इसे विश्व शांति स्तुप के नाम से भी जाना जाता है, वास्तव में यह वैशाली का अनूठा घटक है। इसका निर्माण, जापानी बौद्ध के निपोप्जंन मयोहोजी सम्प्रदाय ने करवाया था। यह स्तुप, शांति का प्रतीक है। यहां के फूजी गुरूवार जी ने अपना पूरा जीवन यहां, विश्व शांति के लिए समर्पित कर दिया है।
शांति का संदेश देने के लिए उन्होने वैशाली में एक पैगोडा की स्थापना की। यह शांति के मंदिर के लिए एक उपयुक्त स्थान है। इस स्तुप का व्यास 65 फीट का है और इसके स्तुप का आकार 125 फुट लंबा है। स्तुप में भगवान बुद्ध के अवशेष, सोने के गहने और कांच का काफी सामान रखा है।
यह स्तुप, कोरोनेशन टैंक के निकट स्थित है और यहां भारी संख्या में पर्यटक औश्र श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते है। यह स्थान हमेशा सद्भाव और बुद्ध के सिद्धातों का स्थल है जो पूरे विश्व में शांति बनाएं रखने का आह्वान देता है।