भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। उन्हीं सारे विविधताओं के साथ यहाँ प्रेम का भी जश्न मनाने के लिए प्रेम को समर्पित मंदिर है, कान्हा की नगरी वृन्दावन में। प्रेम मंदिर, राधा-कृष्णा और सीता-राम को समर्पित, उत्तर प्रदेश राज्य के धार्मिक शहर वृन्दावन में स्थापित है। यह मंदिर रसिक संत जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की तरफ से कान्हा की नगरी वृन्दावन को तोहफ़ा था।
[वृन्दावन के निधि वन का रहस्य!]
मंदिर की मुख्य रचना संगमरमर के पत्थर से बनी हुई है, जिसकी खूबसूरती दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर देती हैं। यह एक शैक्षिक स्मारक भी है जो सनातन धर्म के इतिहास को भी बखूबी दर्शाता है। वैसे तो वृन्दावन में कई मंदिर हैं, जिनमें से यह प्रेम मंदिर अभी हाल ही का आधुनिक मंदिर है जो 17 फ़रवरी, 2012 के दिन आम जनता के दर्शन के लिए खुला।
वृंदावन में प्रेम मंदिर प्राचीन भारतीय कला और स्थापत्य कला में एक पुनर्जागरण का प्रतिनिधित्व करता है। इस मंदिर की भव्यता और खूबसूरती भक्तों और पर्यटकों को अपने में खो देती है। इसमें भक्त वैसे ही खींचे चले आते हैं, जैसे कृष्ण अपनी लीलाओं से सबका मन मोह लिया करते थे। यहां की दीवारों पर हर तरफ राधा-कृष्ण की रासलीला वर्णित है।
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चलिए आज हम इसी भव्यता के दर्शन आपको कराते हैं, प्रेम मंदिर के इन मंत्रमुग्ध कर देने वाले तस्वीरों के साथ।
जगतगुरु कृपालु महाराज जी द्वारा घोषित
जगतगुरु कृपालु महाराज ने इस मंदिर को बनाने की घोषणा साल 2001 में ही कर दी थी।
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जगतगुरु कृपालु महाराज जी द्वारा घोषित
इसे 11 सालों बाद लगभग 1000 मज़दूरों ने अपनी बेजोड़ कला का नमूना पेश करते हुए साल 2012 में पूरा कर दिया था।
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जगतगुरु कृपालु महाराज जी द्वारा घोषित
भक्तों और पर्यटकों के अनुसार जन्माष्टमी में यहाँ आने का एक अलग ही मज़ा होता है और इससे पहले कहीं पर भी इतना सुन्दर दृश्य किसी मंदिर में नहीं देखा गया है।
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54 एकड़ में फैला मंदिर
यहाँ के स्थानीय लोगों के अनुसार यह मथुरा जिले का सबसे आधुनिक और भव्य मंदिर है।
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54 एकड़ में फैला मंदिर
वृंदावन में 54 एकड़ में बना यह प्रेम मंदिर 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है।
Image Courtesy:KuwarOnline
54 एकड़ में फैला मंदिर
मंदिर के आगे खूबसूरत बगीचे लगाए गए हैं।
Image Courtesy:KuwarOnline
54 एकड़ में फैला मंदिर
फव्वारे, कृष्ण-राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारणलीला, कालिया नाग दमनलीला, झूलन लीलाएं बेहतर तरीके से दिखाई गई हैं।
Image Courtesy:KuwarOnline
94 कलामंडित स्तंभ
पूरे मंदिर में 94 कलामंडित स्तंभ हैं। इसमें किंकिरी और मंजरी सखियों के विग्रह दर्शाए गए हैं।
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94 कलामंडित स्तंभ
गर्भगृह के अंदर और बाहर प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प का नमूना दिखाते हुए नक्काशी की गई है।
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लीला देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लोग
जो भी यहाँ आता है उनके अनुसार मंदिर की लीला ही अद्भुत है।
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लीला देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लोग
जिस तरह कृष्ण अपनी लीलाओं से सबका मन मोहते थे, वैसे ही मंदिर की रोशनी सबका मन मोह लेती है। खासकर शाम और सांयकाल के समय रोशनी की लीला लोगों को सीधे स्वर्ग के दर्शन कराती है।
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लीला देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लोग
मंदिर में कई चित्र और श्री कृष्ण की लीला का बख़ान किया गया है, जैसे कालिया नाग लीला, गोवर्धन पर्वत लीला आदि।
Image Courtesy:Biswarup Ganguly
लीला देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लोग
रात के वक्त जब यह मंदिर पूरी तरह रोशनी में डूब जाता है, मंदिर की लीला में चार चाँद लग जाते हैं।
Image Courtesy:Biswarup Ganguly
लीला देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लोग
प्रेम के इस मंदिर की यात्रा आपको एक शांत अनुभव का अनमोल तोहफ़ा देगी।
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लीला देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लोग
दिव्य प्रेम का यह नित्यस्रोत, सदियों तक इस अद्वितीय स्मारक के माध्यम से भक्ति की एक अंतहीन प्रवाह भक्तों के अंदर प्रवाह करती रहेगी।
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लीला देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लोग
अपने इस अलौकिक भव्यता के साथ प्रेम मंदिर सिर्फ वृन्दावन ही नहीं, बल्कि भारत का ही एक मत्वपूर्ण और खूबसूरत मंदिर है।
Image Courtesy:Biswarup Ganguly
प्रेम मंदिर पहुँचें कैसे?
मथुरा रेलवे स्टेशन से प्रेम मंदिर लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और यहाँ का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा आगरा में है, जहाँ से यह 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
Image Courtesy:आशीष भटनागर