लगभग 6 मील के क्षेत्र में फैले इस तटीय किले का निर्माण पुर्तगालियों ने 1624 में समुद्री हमलों के महत्व को समझते हुए किया था। मोरमुगाओ किला गोवा के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे वरका बीच के समान ही लोकप्रिय है। इसके अलावा यह पर्यटन स्थलों जैसे मडगांव, मडगांव पोर्ट और वास्को दा गामा के निकट है। भौगोलिक दृष्टि से यह किला प्रसिद्ध साल्सेते के उत्तर पश्चिम में स्थित है।
ऐतिहासिक महत्व
मोरमुगाओ किले का निर्माण अनिवार्य रूप से पुर्तगालियों द्वारा मडगांव तथा इसके आसपास के बंदरगाहों के प्रादेशिक जल की रक्षा के लिए किया गया था। किले के प्रवेश द्वार पर वही गतिविधियाँ हैं जिनकी सामान्यतः अपेक्षा की जाती है अर्थात यहाँ डोम फ्रांसिस्को दा गामा और किंग डोम फिलिप के नाम खुदे हुए हैं। ये शिलालेख तत्कालीन वायसराय के स्मारक हैं और ये तब लिखे गए जब किले का उद्घाटन किया गया था। वायसराय मडगांव में आकर रहने लगे जो 1703 में अनिवार्य रूप से साम्राज्य की राजधानी था। पूरे इतिहास के दौरान इस किले ने बहुत हमले सहन किये जब तक पुर्तगालियों ने इसे मराठों को सौपने और स्वयं पुराने गोवा में बसने का निर्णय लिया।
इस किले में आज अच्छी तरह से संरक्षित तीन पत्रिकाएँ, पाँच जेल कोठरी, 20 परकोटे, एक चर्च और किले के पहरेदारों के लिये आवास है। किला विशाल है और अगर इसकी परिधि नापी जाय तो यह लगभग 10 किलोमीटर के आसपास आती है। वरका बीच जो इस किले के निकट ही है, अपनी मछली पकड़ने की परम्परागत लकड़ी की नौकाओं के लिये प्रसिद्द है और एक दर्शनीय स्थान है। मोरमुगाओ किले की सैर के लिये उत्तम समय गर्मियों का होता है।
मोरमुगाओ किला गोवा के डाबोलिन हवाई अड्डे के सबसे निकट है जो वास्को दा गामा के शहर के दक्षिण में लगभग4 किलोमीटर की दूरी पर हैं। किले तक कैब, रिक्शा या बस द्वारा पहुँचा जा सकता है या फिर आप किराये की टैक्सी या मोटर साइकिल द्वारा भी यहाँ पहुँच सकते हैं।