Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »भारत की सभ्यता को जानने के लिए इन 10 म्यूजियम को ज़रूर देखें

भारत की सभ्यता को जानने के लिए इन 10 म्यूजियम को ज़रूर देखें

अगर आप सोचते हैं कि,म्यूजियम एक बोरिंग जगह हो सकती है।तो आप गलत है क्योंकि भारत की मूल्यवान संस्कृति और सभ्यता को इन म्यूजियम में कई सालों से संभाल कर रखा गया है।

By Ruchi Jha

कई लोगों के लिए म्यूजियम एक बोरिंग जगह हो सकती है। पर उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इन इमारतों की दीवारों के अन्दर से मिलने वाली जानकारी बेहद अमूल्य होती है। कुछ म्यूजियम अपने प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं जबकि कुछ म्यूजियम के बारे में लोगों को पता भी नहीं है।

लखनऊ से जुड़ी ये बातें शायद ही जानते होंगे आप!लखनऊ से जुड़ी ये बातें शायद ही जानते होंगे आप!

भारत की मूल्यवान संस्कृति और सभ्यता भारत की मूल्यवान संस्कृति और सभ्यता

यहाँ आपको भारत के विभाजन से लेकर भारत में यातायात की शुरुआत और टेक्सटाइल की शुरुआत तक की सारी जानकारी मिल जायेगी।

डॉन बोस्को सेंटर फॉर इंडिजेनस कल्चर्स: शिलांग

डॉन बोस्को सेंटर फॉर इंडिजेनस कल्चर्स: शिलांग

अगर आप उत्तरीपूर्वी भारत के इंडिजेनस औरब ट्राइबल कल्चर के बारे में जानना चाहते हैं..तो यह म्यूजियम एकदम बेस्ट है। सात मंजिल के इस म्यूजियम में उत्तरपूर्वी भारत की खेती बाड़ी प्रणाली से लेकर, खाना, धर्म, अस्त्र शस्त्र, पहनावा आदि के बारे में जाना सकता है। इस भवन की सबसे उपरी मंजिला में स्काईवाक है जहाँ से आप शिलांग की ख़ूबसूरती को निहार सकते हैं। यहाँ पर रेस्टोरेंट भी है जहाँ आप उत्तरीपूर्वी खाने का लुत्फ उठा सकते हैं।PC: Offical Site

ट्राइबल म्यूजियम- भोपाल

ट्राइबल म्यूजियम- भोपाल

2013 में खुला यह म्यूजियम मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के ट्राइबल कल्चर को दर्शाता है। इस म्यूजियम में ट्राइबल कलाकारों द्वारा बनाए गए शिल्पकृतियों को रखा गया है जो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभिन्न ट्राइब के सदस्य हैं।म्यूजियम में गैलरी हैं जो ट्राइबल जीवन, उनके कलात्मक अंदाज़ और उनके धर्मों के बारे में जानकारी देता है जो कलात्मक ढ़ंग से इस म्यूजियम में रखा गया है। यह ऐसी जगह है जहाँ से आप ट्राइबल जीवन के विस्मयकारी दुनिया में चले जायेंगे।

PC: Nagarjun Kandukuru

दक्षिणचित्र म्यूजियम- चेन्नई

दक्षिणचित्र म्यूजियम- चेन्नई

1996 में खुला यह म्यूजियम मद्रास क्राफ्ट फाउंडेशन द्वारा बनाया गया है जहाँ दक्षिणी भारत के 18 शुद्ध पैत्रिक घरों के बारे में जानकारी मिलती है। हर इमारत को म्यूजियम के अन्दर बनाया गया है। इन इमारतों के साथ साथ आपको उस विशेष समुदाय जो उन घरों में रहते थे उनकी जीवन शैली के बारे में भी पता चलता है।PC:Rrjanbiah

जैसलमेर वार म्यूजियम- जैसलमेर

जैसलमेर वार म्यूजियम- जैसलमेर

भारतीय सेना, भारत-पाकिस्तान लड़ाई (1965) के शहीदों और लोंगेवाला की लड़ाई (1971) के बारे में जानने के लिए इस म्यूजियम में जाएँ। यह म्यूजियम लेफ्टीनेंट जेनरल बॉबी मैथ्यूस की सोच थी और यह अगस्त 2015 में खुली थी। इस म्यूजियम में दो बड़े हॉल, एक ऑडियो विसुअल कमरा, सुवीनेर शॉप और कैफेटेरिया हैं। यहाँ पर आपको कई वार ट्राफी, विंटेज शस्त्र, टैंक, बंदूकें और मिलिट्री गाड़ियां देखने को मिल जायेंगी। यहाँ पर देखने वाली सबसे विशेष चीज़ है हंटर एयरक्राफ्ट जिसे भारतीय सेना ने लोंगेवाला की लड़ाई में इस्तेमाल किया था।

