इस गुरूद्वारे को स्थानीय लोग मंजी साहिब के नाम से जानते हैं। यह ऊना से 40 किमी. दूर स्थित एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित चारों तरफ सुंदर युकलिप्टुस के पेड़ के साथ घिरा हुआ यह गुरूद्वारा श्रद्धालुओं के दिल और मन में खास जगह बना लेता है।
एक प्रसिद्ध संत बाबा भारभाग सिंह ने इस मंदिर की स्थापना की थी और इसे बाबा राम सिंह के पुत्र बाबा गुरबारभाग सिंह को समर्पित कर दिया था। हर साल फरवरी और मार्च महीने के बीच में यहां बाबा भारभाग सिंह नाम का एक मेला लगता है और श्रद्धालु उत्सव मनाते है।
कहा जाता है कि बाबा भारभाग सिंह अपनी शक्तियों से लोगों को ठीक कर दिया करते थे। इसलिए मेले लगने के 10 दिनों के दौरान मानसिक बीमारियों से पीडि़त मरीजों को यहां लाया जाता है ताकि वह ठीक हो सक।