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स्वतंत्रता दिवस कीजिये इन सात जगहों की सैर

इस स्वतंत्रता दिवस उन स्मारकों और जगहों की सैर कीजिये..जहां जाने के बाद अपने आप ही आप बोल उठे भारत माता की जय और जय हिन्द..

By Goldi

आपको देशभक्ति का एहसास कब होता है यकीनन, हमारे भारत की समृद्ध संस्कृति और विवधता पर ...दूसरे जब हमारे सैनिक भाई दुश्मनों को को सीमा से खदेड़ते है और जब हम राष्ट्रगीत को कहीं भी सुनते हैं..तो दिल में देशभक्ति का एक अलग ही जज्बा उठता है ।

दोस्तों के साथ करनी है पागलपंती तो...एक बार यहां जरुर जायेंदोस्तों के साथ करनी है पागलपंती तो...एक बार यहां जरुर जायें

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि.जल्द ही भारत अपना 70वां स्वतंत्रा दिवस मनाने वाला है...इस आजादी को पाने के लिए हमारे देश के वीर जवानों और कई देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी है...देश की आजादी से बाद कई ऐसी स्मारक बनाये गये हैं...जो हमे उस दौर में वापस ले जाता है..जब भारत ब्रिटिशों के चंगुल में जकड़ा हुआ था...लेकिन हमारे देश के वीर जवानों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी..जिसके कारण ही आज हम खुली हवा में साँस ले पा रहें है।

दिल्ली से उदयपुर- महलों और बगीचों का शहर है उदयपुरदिल्ली से उदयपुर- महलों और बगीचों का शहर है उदयपुर

इस स्वतंत्रता दिवस उन स्मारकों और जगहों की सैर कीजिये..जहां जाने के बाद अपने आप ही आप बोल उठे भारत माता की जय और जय हिन्द.. आइये स्लाइड्स में देखते हैं

द्रास वॉर मेमोरियल

द्रास वॉर मेमोरियल

द्रास वॉर मेमोरियल को कारगिल मेमोरियल और विजय पथ का निर्माण उन वीर सैनिको की यद् में कराया गया है..जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी थी...कारगिल वॉर 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था..जिसमे पाकिस्तान को भारत से मुंह की खानी पड़ी थी। इस मेमोरियल हाउस में एक विशाल शिलालेख है..जिसमे सभी वीर जवानों के नाम अंकित है..इसी हाउस में एक गैलरी भी है..जोकि कैप्टन मनोज पाण्डेय के नाम से है..जिसमे युद्ध की तस्वीरों से समेत जवानों की जिन्दगी को भी दर्शाया गया है।

PC: wikimedia.org

वाघा बॉर्डर-अमृतसर

वाघा बॉर्डर-अमृतसर

वाघा बॉर्डर अमृतसर के पास स्थित है..जहां वर्ष 1959 से ध्वज-निवाला समारोह होता है ..जिसमे दोनों देशों के बीच झंडा सम्मान के साथ झंडा उतारते हैं..यकीन मानिए इस सेरेमनी को देखते हुए आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे..वहां बज रहे गानों को सुन आपके अंदर एक देशभक्ति का जज्बा जाग उठता है। वाघा बोर्डर आप दोनों देशों की आवाम को देख सकते हैं।PC: wikimedia.org

लाल किला

लाल किला

मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा निर्मित लाल किले का निर्माण वर्ष 1639 में हुआ था..लाल किला वह ऐतिहासिक इमारत है..जहां हर साल देश के प्रधान मंत्री झंडा फहराते हैं..और देश की जनता को सम्बोधित करते हैं। लाल किला दिल्ली की सबसे बड़ी इमारतों में से एक है..जिसे वर्ष 2007 में वैश्विक धरोहर में शामिल किया गया।PC: wikimedia.org

जालियांवाला बाग

जालियांवाला बाग

अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग़ वह जगह है जहां बैसाखी के दिन निहत्थे हजारो की तादाद में इक्कठे हुए देशभक्तों पर जनरल डायर ने गोली चलवाई थी। जालियांवाला बाग़ में आज भी उन गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं।

जिस दौरान जनरल डायर ने इन निहत्थे देशभक्तों पर गोली चलवाने का आदेश दिया तो उनमे से कई अपनी जान बचाने के लिए वहां स्थित कुए में कूद गये..जिसे आप आज भी देख सकते हैं।

PC: wikipedia.org

सेलुलर जेल-काला पानी

सेलुलर जेल-काला पानी

काला पानी की नाम से प्रख्यात सेलुलर जेल पोर्ट ब्लेयर में स्थित है..यह अंग्रेजों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को कैद रखने के लिए बनाई गई थी, जो कि मुख्य भारत भूमि से हजारों किलोमीटर दूर स्थित थी, व सागर से भी हजार किलोमीटर दुर्गम मार्ग पडता था।इस जेल के अंदर 694 कोठरियां हैं। इस जेल में देश के कई देश भक्त जैसे बटुकेश्वर दत्त,योगेन्द्र शुक्ल,विनायक दामोदर जैसे लोगो ने सजा काटी है..कारागार की दीवारों पर वीर शहीदों के नाम लिखे हैं। यहां एक संग्रहालय भी है जहां उन अस्त्रों को देखा जा सकता है जिनसे स्वतंत्रता सैनानियों पर अत्याचार किए जाते थे।PC: wikipedia.org

विद्रोह स्मारक

विद्रोह स्मारक

इसे अजीतगढ़ के नाम से भी जाना जाता है... यह उन सभी लोगों की स्मृति में बनाया गया था जो 1857 के सिपाही विद्रोह के दौरान अंग्रेजों के दिल्ली फील्ड फोर्स में लड़े थे। स्मारक लाल बलुआ पत्थर में वास्तुकला के गॉथिक शैली में बनाया गया है।PC: wikimedia.org

रेजिडेंसी-लखनऊ

रेजिडेंसी-लखनऊ

रेजीडेंसी को ब्रिटिश रेजीडेंसी के रूप में भी जाना जाता है, यह लखनऊ की घेराबंदी के अधीन था, जो 1857 के सिपाही विद्रोह का हिस्सा था। यह नवाब सदात अली खान द्वितीय के शासन के दौरान बनाया गया था, जो की पांचवे नवाब थे..लखनऊ स्थित अब रेजीडेंसी अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है..लेकिन यहां आज भी आजादी से पहले की तोप आदि देखी जा सकती है।PC: wikimedia.org

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