ब्रह्मपुर पर्यटन - भगवान ब्रह्मा का निवास स्थान
इस शहर को ब्रह्मपुर नाम ब्रिटिश उपनिवेशवादियों द्वारा दिया गया है। हाल ही में इस शहर के नाम को बदल कर ब्रह्मपुर कर दिया गया है जो इस शहर के मूल नाम में संस्कृत भाषा के प्रभाव को......
ढेंकानाल - सूर्य की रोशनी से सराबोर हेमलेट
ढेंकानाल, राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से 99 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह एक सुंदर जगह है जो प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। ढेंकानाल का हेमलेट, सूर्य की रोशनी से सराबोर......
कोणार्क – पत्थरों पर तराशी एक कथा
राजधानी भुवनेश्वर से 65 किमी की दूरी पर स्थित कोणार्क आश्चर्यजनक इमारतों और प्राकृतिक सुन्दरता वाला खूबसूरत शहर है। बंगाल की खाड़ी से लगा इस छोटे से शहर में भारत के खूबसूरत......
भुवनेश्वर पर्यटन - मंदिरों से भरा एक शहर
भारत के पूर्वी हिस्से में बसा भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी है। यह शहर महानदी के किनारे पर स्थित है और यहां कलिंगा के समय की कई भव्य इमारतें हैं। यह प्रचीन शहर अपने दामन में 3000......
बलांगीर : जहां राजसी आभा आज भी कायम है।
बलांगीर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर के साथ एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला शहर भी है। यह जगह, यहां की खूबसूरत सेटिंग के कारण जानी जाती है और यहां कई सुंदर मंदिर......
कालाहांडी - प्रागैतिहासिक सभ्यता का खज़ाना
कालाहांडी इतिहास और संस्कृति में समृद्ध ओडिशा का एक जि़ला है। उत्तेयी और तेल नदियों के संगम पर स्थित कालाहांडी में 12वीं सदी की उत्कृष्ट वास्तुकला के कुछ बहुत प्राचीन मंदिर हैं।......
कंधमाल - विस्मयकारी और मोहक प्रकृति की गोद में
कंधमाल ओडिशा के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से है। प्राकृतिक सौंदर्य एवं अमानतों से समृद्ध और स्वदेशी जनजाति के निवास के रूप में यह जगह कुछ ठेठ आदिवासी आबादी का घर है। कंधमाल......
गोपालपुर पर्यटन - मोहक सौंदर्य वाला स्थान
गोपालपुर, उड़ीसा के दक्षिणी सीमा रेखा पर स्थित एक तटीय शहर है। यह स्थान, बंगाल की खाड़ी के पास में स्थित है और राज्य में तीन प्रमुख पर्यटनों स्थलों में से एक है।......
पुरी पर्यटन – जहां ब्रह्मांड़ के देवता राज करते हैं
पुरी, पूर्वी भारत के ओड़िशा राज्य का एक शहर है जो गर्व से बंगाल की खाड़ी पर खड़ा है। यह ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर से 60 किमी दूर स्थित है। पुरी शहर को जगन्नाथ मंदिर के कारण......
चिल्का पर्यटन - लैगून की भूमि
चिल्का भारत में सबसे बड़े तटीय लैगून, चिल्का झील के लिए प्रसिद्ध है। इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी झील होने का गौरव हासिल है। चिल्का पर लैगून होने के कारण यह ओडिशा के लोकप्रिय......
संबलपुर - भिन्न-भिन्न विचारों से युक्त अनुभव
संबलपुर इतिहास और आधुनिकता का एकीकरण है। आज संबलपुर के रूप में जानी जाने वाली जगह ने अनेक शासकों और सरकारों के तत्वावधान में कई डिवीजनों और विलय को देखा है। विभिन्न शासी निकाय......
कटक : एक ऐतिहासिक शहर
कटक, उड़ीसा की वर्तमान राजधानी भुवनेश्वर से 28 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो पहले उड़ीसा की मूल राजधानी हुआ करती थी। इसे उड़ीसा की सांस्कृतिक और वाणिज्यिक राजधानी के......