हमारा भारत देश विविधताओं का देश है..यहां खूबसूरत बर्फ से घिरे पहाड़ है, नदियां,झरने,यहां तक की खूबसूरत सड़कें भी मौजूद हैं। जी हां इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत की घाटियों सड़को के बारे में..इन सड़कों को पहाड़ पास के रूप में भी जाना जाता है।
ये घाट सड़कों पहाड़ी पश्चिमी और पूर्वी घाट पर्वत श्रृंखला के प्रवेश मार्ग हैं।ये सड़के आम तौर पर बहुत ही शानदार होती हैं, क्योंकि यह सड़के घुमावदार पहाडियों पर स्थित है। ये सड़के इतनी खूबसूरत है, की जब अप इसपर ड्राइव करेंगे तो आपको समय का पता ही नहीं लगेगा। इन सड़को को ब्रिटिश साम्रज्य के दौरान पहाड़ी क्षेत्र को पहाड़ी स्टेशन से जोड़ने के लिए बनाया गया था। हालांकि इन सड़को ओपर ड्राइविंग करना किसी रोमांच से कम नहीं है...लेकिन इन सड़कों ओअर ड्राइविंग करते हुए सावधानी बरतनी बेहद जरुरी है।
झुकी हुई सड़को के कारण यहां दुर्घटना होने की आकांश ज्यादा रहती है। ये सड़के ज्यादातर घने और बीच जंगलो से होकर गुजरती हैं। इसी क्रम में आज हम आपको भारत की कुछ बेहतरीन घाट सड़कों की एक लिस्ट बताने जा रहें है...
जहां आप थोड़ी सी सावधानी बरतते हुए ढेर सारा रोमांच कर सकते हैं । नजर डालिए स्लाइड्स पर
वायनाड पास
वायानाड पास राष्ट्रीय राजमार्ग 212 के साथ कोज़िकोड से वायनाड को जोड़ता है। इस घाट पास को अक्सर वायनाड चुराम कहा जाता है यह आदिवराम (कोझिकोड) से शुरू होता है और लक्की (वायनाड) में समाप्त होता है। इस घाट रोड पर करीबन 9 झुके हुए मोड़ है। यह रोड पूरी तरह ढेर सारे ट्विस्ट एंड टर्नसवाली सड़क है। यह घात रोड करीबन 12 किमी की है जिसे पार करने में करीबन 45 मिनट का समय लगता है।9 वें मोड़ के बाद, शीर्ष पर एक दृश्य बिंदु है,
जहां से आप पहाड़ियों की मनोरम हरियाली का आनंद ले सकते हैं।
महाबलेश्वर और पंचगनी घाट रोड
महायालेश्वर और पंचगनी सहयाद्री रेंज वर्ष भर के सुखद मौसम के लिए जाना जाता है। वाई से पंचागण की तरफ जाने वाली पर्शी घाट, एकखूबसूरत घाट सड़क है, जो ओक के पेड़ और भव्य हरियाली के लिए जाना जाता है।अंबलेली घाट रोड महाबलेश्वर और पोलादपुर से जुड़ी हुई है। यह एक 40 किमी लंबी सड़क है।
मैंगलोर-हसन घाट रोड
इस घाट रोड को शिरडी घाट कहा जाता है। यह दक्षिणी कन्नड़ और हसन की सीमाओं पर एक छोटे से मंदिर से शुरू होती है। पश्चिमी घाट राष्ट्रीय राजमार्ग 48 के पास से गुजरता है, जिसे शिर्डी घाट कहा जाता है।यह जगह ट्रेकिंग के लिए काफी लोकप्रिय ह, ट्रेकर्स यहां वेंकटागिरि, एडाकुमरी, अरबेट्टा, अरमान बैटा और मुगिलगिरी चोटियों
तक पैदल यात्रा कर सकते हैं। यह गुंड्या से अरमान बेटा तक दो दिवसीय ट्रेकिंग होती है जिसे आसानी से पूरा किया जा सकता है।
कोझीकोड - वायनाड पास - सुल्थन बैथरी - मैसूर
