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BJP Manifesto: नरेंद्र मोदी की इमेज को कैसे और प्रभावशाली बनाएंगे ये 25 टूरिस्ट डेस्टिनेशन

By Belal Jafri

2014 लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी ने आज अपना चुनावी मेनिफेस्टो जारी कर दिया है। 68 पन्ने के इस मेनिफेस्टो में इस बात का भी पूरा ख्याल रखा गया है कि भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देते हुए देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सके। मेनिफेस्टो में ये भी साफ़ दर्शाया गया है कि यदि ऐसा होता है तो इससे देश के बेरोज़गार लोगों के लिए रोज़गार के असीम अवसर प्राप्त होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में इस बात का वादा किया है कि देश में 50 टूरिस्ट सर्किट बनाए जाएंगे जिनमें पुरातत्त्व, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, हिमालयी, मरुस्थलीय, समुंद्रतटीय व चिकित्सीय पर्यटन को बढ़ावा दिया जायगा।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी का अपने मेनिफेस्टो में ये मानना है कि एक बेहतर भारत के लिए ये जरूरी है कि यहां पर्यटन के आयाम बढ़ें जिससे देश के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो। तो आइये जानें कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो अपने शासन के पहले ढाई सालों में उसे भारत के किन शहरों को पर्यटन की दृष्टि से सुधारना होगा। ट्रैवल फोटोग्राफी के शौकीनों का मक्का है अपना भारत

धनौल्टी

धनौल्टी

उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में समुद्र तल से 2286 मीटर की उंचाई पर धनौल्टी नाम का एक बेहद सुन्दर हिल स्टेशन है। अपने शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जानी जाने वाली यह जगह, चंबा से मसूरी के रास्ते में पड़ती है।

कोणार्क

कोणार्क

राजधानी भुवनेश्वर से 65 किमी की दूरी पर स्थित कोणार्क आश्चर्यजनक इमारतों और प्राकृतिक सुन्दरता वाला खूबसूरत शहर है। बंगाल की खाड़ी से लगा इस छोटे से शहर में भारत के खूबसूरत वास्तुकला के ज्यादातर जादुई भाग समाहित हैं।

अगरतला

अगरतला

पूर्वोत्तर भारत में गुवाहाटी के बाद अगरतला सबसे महत्वपूर्ण शहर है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से इस क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।

औली

औली

औली एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पूरी दुनिया में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है। यह खूबसूरत जगह समुद्रतल से 2800मी. ऊपर स्थित है।

 बोधगया

बोधगया

बोधगया बिहार में स्थित है और ऐतिहासिक रूप से उरूवेला, समबोधि, वज्रासन या महाबोधि के नाम से जाना जाता था। बोधगया अपने कद्रदानों को आध्यात्म और वास्तुकला आश्चर्य का अनुभव कराता है।

चांदीपुर

चांदीपुर

चांदीपुर एक बीच रिसोर्ट है जो उड़ीसा के बालेश्वरजिले में स्थित है। यह बालेश्वर रेलवे स्टेशन से 16 किमी की दूरी पर स्थित है, और यहाँ का समुद्र अपनी तरह का एकलौता समुद्र है।

चेरापूँजी

चेरापूँजी

मेघालय को चेरापूँजी (जिसे स्थानीय रूप से सोहरा के नाम से लोकप्रिय है) के कारण पूरे विश्व में जाना जाता है। जब चेरापूँजी पृथ्वी पर सबसे नम स्थान होता है तो बहुत ही सम्मोहक होता है।

 चिल्का

चिल्का

चिल्का भारत में सबसे बड़े तटीय लैगून, चिल्का झील के लिए प्रसिद्ध है। इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी झील होने का गौरव हासिल है।

 डलहौजी

डलहौजी

डलहौजी, हिमाचल प्रदेश में स्थित धौलधार रेंज में बना एक टूरिस्‍ट प्‍वांइट है। डलहौजी को सन् 1854 में एक ब्रिटिश गर्वनर लार्ड डलहौजी ने स्‍थापित किया था ताकि वह गर्मियों में सुकून भरे पल किसी ठंडी और शांत जगह पर बिता सकें।

दीघा

दीघा

पश्चिम बंगाल में स्थित दीघा लंबे समय से कोलकाता, खड़गपुर और आसपास के दूसरे शहरों के लोगों के लिए वीकेंड बिताने का स्थान रहा है। दीघा कोलकाता और खड़गपुर से करीब है और सड़क व रेल मार्ग के जरिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

जौनपुर

जौनपुर

जौनपुर उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले में पड़ता है। इसे फिरोज शाह तुगलक ने बसाया था और इसका इतिहास 1359 से मिलता है। तब इसे शीराज-ए-हिंद के नाम से जाना जाता था।