PC: Jaisalmer War Museum

कैलिको म्यूजियम ऑफ़ टेक्सटाइल्स- अहमदाबाद

कैलिको म्यूजियम ऑफ़ टेक्सटाइल्स- अहमदाबाद

इस म्यूजियम की स्थापना 1949 में अहमदाबाद का दिल कहे जाने वाले टेक्सटाइल इंडस्ट्री कैलिको मिल्स में हुई थी। इसकी स्थापना उद्योगपति गौतम साराभाई और उनकी बहन गीता साराभाई ने की थी। इस म्यूजियम को ज़रूर देखें जहाँ पारंपरिक भारतीय टेक्सटाइल का अभूतपूर्व भण्डार है और कुछ तो करीबन 500 साल पुराने हैं। मुख्य गैलरी में चौक अलंकृत है और 15वीं और 19वीं शताब्दी के मुग़ल और प्रांतीय शाशकों के कोर्ट टेक्सटाइल मौजूद हैं। यहाँ 19वीं शताब्दी के क्षेत्रीय कसीदाकारी, कालीन, कपड़े और भारत के दूसरे देशों के साथ टेक्सटाइल ट्रेड का प्रदर्शन भी किया गया है।PC:official site

हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम- गुरुग्राम

हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम- गुरुग्राम

2013 के अंत में स्थापित इस म्यूजियम में भारत में यातायात की शुरुआत को दर्शाया गया है। इस निजी म्यूजियम का आईडिया विंटेज कारों को इकठ्ठा करने के शौक़ीन तरुण ठकराल का था। इन्होने अपने कलेक्शन को भी म्यूजियम में लोगों को देखने के लिए रखा। यहाँ पर आप हर तरह के यातायात के साधन जैसे हौदा, बैलगाड़ी और बकरी गाड़ी, पालकी, विंटेज स्कूटर, वायुयान, नौका, ट्रेन और ग्रामीण भारत में इस्तमाल किये जाने वाले असामान्य जुगाड़ को देख सकते हैं।

PC:official site

पार्टीशन म्यूजियम- अमृतसर

पार्टीशन म्यूजियम- अमृतसर

इस म्यूजियम की स्थापना अक्टूबर 2016 में इस ध्येय से की गयी थी, कि जो लोग 1947 के भारत विभाजन से प्रभावित हुए उनके अनुभव को रिकॉर्ड किया जा सके और सुरक्षित रखा जा सके। यहाँ देखने वाली चीज़ है गैलरी ऑफ़ होप है जो उन लोगों के बारे में बताती है जो बिना कुछ लिए भारत आये और आज भारत में बड़े बिजनेसमैन आदि बनकर नाम कमा रहे हैं।PC: Official Website

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल- कोलकता

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल- कोलकता

इस ललित कला साहित्य म्यूजियम में 25 गैलरी हैं जिनमें करीबन 3900 पेंटिंग हैं और 28000 से भी ज़्यादा शिल्पकृतियाँ हैं। इस म्यूजियम को भारत में क्वीन विक्टोरिया की याद में तब बनाया गया था जब अंग्रेजों का शाशन अपने चरम पर था। PC: Sou Boyy

गाँधी स्मृति- दिल्ली

गाँधी स्मृति- दिल्ली

गाँधी को समर्पित, गाँधी स्मृति उस इमारत में बनी है जहाँ गांधीजी ने जनवरी 30, 1948 में उनकी ह्त्या होने से पहले अपने अंत के 144 दिन गुज़ारे। जिस कमरे में वह रहते थे उसे सुरक्षित रखा गया है और यहाँ पर उनकी कई निजी चीज़ें हैं जैसे कि, उनका चश्मा और चलने में इस्तेमाल की जाने वाली छड़ी। यहाँ आने वाले लोग पीछे के बगीचे में उस जगह को भी देख सकते हैं जहाँ उन्हें गोली मारी गयी थी और जहाँ आज शहीद स्तम्भ बना है।PC : Adam Jones

सिटी पैलेस म्यूजियम- उदयपुर

सिटी पैलेस म्यूजियम- उदयपुर

1559 में बना सिटी पैलेस म्यूजियम कई पैलेस के बीच में स्थित है। यहाँ पर आप अमूल्य राजसी स्मरणीय वस्तुएं जैसे चांदी का सामान, वादन यंत्र, परिवार की फोटो और रूपचित्र, चित्रकला और हथियार देख सकते हैं। मेवार राजसी परिवार ने उदयपुर सिटी पैलेस काम्प्लेक्स के कई हिस्सों को म्यूजियम में बदल दिया है और यह अपने आप को भारत के स्वर्णिम इतिहास के बारे में अवगत कराने के लिए एक अभूतपूर्व जगह है।

PC: Richard Moross

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X