वेनूर जैनियों का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। गुरूपुर नदी के तट पर बसा यह छोटा सा शहर आज के परिपेक्ष्य में गुमनाम हो सकता है लेकिन इतिहास में यह एक समृद्धशाली शहर था अजिला वंश की राजधानी के साथ-साथ जैन धर्म का महत्वपूर्ण केन्द्र था।
जैनियों का लोकप्रिय और मजबूत पकड़ वाला स्थल
वेनूर का महान धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी है। शहर का सबसे बड़ा आकर्षण यहाँ पर स्थित 35 फीट ऊँची भगवान गेमतेश्वर की प्रतिमा है। इसे 1604 ई0 में जैन राजा तिम्मन्ना अजिला द्वारा स्थापित किया गया था और कर्नाटक में पाये जाने वाले भगवान गोमतेश्वर की एक पत्थर वाली चार संरचनाओं में से एक है।
वोनूर और इसके आसापास के पर्यटक स्थल
वेनूर में कई पुरानी जैन बसादियाँ है जो देखने लायक हैं। शहर के बाहर सात प्रचान मन्दिर भी हैं। ये मन्दिर स्थापत्य कला शैली में महान हैं और उस समय की कला औ संस्कृति की झलका दिखलाते हैं। गोमतेशव्र मन्दिर के दोनो ओर दो मन्दिर स्थित हैं। शहर की पृष्ठभूमि में स्थित सहयाद्री की पहाड़ियों के साथ क्षेत्र की प्रकृतिक सुन्दरता देखने लायक है। वेनूर धर्मस्थल और करकला जैसे अन्य महत्वपूर्ण केन्द्रो के बहुत समीप है।
वेनूर कैसे पहुँचे
यह दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित है और मैंग्लोर से सड़क द्वारा जुड़ा है। उडुपी तक राज्य परिवहन की बसों के साथ-साथ टैक्सियों द्वारा भी पहुँचा जा सकता है।
वेनूर आने का सबसे बढ़िया समय सर्दियाँ हैं।