बिष्णुपुर

बिष्णुपुर

17वीं और 18वीं शताब्दी में बने मखरला और पक्की मिट्टी के ईंटों से बने मन्दिर बिष्णुपुर पर्यटन पर हावी हैं। पक्की मिट्टी का प्रभाव यहीं समाप्त नहीं होता बल्कि शहर में इससे बने बर्तन, गहने और घरों के लिये सजावटी सामान भी मिलते हैं।

 कलिम्‍पोंग

कलिम्‍पोंग

बर्फ से ढकी चोटियों वाला यह स्‍थान, भारत के पश्चिम बंगाल राज्‍य में एक सुंदर से हिल स्‍टेशन पर क्षितिज पर स्थित है। कलिम्‍पोंग पर्यटन का सबसे बड़ा तथ्‍य यह है कि यह राजसी हिल स्‍टेशन समुद्र तल से 4000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

केदारनाथ

केदारनाथ

केदारनाथ उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह स्थान समुद्रतल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर गढ़वाल हिमालय में स्थित है। केदारनाथ मन्दिर को हिन्दुओं के पवित्रतम गंतव्यों (चार धामों) में से एक माना जाता है और बारहों ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ऊँचा यहीं पर स्थित है।

 केसरोली

केसरोली

केसरोली दिल्ली से 155 किलोमीटर की दूरी पर जयपुर दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक छोटा सा गाँव है जो राजस्थान के अलवर जिले में आता है।

 कुशीनगर

कुशीनगर

कुशीनगर, उत्‍तरप्रदेश में एक महत्‍वपूर्ण बौद्ध तीर्थ शहर है। बौद्ध धर्म के ग्रंथों के अनुसार, गौतम बुद्ध ने अपनी मृत्‍यु के बाद पारिनिर्वाण को हीरान्‍यावती नदी के पास प्राप्‍त किया था।

लखनऊ

लखनऊ

लखनऊ को नबाबों की नगरी के नाम से जाना जाता है, जो उत्‍तर प्रदेश की राजधानी है और गोमती नदी के तट पर स्थित है। लखनऊ की स्‍थापना नवाब आसफ - उद - दौला द्वारा की गई थी, उन्‍होने इसे अवध के नवाबों की राजधानी के रूप में पेश किया था।

 मधुबनी

मधुबनी

मधुबनी का नाम लेते ही सुंदर मधुबनी चित्रकला की तस्वीर जेहन में कौंधने लगती है। बिहार का मुधबनी जिला दरभंगा प्रमंडल का हिस्सा है।

माउंट आबू

माउंट आबू

माउंट आबू राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित एक प्रसिद्द हिल स्टेशन है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आरामदायक जलवायु, हरी भरी पहाड़ियों, निर्मल झीलों, वास्तुशिल्पीय दृष्टि से सुंदर मंदिरों और अनेक धार्मिक स्थानों के लिए प्रसिद्ध है।

 पिथौरागढ़

पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ उत्तराखंड के राज्य का एक शहर है और यह शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला का प्रवेश द्वार है। खूबसूरत सोर घाटी में बसे इस शहर के उत्तर में अल्मोड़ा जिला है।

रानीखेत

रानीखेत

व्यापक रूप से 'रानी के मैदान' के रूप में जाना जाने वाला रानीखेत, अल्मोड़ा जिले का एक सुंदर हिल स्टेशन है। लोककथाओं के अनुसार, पद्मिनी, कुमाऊं क्षेत्र की सुंदर रानी रानीखेत आयीं थीं और इस जगह की खूबसूरती की कायल हो गईं।

सारनाथ

सारनाथ

उत्तरप्रदेश में वाराणसी के पास सारनाथ एक छोटा सा गांव है। इसकी प्रसिद्धि की सबसे बड़ी वजह यहां स्थित डीयर पार्क है, जहां गौतम बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था।

शेखावाटी

शेखावाटी

राजस्थान के उत्तर पूर्वी रेगिस्थान में स्थित शेखावाटी, भारतीयों के लिए बहुमूल्य एतिहासिक स्थल है। महाकाव्य महाभारत में इस स्थान से संबंधित कई संदर्भ मौजूद है, कहा जाता है कि हिन्दुओं के पवित्र वेद ग्रन्थ यहाँ लिखे गए थे।

 स्पीति

स्पीति

स्पीति हिमाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में एक दूरस्थ हिमालय की घाटी है। स्पीति का मतलब है 'बीच की जगह', इस नाम का कारण तिब्बत और भारत के बीच इसका अपना स्थान है। यह जगह बहुत ही उच्च ऊंचाई पर स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए लोकप्रिय है।

 युमथांग

युमथांग

सिक्किम के उत्तर में स्थित युमथांग एक खूबसूरत स्थान है। और इसलिये इसे 'फूलों की घाटी' ठीक ही कहा जाता है। प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध इस स्थान पर वसंत ऋतु के दौरान खिले गुलाब व बुरुंश जैसे सुंदर जंगली रंगीन फूल बहुत सारे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

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