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इस दिसंबर करें साउथ इंडिया के इन टॉप 10 डेस्टिनेशंस की सैर

By Super

यदि आप दक्षिण भारत में कार्यरत हैं और ये सोच रहे है कि इस दिसंबर ट्रैवल के लिया कहां जाया जाये तो आज का हमारा ये आर्टिकल आपके ही लिए हैं। आज हम अपने इस आर्टिकल के जरिये आपको अवगत कराने वाले हैं दक्षिण भारत के कुछ ऐसे डेस्टिनेशंस से जो दिसंबर में जाने के लिए बेस्ट हैं साथ ही ये ऐसे भी हैं जिनकी नैसर्गिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी और आपको वो अनुभव देगी जिसकी कल्पना शायद ही आपने की हो।

गौरतलब है कि वर्तमान में चाहे केरल हो या तमिलनाडु और कर्नाटक यहां किसी भी ट्रैवलर को एक बिलकुल नए तरह के कल्चर का दीदार होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमेशा ही दक्षिण के राज्यों ने अपनी अनूठी सभ्यता और संस्कृति के चलते देश दुनिया के लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है।

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ज्ञात हो कि आज जहां केरल अपने खूबसूरत बैकवाटर्स के लिए जाना जाता है तो वहीं दूसरी तरफ तमिलनाडु अपने में मौजूद कई खूबसूरत मंदिरों के चलते ट्रैवलर्स को अपनी तरफ खींचता है। तो अब देर न करते हुए आपको बताते हैं की इस दिसंबर दक्षिण भारत के वो कौन कौन से स्थान है जहां एक पर्यटक को अवश्य जाना चाहिए। गुरुवार सेल : फ्लाइट और ट्रैवल पर पाएं 50 % तक की छूट

हैवलॉक द्वीप

हैवलॉक द्वीप

इस द्वीप का नाम अंग्रेज़ अफसर हेनरी हैवलॉक के नाम पर रखा गया है। यह अंड़मान का प्रमुख पर्यटक स्थल है, जहां हर साल हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं। ज्ञाता हो कि यहाँ के पांचों गाँव गोविन्द नगर, राधा नगर, बिजोय नगर, शाम नगर, और कृष्णा नगर के समुंद्री तट अपने आप में बहुत अलग है। गौरतलब है कि यहाँ का राधा नगर समुंद्री तट सब से बढ़िया समुंद्री तट है और 2004 में टाइम पत्रिका ने इसे एशिया का सबसे बेहतरीन तट घोषित किया है। आपको बताते चलें कि पोर्ट ब्लेयर से 55 कि.मी दूर और उत्तरी पूर्वी दिशा में स्थित हैवलॉक द्वीप के लिए पोर्ट ब्लेयर से दिन में 2 या 3 बार नियमित समय पर फैरी की सेवा उपलब्ध है जिसका टिकट 5 से 8 अमेरिकी डॉलर के आस पास है।

Photo Courtesy:Sankara Subramanian

श्रीशैल

श्रीशैल

श्रीशैल, हिंदुओं के लिए महान धार्मिक महत्व का एक छोटा सा शहर है। आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले में नल्लमाला पर्वत पर स्थित, इस शहर को कृष्णा नदी के तट पर स्थापित किया गया है। श्रीशैल हैदराबाद की दक्षिणी दिशा में स्थित है और आंध्र प्रदेश की राजधानी से 212 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। इस शहर में कई प्रसिद्ध मंदिर और थीर्थम हैं जो इसे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल बनाते हैं। इन शहर के मंदिरों में से सबसे प्रसिद्ध मंदिर भर्मरंभा मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर है जो भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है।

Photo Courtesy:sai sreekanth mulagaleti

अंतरगंगे

अंतरगंगे

अंतरगंगे एक ऐसा स्थान है जो की निश्चित रूप से साहसिक लोगों को लुभाता है। अंतरगंगे वास्तव में एक बारहमासी वसंत है जो पहाड़ियों पर कर्नाटक में कोलार जिले के पूर्व में स्थित है। यहाँ की वसंत कुछ बड़े पैमाने पर रॉक संरचनाओं को छोटी और बड़ी गुफाओं के रूप में दिखाती है। इस चट्टानी पहाड़ी के नीचे देखने लायक एक घना जंगल है। छोटी छोटी वनस्पति इस पहाड़ी संरचना के शीर्ष से इस प्रकार बाहर आती है, मानो की पहाड़ को ताज पहनाया हुआ हो।

Photo Courtesy:solarisgirl

देवआर्यनदुर्ग

देवआर्यनदुर्ग

हरे घने जंगलों से घिरी देवआर्यनदुर्ग की चट्टानी पहाडि़याँ वास्तव में इस हिल स्टेशन की यात्रा को सुखद बनाती है। 3940 फीट की ऊँचाई पर स्थित होने के कारण इस शहर की जलवायु इसी प्रकार की है। देवआर्यनदुर्ग कर्नाटक के तुमकुर जि़ले में स्थित है और मंदिरों, जंगलों और साथ ही अद्भुत जलवायु तथा सुंदर नज़ारों के लिए प्रसिद्ध है। देवआर्यनदुर्ग पर वाडयार शासकों का शासन था और इसका नाम राजा चिक्का देवराज वाडयार के नाम पर रखा गया है जिन्होंने एक स्थानीय राजा को हराकर इस शहर पर कब्जा कर लिया था।