यह पास कोझिकोड से मैसूर तक राष्ट्रीय राजमार्ग 766 के अंतर्गत आता है। राजमार्ग भारत के पश्चिमी घाट के घने जंगलों से गुजरता है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 766 पर है जोकि 272 किमी लंबा है, यह घाट चारो और हरे भरे पहाड़ो से घिरा हुआ है। रास्ते में आप बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और अन्य आरक्षित जंगल भी देख सकते हैं। जंगल होने के कारण इस रास्ते पर रात 8 से सुबह 6 बजे वाहन वर्जित नहीं है।
PC: wikimedia.org
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे के जरिये आप मुंबई से पुणे महज दो घंटे में पहुंच सकते हैं।यह हाइवे भारत की सबसे व्यस्त सड़कों में से ए है, यह राजमार्ग 94.5 किमी की दूरी तक फैला है। इस एक्सप्रेसवे में घाट अनुभाग खंडाला से देहु तक लगभग 10 किमी तक का है। खंडाला घाट भारत की सबसे सुंदर सड़कों में से एक है, खासकर बारिश के दौरान। सहारदरी रेंज में पलसदारी और खंडाला के बीच भोर घाट एक पहाड़ी मार्ग है। लोनावाला के पास राजमाची गार्डन घाट सड़कों को देखने के लिए एक आदर्श जगह है और यहाँ से एक्सप्रेसवे का नजारा भी सिर्फ शानदार है।
PC : Swapnil Creative
होनवर - जोग - सागर
होनवार और सागर राष्ट्रीय राजमार्ग 206 से जुड़े हुए हैं। घाट खंड लगभग 25 किलोमीटर है दूर स्थित है। होनवाना अरब सागर पर एक मछली पकड़ने का बंदरगाह है जोकि मुरुडेश्वर के रास्ते पर दो किमी लंबा है। बता दें यह पुल भारत के सबसे लम्बे पुलों में से एक है।बारिश के दौरान इस घाट पर ड्राइव करना थोड़ा खतरनाक है..इसीलिए यहां अनुभवी ड्राइवर्स को ड्राइव करने की सलाह दी जाती है। इस रोड से ही कुछ ही दूर भारत का खूबसूरत झरना जोग फॉल स्थित है।
PC : Brunda Nagaraj
तिरुपति ते तिरुमला
तिरुपति-तिरुमला घाट सड़क आंध्र प्रदेश के शशचलम हिल्स रेंज में स्थित हैं। इस घाटिय सड़क को सर एमविसशाहैयाह द्वारा डिजाइन किया गया था। ओल्ड घाट रोड तिरुमला से तिरुपति के वाहनों के लिए और तिरुपति से तिरुमला तक की नई सड़कों के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें 36 ट्विस्ट एंड टर्न हैं इस दूरी को कवर करने में 40 मिनट लगते हैं। तिरुपति को "आंध्र प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी" कहा जाता है यहां प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर देवस्थानम स्थित है।
PC : Magnetic Manifestations
नल्लालमला जंगल में कडप्पा घाट
घाट खंड नल्लालमला जंगल रालासीमा क्षेत्र के पुल कदपा शहर और रायचोटी शहर से संबंधित है। यह नल्लालमल्ला जंगल में एक सुंदर घाटी घाट है, जो कि रालासीमा क्षेत्र के पुल कदपा शहर और रायचोटी शहर से लगा हुआ है। यह एक बहुत खतरनाक घाट क्षेत्र है और यहां से गुजरने वाले व्यक्ति को इस खतरनाक मोड़ पर काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है क्योंकी यहां एक छोटी से भूल से आपकी जान भी जा सकती है।PC : Gopal Venkatesan
विशाखापट्टनम - अराक घाटी
अरकु घाटी आंध्र प्रदेश के विजाग में एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। यह विजाग से 136 किलोमीटर है घाट रोड की पहली झलक विषाखापत्तनम से 1.5 घंटे की ड्राइव के बाद देखी जा सकती है। अगर आप इस घाटिय सड़क पर ड्राइव कर रहें हैं तो आपको बोर्रा गुफा जरुर जाना चाहिए यह एक आदिवासी संग्रहालय है तथा आप इस संग्रहालय से आकर्षक और खूबसूरत घाटी के नजारों का विचरण भी कर सकते हैं।
