ी स्टोक रेंज में सबसे ऊंची चोटी है, जहां से लेह और आसपास के क्षेत्रों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। स्टोक कांगड़ी ट्रेक की सबसे अच्छी बात यह है कि आप ट्रेकिंग का सिर्फ 2-3 दिनों में अपने आधार शिविर के लिए पहुँच सकते हैं, जबकि हिमालय के किसी अन्य हिस्से में यह इस तरह के उच्च आधार शिविर तक पहुँचने के लिए ट्रैकिंग के लिए कम से कम 4-5 दिन का समय लगता है। स्टोक कांगड़ी ट्रेकिंग नौसिखिया और अनुभवी ट्रेकर्स के लिए एकदम बेस्ट प्लेस है।

पहला दिन- लेह

पहला दिन- लेह

लेह पहुँचने के बाद ट्रेकर्स वहां आराम कर वहां की खूबसूरती को निहार सकते हैं। और अगले दिन की ट्रेकिंग के जड़ी खाना खाकर आप आराम कर सकते हैं..ताकि आप खुद को अगले दिन के लिए तैयार कर सके।
PC: wikimedia.org

दूसरा दिन- लेह- चांग मा

दूसरा दिन- लेह- चांग मा

दूसरे दिन की ट्रेकिंग की शुरुआत होती है लेह से स्टोक गांव होते हुए चांग मा..ये ट्रेकिंग थोड़ी सी कथन है क्योंकि इस दौरान आपको खड़ी चड़ाई चढ़नी है...इसीलिए सावधानी बरतना जरूरी है। ट्रेकिंग डेस्टिनेशन पहुँचने पर आप अपने कैम्प में खाना खाकर विश्राम कर सकते हैं।
PC: wikimedia.org

तीसरा दिन: चांग मा- मनोकोरमा

तीसरा दिन: चांग मा- मनोकोरमा

ट्रेकिंग के तीसरे दिन की ट्रेकिंग में आप लद्दाख के खूबसूरत नजारों को देख सकेंगे और जानेंगे कि, आखिर क्यों लद्दाख ठंडे रेगिस्तान के रूप में जाना जाता है..इस बेहतरीन ट्रेकिंग के दौरान आपको रास्ते में पड़ने वाली छोटी छोटी नदियां भी पार करनी होंगी।साथ ही मनोकोरमा पहुँचने के बाद आप नदी किनारे टेंट लगाकर तारो की छाँव में रात गुजार सकते हैं।

बेस कैम्प-स्टोक कांगड़ी-बेस कैम्प दिन

बेस कैम्प-स्टोक कांगड़ी-बेस कैम्प दिन

छठे दिन यानी आगे की ट्रेकिंग के स्टोक कांगड़ी टाक की जो ग्लेसियर से होते हुए छोटे छोटे पहाड़ो से होते हुए गुजरेगी...यह थोड़ी सी कठिन है क्योंकि यहां आपको कपकपाने वाली ठंड का भी एहसास होगा। कुछ घंटो की ट्रेकिंग के बाद आप स्टोक कांगड़ी पहुंच जायेंगे।ऊंचाई पर पहुँचने के बाद लद्दाख के मनोरम नजारों का सुखद अनुभव कर सकेंगे। थोड़ी देर में शिखर पर बिताने के बाद आप वापस बेस कैम्प की ट्रेकिंग की शुरुआत कर सकते हैं।

बेस कैम्प-स्टोक कांगड़ी-बेस कैम्प दिन

बेस कैम्प-स्टोक कांगड़ी-बेस कैम्प दिन

पांचवा दिन यानी आगे की ट्रेकिंग के स्टोक कांगड़ी टाक की जो ग्लेसियर से होते हुए छोटे छोटे पहाड़ो से होते हुए गुजरेगी...यह थोड़ी सी कठिन है क्योंकि यहां आपको कपकपाने वाली ठंड का भी एहसास होगा। कुछ घंटो की ट्रेकिंग के बाद आप स्टोक कांगड़ी पहुंच जायेंगे।ऊंचाई पर पहुँचने के बाद लद्दाख के मनोरम नजारों का सुखद अनुभव कर सकेंगे। थोड़ी देर में शिखर पर बिताने के बाद आप वापस बेस कैम्प की ट्रेकिंग की शुरुआत कर सकते हैं।

छठे दिन

छठे दिन

छठे दिन की ट्रेकिंग की शुरुआत होती है बेस कैम्प से लेह की ओर। बेस कैम्प से नीचे आते समय आप बर्फ से ढकी सुंदरता और पर्वत श्रृंखला को बखूबी निहार सकतें हैं साथ ही अपने कैमरे में कैद भी कर सकते हैं। स्टोक गांव पहुँचने के बाद आप यहां से लेह गाड़ी या बस द्वारा पहुंच सकते हैं। इस तरह आपकी सात दिन की ट्रेकिंग हुई समाप्त।

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