Photo Courtesy:sai sreekanth mulagaleti

अथिराप्पिल्ली

अथिराप्पिल्ली

अथिराप्पिल्ली, त्रिशूर जिले के मुकुंदपुरम तालुक में स्थित है। यह एक प्रथम दर्जे का ग्राम पंचायत है जो त्रिशूर से 60 किलोमीटर और कोच्चि से 70 किमी की दूरी पर स्थित है । यह अपनी राजसी झरने और करामाती वर्षावन के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह जैव विविधता में समृद्ध है । पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश इस घाटी को एक साइलेंट वैली कहते हैं। अथिराप्पिल्ली में वाजहाचल और चारपा झरने भी हैं। इस जगह के पारिस्थितिकी तंत्र की वजह के चलते इसे केरल में अपनी तरह की एक विशेष जगह माना जाता है।

Photo Courtesy:Manoj K

कालपेट्टा

कालपेट्टा

कालपेट्टा एक छोटा सा शहर है जो कॉफी के बागानों के कारण उसकी महक से भरा हुआ और चारों तरफ से खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह स्‍थल समुद्र स्‍तर से 780 मीटर की ऊंचाई पर वायनाड जिले की गोद में स्थित है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक बेहद वंडरफुल जगह है, वैसे ईश्‍वर में आस्‍था रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यहां दर्शन करने के लिए काफी सुंदर और खूबसूरत डिजायन वाले मंदिर बने हुए हैं जहां आकर वह दर्शन कर सकते हैं।

Photo Courtesy:Sankara Subramanian

यानम

यानम

यानम एक ऐसा स्थान है, जो अपने इतिहास और संस्कृति से समृद्ध है। औपनिवेशिक काल दौरान यह फ्रांसीसियों के अंतर्गत था। पर आज यह, केन्द्र शासित प्रदेश "पॉन्डिचेरी" का एक जिला है। 1954 तक यह फ्रांसीसियों के अंतर्गत रहा। 30 कि.मी वर्ग में फैला यह अतः क्षेत्र, आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के निकट स्थित है। आपको बता दें कि यानम का इतिहास लग भग 300 साल पुराना है, जब यानम फ्रांसीसी उपनिवेश का हिस्सा बना, जिसे आज भी ज्यादातर लोग फ्रांसीसी यानम के नाम से जानते हैं। यदि आप यनम में हैं तो सिवालयं, ग्रैड मस्जिद, कैथोलिक चर्च अवश्य देखें।

Photo Courtesy:Kartik Malik

डिंडीगुल

डिंडीगुल

डिंडीगुल शहर तमिलनाडु राज्य में स्थित है। डिंडीगुल के नाम की उत्पत्ति दो शब्दों थिंडू अर्थात तकिया और कल अर्थात पत्थर से मिलकर हुई है। इसका सम्बन्ध उन नग्न पहाड़ो से है जहाँ से शहर दिखता है। यह शहर पिलानी पहाड़ियों और सुरूमलाई पहाड़ियों के बीच स्थित है और कृषि योग्य उपजाऊ भूमि का क्षेत्र है। डिंडीगुल कई जिलों और शहरों से घिरा है। इसके उत्तर में करी और इरोड जिले, दक्षिण में मदुरै और पश्चिम में तिरूप्पुर और केरल स्थित हैं। डिंडीगुल बिरयानी शहर, तालों का शहर, वस्त्रों का शहर और चमड़े का शहर जैसे कई नामों के लोकप्रिय है।

Photo Courtesy:Premnath Thirumalaisamy

कन्याकुमारी

कन्याकुमारी

कन्याकुमारी, जो कि पूर्व में केप कैमोरिन के नाम से प्रसिद्ध था, भारत के तमिलनाडु में स्थित है। यह भारतीय प्रायद्वीप के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित है। कन्याकुमारी ऐसे स्थान पर स्थित है जहाँ पर हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर मिलते हैं। केरल प्रदेश इसके उत्तर पश्चिमी और पश्चिमी इलाके में स्थित है जबकि तिरूनेलवेलि जिला इसके उत्तरी और पूर्वी भाग में स्थित है। केरल की राजधानी तिरूवनन्तपुरम कन्याकुमारी से 85 किमी की दूरी पर है। यह शहर अपने नयनाभिरामी और शानदार ऊषाकाल और सन्ध्याकाल के लिये जाना जाता है। आज, पर्यटन की दृष्टि से नलगोंडा आंध्र प्रदेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां ऐसा बहुत कुछ है जो किसी भी पर्यटक का मन मोह सकता है।

Photo Courtesy:Ramanathan Kathiresan

नलगोंडा

नलगोंडा

नलगोंडा आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में नगर निगम का शहर है। शहर का नाम दो तेलुगु शब्दों का एक संयोजन है, नल्ला और कोंडा क्रमश: 'ब्लैक' और 'हिल' के लिए है। इसलिए, स्थानीय भाषा में नाम का मतलब है ब्लैक हिल। पहले नलगोंडा क्षेत्र नीलगिरि नाम से जाना जाता था। बामनों के शासनकाल के दौरान इस शहर का नल्लागोंडा के रूप में फिर से नामकरण किया गया था। निजामों के शासन के दौरान शासकीय प्रयोजनों के लिए इसको नलगोंडा के रूप में बुलाया जाने लगा।

Photo Courtesy:Avsnarayan

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