लक्ष्मी विलास पैलेस
वड़ोदरा के राजमहल 1890 में महाराजा सयाजीराव के समय में बनवाए गए थे। महल के निर्माण के लिए उन्होंने मेजर चार्ल्स मेंट को नियुक्त किया था। वहीं बाद में काम को पूरा किया था आरएफ चिसोल्म ने। इंडो-सारासेनिक परंपरा से बने इन महलों में आप भारत, इस्लामिक और यूरोपीय वास्तुशिल्प का मेल देख सकते हैं।
राजमहल घूमते समय आप पच्चीकारी टाइल्स, बहुरंगी संगमरमर, कई तरह की चित्रकला, प्रांगण में लगे ढेरों ताड़ के पेड़ और प्रवेश द्वार पर लगे फव्वारों का आनंद उठा सकते हैं। उस समय भी इन महलों में एलिवेटर जैसे आधुनिक सुविधाएं थीं।
यहां के दरबार हॉल में फेलिसकी द्वारा संकलित किए गए कांसे, संगमरमर व टेरीकोटा की मूर्तियां और विलियम गोर्डलिंग द्वारा तैयार किए गए बागीचे को देखकर आप रोमांचित हो उठेंगे। राजमहल के अंदर स्थित मोती बाग महल और महाराजा फतेह सिंह म्यूजियम भी घूमने का एक अच्छा विकल्प मुहैया कराता है। मोती बाग महल के ठीक बगल में मोती बाग क्रिकेट मैदान है, जिसमें सौगान की सतह वाले टेनिस और बैडमिंटन कोर्ट है।
महाराजा फतेह सिंह म्यूजियम में राजा रवि वर्मा की पेंटिंग का विशाल संकलन है। ये सभी पेंटिंग महाराजा द्वारा मान्यताप्राप्त थे। इसके अलावा म्यूजियम में जापान, चीन और इटली के संगमरमर व कांसे से बनी मूर्तियां भी देखी जा सकती हैं। चीनी और जापानी मूर्तियों को महाराजा के द्वारा संकलित किया गया था, जबकि इटली की मूर्तियों को वहां के मूर्तिकार फेलिसकी के जरिए इकठ्ठा किया गया था। इस महल में घूमने के लिए महाराजा के सचिव से अनुमति लेनी पड़ती है।
नजरबाग महल
सफेद संगमरमर के चूने से बनाया गया नजरबाग महल कभी शाही परिवार का गेस्ट हाउस हुआ करता था। आज इसमें शाही परिवार की पैतृक संपदा को रखा गया है। इस महल का निर्माण 1721 में करवाया गया था और आज आप इसमें सोने और चांदी से बने बंदूक देख सकते हैं। साथ ही यहां गायकवाड़ शाही परिवार का गहना और दक्षिण के प्रसिद्ध हीरे का हार भी देखा जा सकता है। महल के संकलन में कीमती पत्थर और मोती जड़े कपड़े भी रखे गए हैं।
मकरपुरा महल
यह शाही परिवार के गर्मियों का महल है। इटैलियन स्टाइल में बने इस महल का निर्माण महाराजा खेंडे राव ने 1870 में करवाया था। बाद में महाराज सयाजीराव तृतीय ने इसका नवीनीकरण करवाया। फिहलाह इसका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना द्वारा प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। हालांकि आप इस महल के अंदर प्रवेश नहीं कर सकते, पर बाहर से भी इस तीन तल्ले महल के वैभव को देखना बेकार नहीं जाएगा।