पंचगंगा घाट को पंचगंगा इसलिए कहा जाता है क्योकि इसे पांच नदियों - गंगा, सरस्वती, धुपापापा, यमुना और किरना के संगम पर बनाया गया है। इन पांच नदियों में से केवल गंगा को देखा जा सकता है, बाकी की चार नदियां पृथ्वी में समा गई। इस घाट को वाराणसी के सबसे पवित्र घाटों में से एक माना जाता है।
इस घाट की अनूठी और पवित्र लोकेशन के अलावा, पंचगंगा घाट तीन ऐतिहासिक कारणों के लिए भी प्रसिद्ध है :
1) संत तुलसी दास, जिन्होने प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण को रचा था, उन्होने अपनी खास रचना विनायक पत्रिका को इसी स्थान पर बैठ कर लिखा था।
2) वेदों के महान ज्ञाता और शिक्षक स्वामी रामानंद अपने शिष्यों को यहीं शिक्षा दिया करते थे।
3) मुगल शासक औरंगजेब ने यहां स्थित विष्णु मंदिर को नष्ट कर दिया था, जिसे मराठा सरदार बेनी मधुर राव सिंधिया ने बनवाया था और इसके स्थान पर औरंगजेब ने आलमगीर मस्जिद का निर्माण कर दिया था।