हिमाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां आप पूरे राज्य में कहीं भी छुट्टियाँ मना सकते है। जरूरी नहीं की हर बार ही कुल्लू मनाली, शिमला या धर्मशाला जाया जाये। इसी क्रम में अज हम आपको बताने जा रहें है, हिमाचल प्रदेश की ऐसी झील के बारे में जिसके बारे में शायद ही आपने सुना होगा।
इस झील का नाम है रेणुका झील,जोकि नाहन से 40 किमी की दूरी पर स्थित है, जो हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। 672 मीटर की लंबाई के साथ, रेणुका झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील के रूप में जानी जाती है। जो हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
पौराणिक कथा के अनुसार, बाबा जमदग्नी, जो हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सात महान संतों में से एक थे, बहुत गुस्से वाले स्वभाव के माने जाते हैं ने एक बार अपने बेटे परशुराम को अपनी पत्नी और परशुराम की मां रेणुका,को मारने का आदेश दिया। एक आज्ञाकारी बेटे का परिचय देते हुए परशुराम ने अपनी मां को मार डाला। इस घटना के कुछ समय बाद पिता और पुत्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और दोनों ने रेणुका के सम्मान में इस झील का निर्माण किया।
इस लेक का आकार भी किसी सोई हुई महिला की तरह है। यहां एक छोटा-सा चिड़ियाघर भी है और 400 हेक्टेयर में फैला एक अभयारण्य भी है, जिसमें तरह-तरह की जड़ी-बूटियां तो हैं ही, चीतल, सांभर आदि जीव भी हैं। इन सबमें में पर्यटकों के बीच सर्वाधिक लोकप्रिय है रेणुका लेक, जो हिमाचल की सबसे बड़ी प्राकृतिक लेक भी कहलाती है।
हिमाचल टूरिज्म द्वारा पर्यटकों के लिए यहां तमाम तरह की व्यवस्था की गई है। यहां प्राकृतिक माहौल का आनन्द उठाने से लेकर लेक में बोटिंग करने आदि की व्यवस्था तो है ही, ठहरने की भी अच्छी व्यवस्था है। यहां पहुंचना भी काफी आसान है, क्योंकि दिल्ली से 315 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह लेक आसपास के भी तमाम शहरों से अच्छी तरह जुड़ी है।
कैसे पहुंचे रेणुका झील
दिल्ली से रेणुका झील के लिए आईएसबीटी एचआरटीसी की बस ली जा सकती है। दिल्ली से रेणुका झील का किराया करीबन 250 रुपये है। बता दें, दिल्ली से रेणुका झील का सफर 7 घंटे में तय किया जा सकता है।
अगर आप दिल्ली से कार से रेणुका झील जा रहें हैं तो,नेशनल हाइवे 1 से शाहाबाद मारकंडा जाइये। उसके बाद आप मुरथल में टी ब्रेक ले सकते हैं। मुरथल में चाय नाश्ता करने के बाद आप करनाल में भी छोटा सा नाश्ता कर सकते हैं। करनाल के बाद 170 किमी की दूरी तय करने के बाद आप शाहाबाद मारकंडा में लंच कर सकते हैं। उसके बाद आप शाहाबाद से रेणुका झील तीन के लिए जा सकते हैं।
रेणुका झील में ठहरने की व्यवस्था
रेणुका झील में ठहरने के लिए कई सारे रिसोर्ट उपलब्ध है,जोकि यहां आने वाले पर्यटकों को आसानी से 1400 रुपये खर्च करने पर मिल जायेंगे।
परुशराम ताल & रेणुका मंदिर
रेणुका देवी का मंदिर आने वाले श्रद्धालु पहले झील में स्नान कर उस झील की परिक्रमा करते हैं तथा बाद में रेणुका माता के दर्शन करते हैं। इस झील के पास ही महर्षि परशुराम के नाम पर एक छोटी सी झील है, जिसका नाम परशुराम ताल है। यहां परशुराम मंदिर तथा अन्य कई मंदिर हैं। यहां हर वर्ष नवंबर में अथवा कार्तिक में अष्टमी से पूर्णिमा तक मेला लगता है जो दीपावली से दस दिन बाद प्रारम्भ होता है।
जामू पीक
जामू पीक रेणुका जी 8 किमी की दूरी पर स्थित है, बताया जाता है कि, यहां ऋषि जमदगिनी से यहां तप करते थे। इस चोटी से रेणुका ताल और मंदिर का दृश्य बेहद ही मनोरम होता है। इस चोटी पर पहुँचने के लिए सीढियाँ भी है, जिससे आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है।
रेणुका झील
रेणुका झील 672 मीटर की लंबाई के साथ, रेणुका झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील के रूप में जानी जाती है।इस झील का शांत पानी यहां आने वाले पर्यटकों को असीम शांति का एहसास कराती है। यहां आने वाले पर्यटक इस झील में नौकायान का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
रेणुका वाइल्ड सेंचुरी
यहां एक छोटा-सा चिड़ियाघर भी है और 400 हेक्टेयर में फैला एक अभयारण्य भी है, जिसमें तरह-तरह की जड़ी-बूटियां तो हैं ही, चीतल, सांभर आदि जीव भी हैं।