कालियादेह महल उज्जैन के मंदिर के शहर के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह महल बहुत समय पहले वर्ष 1458 ई. में मांडू के सुल्तान द्वारा बनवाया गया था। यह महल शिप्रा नदी के बीच एक द्वीप पर स्थित है। पिंडारियों के समय यह महल पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया था और 1920 में श्री माधव राव सिंधिया ने इसे फिर से बहाल किया था।
इस महल की वास्तुकला बहुत महत्वपूर्ण है तथा इसका केंद्रीय हाल पारसी वास्तुकला का उमदा उदाहरण है। इस महल में अकबर और जहाँगीर की यात्रा पर दो शिलालेख विरासत के रूप में स्थित है। मध्य प्रदेश के पर्यटन मंत्रालय के अनुसार यह महल सबसे अधिक देखें जाने वाले स्थानों में से एक हैं। सारे परिदृश्य को गौरवशाली बनाते हुए इस महल के दोनों ओर शिप्रा नदी बहती है।