पीर मत्स्येंद्रनाथ नाथा संप्रदाय के महान शैव नेता मत्स्येंद्रनाथ के नाम पर है। यह नेता अपने अनुयायियों द्वारा पीर कहा जाता है तथा यह जगह हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए बहुत आदर का स्थान है। यह जगह शिप्रा नदी के किनारे स्थित है।
यह जगह भृतृहरि गुफाओं और गढ़कालिका मंदिर के पास स्थित है। उज्जैन के मुख्य शहर से केवल 1कि.मी. की दूरी पर स्थित होने के कारण आप यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं। इस प्रसिद्ध स्थल की खुदाई करने पर छठी व सातवीं सदी के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
इस जगह की वास्तुकला बहुत सुंदर है। यह साधारण सी सफेद संरचना है लेकिन इसकी शैली बिल्कुल अलग है। इन वास्तुकला के डिज़ाइनों की क्वालिटी देखने के लिए इन संरचनाओं को बहुत पास से देखना होगा। अनेक भक्त हररोज़ यहाँ आते हैं।