इडुक्की जिले में स्थित, तेक्केडी, केरल के बेहद प्रभावशाली पर्यटन स्थलों में से एक है। हालांकि,विशेष रूप से पेरियार वन्यजीव अभयारण्य के लिए जाना जाने वाला यह आकर्षक पर्यटन स्थल ट्रैकर्स, प्रकृति प्रेमियों, वन्य जीव प्रेमियों, साहसियों, पिकनिक मनाने वालों तथा बैगपैकर्स लोगों की रूचियों व हितों को पूरा करता है। गौरतलब है कि तेक्केडी, केरल-तमिलनाडु की सीमा के करीब स्थित है इसलिए यहां एक खास संस्कृति एवं परंपरा दिखाई देती है।
इसकी खास अवस्थिति केरल और तमिलनाडु दोनों से इस स्थान तक पहुँचना खास बना देता है। तेक्केडी का वन्यजीव अभयारण्य प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस क्षेत्र में पायी जाने वाली विविध वनस्पति एवं वन्यजीव इस क्षेत्र के आकर्षण को और अधिक बढ़ा देते हैं। तेक्केडी, केरल-तमिलनाडु की सीमा के करीब स्थित है इसलिए यहां एक खास संस्कृति एवं परंपरा दिखाई देती है।
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गौरतलब है कि फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए पृष्ठभूमि में स्थित घमावदार पहाड़ियां आदर्श दृश्य प्रस्तुत करती हैं। शांत जलवायु तथा उत्कृष्ट रिसॉर्ट्स एवं ग्रहशालाओं की उपलब्धता इस स्थान को पिकनिक तथा हनीमून के लिए एक पसंदीदा जगह बनाते हैं। तो आइये इस लेख के जरिये जरा गहराई से जाना जाये कि अपनी तेक्केडी यात्रा पर आपको क्या क्या अवश्य देखना चाहिए।
पेरियार वन्यजीव अभयारण्य
तेक्केडी में स्थित सबसे अधिक घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक पेरियार वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान ने अप्रत्याशित रूप से केरल वन्यजीव पर्यटन का चेहरा बदल दिया है पेरियार झील (जो दिलचस्प एक कृत्रिम झील है) के किनारे स्थित यह अभ्यारण्य घने सदाबहार वनों, मिस्टी पर्वत इलाकों और हरे-भरे घास के मैदानों से घिरा है। विविध वन्यजीवों की उपस्थिति के कारण पेरियार वन्यजीव अभयारण्य दुनिया भर से यात्रियों को आकर्षित करता है। नवीनतम रिकॉर्ड के अनुसार, टाइगर रिजर्व में 53 बाघ संरक्षित हैं तथा यह 62 अलग अलग स्तनधारियों के लिए वास है। गौर, सांभर (घोड़ा हिरण), नेवला, लोमड़ियों, माउस डीयर,ढ़ोल्स (भारतीय जंगली कुत्तों) और तेंदुए जैसे दुर्लभ प्रजातियां भी यहां देखी जा सकती हैं।
मंगला देवी मंदिर
तेक्केडी से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित मंगला देवी मंदिर एक बड़ा पर्यटक आकर्षण है। मंदिर एक चोटी के शीर्ष पर स्थित है जो समुद्र की सतह से 1337 मीटर की ऊंचाई पर है तथा यह आसपास के पहाड़ों और इलाकों का एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। इस प्राचीन मंदिर के चारों ओर घने जंगल हैं, जिसे देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।इस शानदार प्रस्तर मंदिर की संरचना पारंपरिक पांडियन स्थापत्य शैली की भव्यता को प्रमाणित करती है। देवी मंगला, जो कन्नकी नाम से भी जानी जाती हैं),इस मंदिर की इष्टदेवी हैं। आगंतुकों को इस मंदिर में सभी दिन आने की अनुमति नहीं है, वे केवल मई के महीने में मनाये जाने वाले चैत्र पूर्णिमा के त्यौहार की अवधि में प्रतिदिन आ सकते हैं। हालांकि, मुख्य वन संरक्षक की पूर्व अनुमति से आगंतुक अन्य दिनों में मंदिर में प्रवेश पा सकते हैं।
