गोवा के अन्य किलों की तरह चपोरा किले का रखरखाव भी पिछले कुछ दशकों में सख्ती से नहीं किया गया है परंतु फिर भी यहाँ कुछ अद्भुत दृश्य देखने मिलते हैं। पर्यटक आज भी काई और शैवाल से सनी इस संरचना पर अचम्भा करते हैं जो पुर्तगाली वास्तुकला और ठोस निर्माण की गुणवत्ता को प्रदर्शित करती है।
चपोरा का क्या महत्व है?
चपोरा किले का निर्माण पुर्तगालियों द्वारा सन 1617 में हिंदू आक्रमणों से अपने क्षेत्र की रक्षा करने के लिये किया गया था। इस किले का निर्माण भी प्रसिद्द किले अगुआड़ा के समय ही हुआ था परंतु हिंदुओं के आक्रमणों के कारण अगुआड़ा किला नष्ट हो गया और इसके खंडहर इसके संघर्ष की कहानी बताते हैं। इस किले का निर्माण एक मुस्लिम उपनिवेश शाहपुरा के नाम पर किया गया अत: इस किले का वैकल्पिक नाम शाहपुर है। अंततः 1892 में पुर्तगालियों ने इस किले को छोड़ दिया परंतु अभी भी आप युद्ध और आक्रमणों के समय उपयोग में लाई जाने वाली दो आपूर्ति सुरंगों के अवशेष देख सकते हैं।
आपको चपोरा किले के अवशेष कैसे मिलते हैं?
चपोरा उत्तर बरदेज़ जिले में वागातोर समुद्र तट के निकट है और मापुसा शहर से यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है जो लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सीधे शब्दों में कहें तो यदि आप बागा, कलंगुट या अंजुना समुद्र तट के विस्तार में हैं तो आपको यहाँ पहुँचने में अधिक समय नही लगेगा, सिर्फ उत्तर की ओर बढते जाईये। आप पणजी या वास्को से किराये की टैक्सी द्वारा भी जा सकते हैं। यद्यपि आपको यह सलाह दी जाती है कि यदि आप किलों की सैर करना चाहते हैं तो आप कार या मोटरसाइकिल किराये पर लें जिससे आप अपनी सुविधा से किलों की सैर कर सकते हैं। चपोरा किले की यात्रा का सबसे अच्छा समय गर्मियों में होता है।