त्युएनसांग, नागालैंड के सबसे बड़े एवं सुदूर पूर्व का जिला मुख्यालय है जो त्युएनसांग के नाम से ही है। यह न केवल अपने आकार के कारण बल्कि अपने विशेष संवैधानिक विशेषाधिकारों की वजह से एक महत्वपूर्ण जिला है। त्युएनसांग शहर को वर्ष 1947 में तत्कालीन एनईऍफ़ए (नेफा, नार्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी) के प्रशासन हेतु स्थापित किया गया था। इस जिले की पूर्वी सीमा म्यांमार के साथ है जबकि अन्य सीमाएं नागालैंड के जिलों के साथ लगी हुई हैं। हालांकि यह नेफा का प्रशासनिक मुख्यालय था, वर्तमान में त्युएन सांग जिले में मोन, किफिर एवं लोंगलेंग जिले शामिल हैं। ये चार जिले वक साथ पूर्वी नागालैंड के नाम से भी जाने जाते थे।
वर्ष 1957 तक त्युएनसांग न तो म्यांमार और न ही भारतीय क्षेत्र का भाग था, परन्तु जब अविभाजित असम के कोहिमा एवं मोकोकचुंग जिलों में त्युएनसांग का विलय हो गया, तब औपचारिक रूप से यह भारतीय क्षेत्र का भाग बन गया। उन दिनों (जब नागालैंड का एक राज्य के रूप में गठन नहीं हुआ था) त्युएनसांग, नागा हिल्स त्युएनसांग क्षेत्र का प्रशासनिक मुख्यालय था। बाद में 1963 में त्युएनसांग, मोकोकचुंग एवं कोहिमा, इन तीन जिलों के साथ नागालैंड राज्य का गठन हुआ। जैसे जैसे नागालैंड राज्य में अन्य जिलों का गठन हुआ वैसे वैसे त्युएनसांग जिले का आकार छोटा होने लगा।
त्युएनसांग समुद्र तल से 1371 मीटर की उंचाई पर स्थित है । यदि वोखा एवं मोकोकचुंग की ओर से यात्रा की जाए तो यह कोहिमा से 269 किमी की दूरी पर स्थित है, जबकि ज़ुन्हेबोटो की ओर से आने पर यह राज्य की राजधानी से 235 किमी दूर है। त्युएनसांग पूर्वी नागालैंड में एक मुख्य केंद्र है। भारतीय संविधान ने त्युएनसांग को एक विशेष प्रावधान प्रदान किया है जिसके तहत, नागाओं की सामजिक एवं धार्मिक प्रथाओं पर पारित क़ानून, भूमि हस्तांतरण का त्युएनसांग पर कोई प्रभाव नहीं होगा। हालंकि यदि नागालैंड विधान सभा इस पर कोई क़ानून पारित करती है तो मामला अलग हो जाएगा।
संस्कृति के रंगों के छिड़काव के साथ एक आकर्षक यात्रा स्थल
त्युएनसांग को मिनी(छोटा) नागालैंड भी कहा जाता है क्योंकि कई जनजातियों के सह- अस्तित्व के कारण यह स्थान सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है। जोशीले लोग, जातीय रीति-रिवाज़ एवं अनुष्ठान, रंगीन पोशाकें, कई नृत्य एवं लोकगीत सब मिलकर त्युएनसांग को एक आकर्षक स्थल बनाते हैं। नागालैंड की एक त्वरित झलक पाने के लिए, यात्रा विशेषज्ञों द्वारा, त्युएनसांग की यात्रा करना आवश्यक माना जाता है। नागालैंड के कई अन्य जिलों के विपरीत, त्युएनसांग में कई जनजातियां पीढीयों से सह अस्तित्व में हैं जो इस स्थान की जातीय विविधता को और अधिक जोशीला बनाते हैं। चंग्स, संगताम, यिम्चुंगर और खिअम्निउन्गन स्थाई भूमि मालिक या त्युएनसांग की स्थाई जनजातियां हैं। इन जनजातियों के अलावा सुमी नागा भी शहर के कई भागों में रहते हैं।
विशिष्ट हस्तशिल्प, हथकरघा एवं गहने- पर्यटकों के लिए रूचिकर
त्युएनसांग अपने हस्तशिल्प एवं हथकरघे के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ लोगों को पारंपरिक नागा कपड़ों में सजा हुआ देखा जा सकता है। इन कपड़ों ने पूरी दुनिया से कपड़े के पारखियों को आकर्षित किया है। गहरे लाल रंग, जटिल कलाकृतियाँ, विशिष्ट गहने इत्यादि त्युएनसांग के बाज़ार में आसानी से मिल जाते हैं। इन दुर्लभ और विशेष रूप से आदिवासी हस्तशिल्प के लिए एक दिन व्यतीत करना आपके त्युएनसांग यात्रा का अविस्मरणीय अनुभव हो सकता है। पर्यटक त्युएनसांग शहर से जिले में स्थित कई अन्य स्थल जैसे कि लोंग्त्रोक, किफिर एवं पुन्ग्रो की यात्रा भी कर सकते हैं।