मुल्लापेरियार बांध
यदि आप तेक्केडी में हों तो यहां के सबसे फेमस पर्यटक स्थल मुल्लापेरियार बांध की यात्रा करना बिलकुल न भूलें। इस स्थान का शुमार तेक्केडी के सबसे महत्त्वपूर्ण स्थानों में से है। पेरियार वन्यजीव अभयारण्य के पास बने इस बाँध का निर्माण मद्रास के शुष्क जिलों में पानी की आपूर्ति के लिए किया गया था। वर्तमान में इस बाँध के पानी का इस्तेमाल सिंचाई और पन बिजली योजना के लिए होता है। यदि आप तेक्केडी में हों तो इस बांध की यात्रा आपको अवश्य करनी चाहिए।
कदथंदन कलारी केंद्र
कुमिली में स्थित कदथन्दन कलारी केंद्र, सदियों पुरानी कलारी नामक मार्शल आर्ट प्रेमियों एवं चिकित्सकों के लिए एक संगठन है। केरल में बेहद प्रसिद्ध इस कला के प्रति लोगों की रूचि जाग्रत करने हेतु इसे शुरू किया गया था। तीव्र शारीरिक क्रिया व लचीलेपन के द्वारा होने वाली कलारी (जिसे कलारिप्पयाट्टू के रूप में भी जाना जाता है), का एक भव्य इतिहास है कि केरल की सांस्कृतिक और मार्शल इतिहास में बसा है। कदथन्दन कलारी केंद्र में आगंतुक दर्शकों के लिए बनायी गयी गैलरी से कलारी देख सकते हैं।आगंतुक इस पारंपरिक प्रणाली की जानकारी भी ले सकते हैं जिसमें शारीरिक प्रशिक्षण और आत्मरक्षा की तकनीक दोनों शामिल हैं।
भोजन, रहना और शॉपिंग
यदि आप तेक्केडी में हैं तो यहां के स्थानीय खाने का लुत्फ़ लेना बिलकुल न भूलिए। मांसाहारी और शाकाहारी दोनों तरह के लोगों के लिए यहां कई होटल हैं जहां आपको अच्छा खाना जाएगा। हमारा सुझाव है कि यदि आप यहां हैं तो यहां के सी फ़ूड का जायका ज़रूर चखिए। बात अगर शॉपिंग की हो तो आप यहां से सीपों से बने आभूषण खरीदना न भूलें। तेक्केडी के सस्ते होटलों के लिए यहाँ क्लिक करें। तेक्केडी के सस्ते होटल
कैसे जाएं तेक्केडी
फ्लाइट द्वारा : तेक्केडी के लिए निकटतम हवाई अड्डा मदुरै (140 किमी) है, लेकिन नजदीकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 190 किमी की दूरी पर स्थित कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो नेदुमबसरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में भी जाना जाता है। कोच्चि हवाई अड्डा भारत के सभी प्रमुख शहरों और कुछ विदेशी शहरों के हवाई अड्डों से अच्छी तरह से जुड़ा है। वायुमार्ग से आने वाले या तो टैक्सी सेवाओं(4000 रूपये में) का लाभ उठा सकते हैं या हवाई अड्डे से बसों द्वारा तेक्केडी तक पहुँचने सकते हैं।
रेल द्वारा : तेक्केडी से निकटतम रेलवे स्टेशन कोट्टायम (120 किमी) में स्थित है। नियमित गाड़ियां कोट्टायम रेलवे स्टेशन से भारत के सभी प्रमुख शहरों बंगलौर, चेन्नई, हैदराबाद, एर्नाकुलम, तिरुवनंतपुरम और नई दिल्ली के लिए ट्रेनें उपलब्ध हैं। कोट्टायम से तेक्केडी के लिए लगभग 2500-3000 रूपये में टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं। बसें भी उपलब्ध हैं, जो ज्यादा सस्ती पड़ती हैं।
सड़क मार्ग द्वारा : तेक्केडी अच्छी तरह से केरल और तमिलनाडु के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (के.एस.आर.सी.टी)कोच्चि, कोट्टायम और तिरुअनंतपुरम से तेक्केडी के लिए नियमित बसें चलाता है। प्रमुख पर्यटन स्थल होने की वजह से तेक्केडी के लिये बहुत सारे टूर पैकेजिस उपलब्ध हैं।