नये विश्वनाथ मंदिर की स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी, पंडित जी ने ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को स्थापित किया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। 252 फीट ऊंचे इस श्राइन की नींव मार्च, 1931 में रखी गई थी और इसे पूरा होने में लगभग तीन दशक लग गए थे।
यह पूरा मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है जो हु-ब-हु असली विश्वनाथ मंदिर की कॉपी है। असली विश्वनाथ मंदिर भी काशी में ही स्थित है, जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब आलमगीर ने नष्ट कर दिया था। नया विश्वनाथ मंदिर एक बड़ा परिसर है। इस परिसर में सात मंदिर है जिनमें कई देवी - देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई है।
मंदिर के ग्राउंड फ्लोर में भगवान शिव को समर्पित मंदिर है जबकि पहले फ्लोर में लक्ष्मी नारायण और दुर्गा मां का मंदिर है। इस मंदिर की अनूठी विशेषता, सफेद संगमरमर से बना लंबा शिखर है। मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग है। मंदिर की भीतरी दीवारों में गीता और अन्य महत्वपूर्ण धर्मग्रन्थों के श्लोक व विचार उत्कीर्ण किए गए है।
यह मंदिर सभी धर्म और जातियों के लिए खुला है, इस मंदिर में पंडित मदन मोहन मालवीय जी का उदारवादी और प्रगतिशील दृष्टिकोण देखने को मिलता है।