आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको जिस डेस्टिनेशन से अवगत कराने वाले हैं जहां एक तरफ वो बेहद खूबसूरत है तो वहीं दूसरी तरफ उसे दक्षिण भारत के जुड़वा शहर का दर्जा दिया गया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं हुबली की। हुबली दक्षिण भारत का एक प्रमुख शहर है और इसे अक्सर धारवाड़ के जुड़वा शहर के नाम से जाना जाता है जोकि कर्नाटक के धारवाड़ जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। हुबली उत्तरी कर्नाटक का वाणिज्यिक केन्द्र है और बैंगलोर के बाद राज्य का विकासशील औद्यौगिक, ऑटोमोबाइल और शैक्षणिक केन्द्र है।
आपको बताते चलें कि हुबली एक ऐतिहासिक शहर है जिसकी उत्पत्ति चालुक्यों के समय की है। इसे पूर्व में रायरा हुबली या इलेया पुरावदा हल्ली और पुरबल्ली नामों से जाना जाता रहा है। ज्ञात हो कि विजयनगर रायों के शासन काल में रायरा हुबली कपास, शोरा और लोहे के व्यापार का प्रमुख केन्द्र बन गया था।
यदि बात हुबली में पर्यटन के अंतर्गत हो तो आपको बता दें कि हाल के सालों में हुबली एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में उभरा है। हुबली के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में भवानीशंकर मन्दिर, असार, सिद्धरूधा मठ, उन्कल झील, नृपटूँगा बेट्टा और ग्लास हाउस शामिल हैं। हुबली में धारवाड़ के जुड़वा शहरों, नविलतीर्थ, सथोडा, सोगल्ला और मथोडा झरने, इस्कॉन मन्दिर, स्काइस पॉइन्ट और उलाविया की यात्रा पर भी पर्यटक जा सकता हैं।
बीजापुर, बिदर, बादामी, ऐहोल, पतादकल और हम्पी जैसे स्थलों पर भी यात्री जा सकते हैं। आइये इस लेख के जरिये जानें कि ऐसा क्या है जिसे आपको अपनी हुबली यात्रा पर अवश्य देखना चाहिए।
उन्कल झील
110 साल पुरानी उन्कल झील पर पर्यटकों को अवश्य जाना चाहिये क्योंकि यह अपने शान्त और सुरम्य वातावरण के लिये लोकप्रिय है। 200 एकड़ के क्षेत्र में फैली यह झील पर्यटकों द्वारा हुबली का सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला आकर्षण है। मनोरंजक गतिविधियों के अलावा पर्यटक यहाँ पर शाम को सुन्द सूर्यास्त भी देख सकते हैं। इस स्थान का प्रमुख आकर्षण झील के बीच में स्थित स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा है।
यह स्थान 1859 में जन्मे श्री सिद्दप्पजा की कर्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। उन्कल झील आसापास के शहरों के लिये पीने के पानी का भी प्रमुख स्रोत है। झील परिसर का हरा भरा बगीचा शान्ति और सुकून की तलाश में यहाँ आने वाले पर्यटकों को मन्त्रमुग्ध कर देता है। इसके अलावा उन्हें झील पर नौकायन में भी मजा आता है।
बूँद गार्डन
उन्कल झील को देखने आये पर्यटकों को अपने हरे भरे बगीचे के कारण जाने जाने वाले बूँद गार्डेन की भी यात्रा की सलाह दी जाती है। हुबली से 4 किमी की दूरी पर स्थित यह बगीचा उन्कल झीलका ही भाग है जहाँ यात्री शान्त वातावरण में अपना समय बिता सकते हैं।
गायत्री तपोवन
हुबली की यात्रा पर आये पर्यटकों को गायत्री तपोवन भी जाने की सलाह दी जाती है, जोकि अपने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये जाना जाता है। पहले इस स्थान को नवकल्याण मठ कहा जाता था लेकिन बाद में इसे तपोवन कर दिया गया। इसे श्री कुमार स्वामीजी ने स्थापित किया था जो कि बहुत प्रसिद्ध वाचक थे और उनके अनुयायी देश के विभिन्न क्षेत्रों से आते थे। उनके विभिन्न समुदायों के अनुयायी एक साथ बैठ कर प्रवचन सुनते थे। कुमार स्वामीजी की मृत्यु के बाद भी उनके शिष्यों ने इस परम्परा को जारी रखा है।
नुग्गीकेरी हनुमान मन्दिर
हुबली शहर की यात्रा पर आये पर्यटकों को भगवान हनुमान को समर्पित नुग्गीकेरी हनुमान मन्दिर अवश्य देखना चाहिए। इस मन्दिर को क्षेत्र के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में गिना जाता है। मन्दिर में आने पर पर्यटकों को देवता की प्राचीन प्रतिमा देखने को मिलेगी जिसे सन्त श्री व्यासराज द्वारा पुनर्स्थापित किया गया था। वर्तमान में इस मूर्ति की देखरेख देसाई परिवार द्वारा की जाती है। इस मन्दिर में शनिवार के दिनों में बहुत भीड़ आती है क्योंकि इसे भगवान हनुमान के लिये विशेष दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कैसे जाएं हुबली
फ्लाइट द्वारा : प्रमुख भारतीय शहरों से जोड़ने वाला हुबली हवाईअड्डा सबसे नजदीक है। यह शहर के केन्द्र से लगभग 7 किमी की दूरी पर है। 186 किमी की दूरी पर स्थित गोवा का डबोलिम हवाईअड्डा सबसे नजदीक अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा है। यह हवाईअड्डा प्रमुख भारतीय शहरों के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्थानों से भी भलीभाँति जुड़ा है। डबोलिम हवाईअड्डे से यहाँ पहुँचने के लिये कई मौसमी चार्टर्ड उड़ाने भी उपलब्ध रहती हैं।
रेल द्वारा : हुबली से 4 किमी की दूरी पर स्थित हुबली रेलवेस्टेशन यहाँ के लिये निकटतम रेलवेस्टेशन है। मैंग्लोर और बैंगलोर जैसे भारत के प्रमुख शहरों से हुबली भलीभाँति जुड़ा है। यहाँ से यात्री किराये की टैक्सी लेकर शहर तक पहुँच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा : हुबली बस सेवाओं के द्वारा मैंग्लोर, पुणे, मैसूर, बैंगलोर , गोवा और मुम्बई से भलीभाँति जुड़ा है। वॉल्वो बसे, निजी बसें और राज्य स्वामित्व वाली एनडब्ल्यूकेआरटीसी ( नार्थ वेस्ट कर्नाटक सड़क परिवहन निगम) की बसें इन स्थानों से हुबली के लिये नियमित रूप से चलती हैं।