आज की हाईटेक दुनिया में हर कोई सारी सुख सुविधाएं चाहता है..साथ ही शोरशराबे से दूर और घूमने के हिसाब से जगह भी बेस्ट हो, और जेब भी ढीली ना हो..अगर आप भी ऐसी ही घूमने की जगह तलाश कर रहे हैं... महाराष्ट्र स्थित सोलपुर की सैर करें।
बताते चलें कि सोलापुर दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका मतलब होता है सोलह गांव। माना जाता है कि पुराने जमाने में इस क्षेत्र में 16 गांव थे जो सोलापुर के नाम से जाने जाते थे। ज्ञात हो कि सोलापुर को कब और किसने बसाया, इस बारे में कोई प्रमाण नहीं हैं।
सोलापुर न केवल घूमने के लिए एक शानदार शहर है बल्कि यहां रहने के लिए भी उचित वातावरण और परिवेश है। यहां लोग मराठी, कन्न्ड़ और तमिल भाषाओं को बोलते है और विविध संस्कृतियों को अपानाते है। सोलापुर को प्राचीन काल में शिव योगी संप्रदाय के लिए जाना जाता था, यहां कई प्रकार के मंदिर हुआ करतेथे जो आज भी विद्यमान है।
मुंबई से 400 किमी तो पुणे 245 किमी की दूरी पर स्थित सोलापुर हैंडलूम, पावरलूम और बीडी़ उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। यहां की लोकप्रिय लोक कला लावणी, गोंधल और धनगिरी है। सोलापुर में स्थित सिद्धेश्वर मंदिर, पंढरपुर, ग्रेड इंडियन बस्टर्ड वन्यजीव अभ्यारण्य प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में शुमार हैं।
सिद्धेश्वर मंदिर
यह ऐतिहासिक मंदिर झील के बीचोंबीच स्थित है। यहां भगवान श्री मल्लिकार्जुन, श्री सिद्धरामेश्वर, श्री शैलम, भगवान शिव और भगवान विष्णु की मूर्ति लगी हुई है। मंदिर के पास ही एक हरा भरा मैदान है जहां आप शांति से समय बिता सकते है।
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पंढरपुर
पंढरपुर महाराष्ट्र का एक सुविख्यात तीर्थस्थान है। सोलापुर से 74 किलोमीटर पश्चिम में स्थित पावन भूमि पर पूरे भारतवर्ष से श्रद्धालु भगवान विट्ठोबा के चरणों में शीष नवाने यहां पहुंचते हैं।
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गेट्र इंडियन बस्टर्ड वन्यजीव अभ्यारण्य
अहमदनगर और सोलापुर जिले में फैले इस अभ्यारण्य में सोन चिड़िया, ब्लैकबक, भेड़िया, लोमड़ी, हैना और नेवले पाए जाते हैं। साथ ही यहाँ , ग्रेट इंडियन बस्टर्ड एक स्थानीय पक्षी का नाम है जोकि इस इलाके में पाया जाता है। पक्षी जगत में यह एक अत्यंत दुर्लभ पक्षी है। यह अभयारण्य 8500 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें कई जानवर भी है जिनके खेल और नटखट हरकतें आप देख सकते है। अगस्त से जनवरी का महीना यहां आने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
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मोती बाग झील
प्रकृति प्रेमी देर न करते हुए फटाफट मोती बाग झील जाएं। यहां आपको सफेद और गुलाबी कमल से भरा हुआ कमबर तालाब मिलेगा जो बेहद सुंदर लगता है। प्रकृति प्रेमी और पक्षी प्रेमी दोनों ही इस जगह आना पसंद करते है। यहां के कमल से भरे टैंक की सफाई हर साल की जाती है ताकि हमेशा सुंदर फूलों से तालाब भरा रहें।
कैसे पहुंचे सोलापुर
पर्यटक सोलापुर पहुंचने के लिए रेल, वायु और सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते हैं।
सड़क मार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग 9, 13 और 211 सोलापुर को शेष भारत से जोड़ते हैं।मुंबई से सोलापुर की दूरी 456 किलोमीटर है।यहां सड़क और रेल मार्ग से सुगमता से पहुंचा जा सकता है। राज्य परिवहन की बसें विभिन्न महत्वपूर्ण शहरों से सोलापुर के लिए रोजाना चलती हैं।
रेल द्वारा
रेल से यात्रा करने वाले पर्यटकों को आसानी होगी, सोलापुर में रेलवे स्टेशन बना हुआ है। यहां से कई जगहों के लिए ट्रेन चलती हैं।
वायु मार्ग
सोलापुर से निकटतम एयरपोर्ट पुणे है जो यहां से लगभग 245 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यहां से निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा मुंबई में है।
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