सिद्धवट उज्जैन के पवित्र शहर में स्थित है। इस जगह के पास ही शिप्रा नदी बहती है। इस जगह को इसकी पवित्रता के कारण प्रयाग का अक्षयवट कहा जाता है। यहाँ आने पर आप शिप्रा नदी में प्रचुर मात्रा में कछुए देख सकते हैं।
सिद्धवट घाट अंतिम संस्कार के बाद की प्रक्रियाओं के लिए प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश राज्य से सैकड़ों लोग संस्कार कर्म करने के लिए सालभर यहाँ आते रहते हैं। पुराणों में भी इस जगह को प्रेत-शिला-तीर्थ कहा गया है। स्थानीय लोगों का मानना है कि देवी पार्वती ने इस जगह पर तपस्या की थी।
एक किंवदंती के अनुसार एक बड़ा बरगद का पेड़ काट दिया गया तथा पूरा इलाका लोहे की चादरों से ढक दिया गया था। लेकिन हैरत की बात यह है कि बरगद की शाखाएँ लोहे की चादर में छेद करके बाहर निकल आई थी। उस दिन से, स्थानीय लोग इस जगह को पवित्र मानते है। नाथ संप्रदाय के लोग इस जगह पर पूजा भी करते हैं।