भारत देश एक बेहद ही खूबसूरत देश है। जोकि प्राकृतिक सौन्दर्यता से भरपूर हैं। लेकिन क्या आपको पता है भारत में ही कुछ जगह ऐसी भी है जिसका पता शायद आपको भी नही है।
लॉन्ग वीकेंड अलर्ट...इस वीकेंड करें यहां की सैर
गर्मियों की छुट्टियाँ अब नजदीक ही है..अगर आपने अभी तक छुट्टियाँ प्लान नहीं की है तो आज हम आपको बताने जा रहें हैं भारत की कुछ गुप्त जगहों के बारे में। जहां की अद्वितीय प्राकृतिक सौन्दर्यता को देख आप चकित रह जायेंगे।
अगर है दिलेरी...तो जरुर घूमे स्नेक पार्क में
तो इसी क्रम में आज का हमारा ये लेख उन लोगों के लिए है जो किसी शांत स्थान में जाकर प्रकृति के वरदान को महसूस करना चाहते हैं और उसमें खो जाना चाहते हैं।
ये हैं उत्तराखंड का छुपा हुआ खजाना...
गौरतलब है कि आज भारत में कई ऐसे डेस्टिनेशंस मौजूद हैं...जिनके बारे में तो लोग कम ही जानते हैं लेकिन ये डेस्टिनेशंस बेहद खूबसूरत हैं साथ ही लोगों की कम चहल कदमी के चलते ये बेहद शांत भी हैं।
कोल्लम
कोल्लम सबसे अच्छी तरह अपने प्राचीन नाम क्वीलॉन के नाम से जाना जाता है। यह तटीय शहर, अश्तामुडी झील के तट पर फैला हुआ है । यदि आपको शांति की तलाश और नेचर से लगाव है तो हमारा सुझाव है कि आपको यहां अवश्य आना चाहिए।PC: wikimedia.org
मंदरमणि
मंदरमणि, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से 180 किलोमीटर दूर मौजूद एक छोटा सा गांव है जो एक समुंद्र तट के किनारे स्थित। चूंकि ये स्थान एक गुमनाम डेस्टिनेशन है इस कारण आपको यहां बेहद कम ही लोग दिखेंगे। ये स्थान उनके लिए है जो नेचर के करीब रहना चाहते हैं और उसे समझना चाहते हैं। यदि आप यहां जा रहे हैं तो आप पाम और नारियल के पेड़ों के बीच मॉर्निंग या इवनिंग वॉल्क, फिशिंग, स्विमिंग करना न भूलें।PC:Mum321
सिजु जल गुफा, मेघालय
मेघालय की यह गुफा भारत की पहली नैचरल लाइमस्टोन गुफा है। यहां पर एक बहुत कमजोर पुल भी है, जो 2 पहाड़ियों को जोड़ता है। इस पर तो कदम रखकर देखिए, यह जिस तरह हिलेगा, आपकी रूह तक कांप जाएगी।तुरा से 132 किलोमीटर दूर सिजू अपनी इस जल गुफा, जिसे चमगादड़ गुफा भी कहते हैं, के लिए मशहूर है। भारत की तीसरी सबसे लंबी यह गुफा भूमिगत पानी के लिए भी जानी जाती है।
अगोंडा तट
एक छोटा, मनोहारी और अलग पड़ा तट है जो मार्गगांव के कस्बे से 37 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। यह सुनहरी रेत वाला 3 किलो मीटर लंबा तट है और अगोंडा बीच अकेले में आनंद उठाने वाले लोगों के लिए स्वर्ग है।
अगोंडा तट पर आकर पर्यटक पूरी तरह से शांति का अनुभव कर सकते हैं।
चांद बावड़ी
विशाल जलाशय चांद बावड़ी राजस्थान की प्राचीनतम बावडियों में से एक है। 9 मीटर से भी गहरी इस बावड़ी का निर्माण निकुम्भ राजवंश के राजा चांद ने करवाया था। अनगिनत सीढियों के जाल होने के कारण देखने में यह बावड़ी अदभुत है। सीढियों के दो तरफा गहरे सोपान होने के कारण इसे स्टेपवेल भी कहा जाता है। चांद बावड़ी के भीतर बनी तीन मंजिला तिबारियां, गलियारे और कक्ष भी अपनी बेमिसाल बनावटए पाषाण पर उकेरे गए शिल्पों और
भवन निर्माण शैली से विजिटर्स को हैरत में डालते हैं।
पाखल झील
पाखल झील एक मानव निर्मित झील है जो वारंगल शहर के निकट पाखल अभ्यारण्य में स्थित है। 1213 ई0 में ककातिया राजा गणपतिदेव द्वारा निर्मित यह झील 30 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली है। शानदार अचम्भित कर देने वाले दृश्य के साथ इस स्थान पर लम्बा समय बिताने की सुविधा के साथ यह झील पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है।PC:Alosh Bennett