PC : Adityamadhav83
गंगटोक - नाथुला दर्रा के माध्यम से झील तसोमगो
नथुला दर्रा के माध्यम से प्रसिद्ध सिल्क रूट का प्रबंधन किया जाता था। बर्फबारी के कारण यझ सड़के जाम हो जाती हैं, इतना ही नहीं अगर आप इस सड़क पर घूमना चाहतें है तो आपको खास परमिट की जरूरत होती है । इस दर्रे पर स्तर उच्च ऊंचाई के कारण ऑक्सीजन की की भी कमी हो जाती है, जिस कारण यहां आने वाले सैलानियों को पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर लाने की सलाह दी जाती है।झील तसोमगो प्रकृति के सबसे खूबसूरत झीलों मे से एक है। यह पूर्व सिक्किम में ग्लेशियरलेक है, जोकि गंगटोक से 40 किमी दूर स्थित है।PC : Shamitaksha
चेन्नई - मुन्नार
चेन्नई से मुन्नार की सड़क यात्रा त्रिची, डिंडीगुल, तेनी और बोडी के माध्यम से होती है।यह घाटिय सड़क बोडी मेट्टू से शुरू होती हैं और मुन्नार तक चलती हैं। इस दौरान इस पर करीबन 18 झुके हुए आपको मोड़ मिलेंगे।
आप उडुमलपेट तक ड्राइव कर सकते हैं और चिन्नाक्कल से सड़क की और मुड़ सकते हैं। इस मार्ग में घाट सड़कों व्यापक हैं, लेकिन यह बोडी मार्ग से लंबा है। मुन्नार तीन नदियों के संगम के नाम है, अर्थात् मुधिरपूजा, नल्लथन्नी और कुंडली। मुन्नार चाय के बागानों के लिए खासा पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। PC : Jaseem Hamza
बैंगलोर - ऊटी
बेंगलुरु से ऊटी तक पहुंचने के लिए दो घाट मार्ग हैं और दोनों ही बेहद सुंदर हैं। एक बेंगलुरु से - मैसूर - नानजंगुडू - गुंडलूपेट - बांदीपुर - मुदुमलाई - मसिनगुड़ी - कलहटी - ऊटी।इस रूट से पर्यटकों को 30 मीटर लंबी घाटिय सड़क पर 36 झुकी हुई मोड़ नजर आयेंगी। दूसरा मार्ग बंदीपुर - गुडालुर - नादुवादम - पायकारा - ऊटी से थोड़ा अधिक है। यह घाटिय सड़क करीबन 40 किमी कई मोड़ो के साथ है।
PC : Jaseem Hamza
नेरल - माथेरान
यह एक घाट खंड है जो सह्याद्री रेंज पर स्थित हैं। यह माथेरान हिल घाट 7 किमी की लम्बी सड़क है...इस रोड पर आने वाले सैलानियों को माथेरान दास्तुरी में अपनी कार पार्क करने के बाद माथेरान केंद्र तक पहुँचने के लिए 40 मिनट तक पैदल चलना होगा।
PC : udhaykumarPR
चिकमगलूर से मैंगलोर (चार्मडी घाट)
चार्मडी घाट ढाकशी कन्नड़ में बेलथांगडी में राष्ट्रीय राजमार्ग 234 पर स्थित है और चिकमगलूर तक फैली हुई है। इस घाट में 12 झुकी हुई मोड़ है साथ ही सडकें भी बहुत संकीर्ण हैं। कर्नाटक के अन्य घाटों की तुलना में यह घाट खंड बहुत गहरा है। मानसून में 7000 मिमी से ज्यादा की वर्षा होती है और उस समय के आसपास चलने में काफी जोखिम भरा हो सकता है।इस खंड में कुछ उल्लेखनीय चोटियों में जेनुकुल्लू गुड्डा, कोडेकलु गुड्डा और बालेकल्लू गुड्डा हैं। चारमाड़ी घाट में बांडाये आर्बी नामक एक सुंदर झरना भी मौजूद है।